चाहे क्रिसमस हो या न्यू ईयर चर्च या गिरजाघर हमेशा से ही लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहे हैं। हो सकता है इन पर्वों के दौरान यहां उपस्थित लोगों कि भीड़ आपको इन चर्चो कि तरफ़ आकर्षित करे। तो चलिए पहले आपको ये बता दें कि आखिर चर्च होते क्या हैं?
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चर्च अथवा कलीसिया शब्द दो मतलब होते हैँ एक, ईसाई धर्म में ईश्वर की पूजा-प्रार्थना करने का धर्मस्थल या भवन जिसे आमतौर पर गिरजाघर कहा जाता है, और दूसरा, ईसाई धर्म के अन्तर्गत आने वाला कोई भी धार्मिक संगठन या साम्प्रदाय।
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तो इसी क्रम में आज अपने इस लेख के जरिये हम आपको दिखाने जा रहे हैं चेन्नइ स्थित अर्मेनियाई चर्च और सेंथोम बेसिलिका की कुछ चुनिंदा तस्वीरें। आपको बता दें कि चेन्नई में अर्मेनियाई चर्च की स्थापना 1772 में और सेंथोम बेसिलिका का निर्माण 1893 में किया गया था। तो अब देर किस बात की आइये देखें चेन्नई स्थित इन दोनों खूबसूरत चर्चो की तस्वीरें।
सेंथोम बेसिलिका
सेंथोम बेसिलिका चेन्नई का एक बेहद खूबसूरत चर्च है जिसका निर्माण 1893 में किया गया था।
अर्मेनियाई चर्च
चेन्नई में अर्मेनियाई चर्च की स्थापना 1772 के दौरान की गयी है इसकी वास्तुकला भी देखते बनती है।
अर्मेनियाई चर्च
चर्च अथवा कलीसिया शब्द दो मतलब होते हैँ एक, ईसाई धर्म में ईश्वर की पूजा-प्रार्थना करने का धर्मस्थल या भवन जिसे आमतौर पर गिरजाघर कहा जाता है।
अर्मेनियाई चर्च
आपको बता दें कि अर्मेनियाई चर्च का एक अन्य नाम अर्मेनियाई चर्च ऑफ वर्जिन मैरी भी है।
अर्मेनियाई चर्च
प्राचीन इमारत होने के कारण ये एक विरासत स्थल है। पर्यटकों के लिए ये चर्च सुबह 9 बजे से 2. 30 तक खुला रहता है।
अर्मेनियाई चर्च
यह चर्च आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च द्वारा वित्त पोषित और र्मेनियाई चर्च समिति कोलकाता द्वारा इसका रख रखाव होता है।
अर्मेनियाई चर्च
इस चर्च की एक ख़ास बात ये है कि यहां आपको 350 आर्मीनियाई लोगों कि कब्रें देखने को मिलेंगी।
अर्मेनियाई चर्च
विश्व के पहले अर्मेनियाई आवधिक अजदरार के संस्थापक, प्रकाशक और संपादक हरौतिउन श्मवोनियन की भी कब्र यहीं मौजूद है।
अर्मेनियाई चर्च
इस चर्च में 6 विशाल घंटियां भी हैं जिन्हें रविवार को सुबह बजाया जाता है।
अर्मेनियाई चर्च
इस चर्च में आपको इसाई धर्म से सम्बंधित कई दुर्लभ चित्र भी देखने को मीलेंगे।
अर्मेनियाई चर्च
किसी समय चेन्नई में अर्मेनियाई लोगों की एक बड़ी संख्या वास करती थी दुखद बात ये है कि अब ढूंढने से भी इस समुदाय के लोग आपको यहां नहीं मिलेंगे।
सेंथोम बेसिलिका
चेन्नई में सेंथोम बेसिलिका का निर्माण 1893 में करवाया गया था। इस निर्माण का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच इसाई धर्म को प्रचारित करना था।
सेंथोम बेसिलिका
आपको बताते चलें कि सेंथोम बेसिलिका में प्रर्थना करने वाली ईसाई धर्म के एक समुदाय रोमन कैथोलिक से सम्बंधित हैं ।
सेंथोम बेसिलिका
रात की रौशनी में नहाया हुआ सेंथोम बेसिलिका का एक बेहद खूबसूरत फोटो।
सेंथोम बेसिलिका
जगमगातीरौशनी और फूलों से सजे सेंथोम बेसिलिका का एक मन मोह लेने वाला फोटो।
सेंथोम बेसिलिका
इस चर्च का भी शुमार भारत के प्राचीन चर्चों में होता है जहाँ हर संडे आप लोगों की भारी भीड़ देख सकते हैं।