मानसून में घूमने की एक नहीं बल्कि कई वजहें हैं। इस दौरान प्रकृति का सौंदर्य अपने चरम पर होता है। ठंडी हवाएं, हरियाली और सुहावना मौसम, ये सब चीज़ें किसी भी जगह को खूबसूरत बनाने के लिए काफी हैं। इसके अलावा मानसून के दौरान घूमने की एक और वजह ये भी है कि अधिकतर लोग बारिश की वजह घूमने कम निकलते हैं और इस वजह से आपको इस मौसम में पर्यटन स्थलों पर भीड़ कम मिलेगी।
इसका मतलब है कि सभी खूबसूरत जगहों को देखने के लिए आपके पास भरपूर समय होगा और इस दौरान ऑफ सीज़न की वजह से सब कुछ सस्ता भी होता है। बारिश की वजह से नदी और तालाब वगैरह पानी से भर जाते हैं और इनका सौंदर्य भी बढ़ जाता है। इस दौरान झरनों, झीलों और बांधों पर घूमने का मजा ही कुछ और होता है।
आज हम आपको महराष्ट्र के कुछ बांधों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर आप मानसून के मौसम में घूमने जा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं महाराष्ट्र के इन खूबसूरत बांधों के बारे में।
कोयना बांध
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सतारा जिले में कोयना नदी पर बना कोयना बांध महाराष्ट्र के सबसे बड़े बांधों में से एक है। पश्चिमी घाट में कोयना नगर इसके पास स्थित है इसलिए यहां से आप बांध का तरोताजा दृश्य देख सकते हैं। मानसून में ये जगह और भी ज्यादा खूबसूरत दिखाई देती है। आप बस या ट्रेन द्वारा चिपलुन पहुंच सकते हैं या टैक्सी भी ले सकते हैं।
कोयना बांध चिपलुन से 42 किमी दूर है। खुद ड्राइव करके भी आप यहां आ सकते हैं लेकिन यहां की सडके बहुत घुमावदार हैं इसलिए गाड़ी सावधानी से चलाएं।
जायकवाड़ी बांध
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गोदावरी नदी पर बना जायकवाडी बांध औरंगाबाद में पईथान में स्थित है। ये एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध है। इसके पास जायकवाड़ी पक्षी अभ्यारण्य भी देख सकते हैं। यहां पर आपको कई प्रवासी पक्षी देखने का मौका मिलेगा। जायकवाड़ पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप औरंगाबाद से होते हुए यहां पहुंचे। ये प्रमुख शहर है और बाकी राज्यों से जुड़ा हुआ भी है। आप बस, ट्रेन या फ्लाइट द्वारा औरंगाबाद पहुंच सकते हैं और फिर यहां से जायकवाड़ बांध के लिए टैक्सी ले सकते हैं। यहां से जायकवाड़ बांध 52 किमी दूर है।
मुल्शी बांध
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पश्चिमी घाट पर घने जंगलों और ऊंचे पहाड़ों से घिरा मुल्शी बांध पुणे से बस कुछ किलोमीटर दूर ही स्थित है। मुला नदी पर बना ये बांध पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है। मानसून के बाद के महीनो में भी यहां पर पर्यटकों का तांता लगा रहता है। पुणे से मुल्शी बांध पहुंच सकते हैं जोकि महाराष्ट्र का प्रमुख शहर है। पुणे से मुल्शी बांध 40 किमी की दूरी पर स्थित है।
विल्सन बांध
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महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित भंडारदरा के हिल स्टेशन में विल्सन बांध है। इसे भंडारदरा बांध के नाम से भी जाना जाता है। प्रवरा नदी पर बना विल्सन बांध देश का सबसे पुराना बांध है। ये पूरा क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य से सजा है। महाराष्ट्र की सबसे ऊंची चोटि भंडारदरा है। भड़ारदरा पहुंचने का सबसे आसान मार्ग मुंबई और पुणे से सड़क मार्ग है। मुंबई और पुणे से भंडारदरा 163 और 172 किमी दूर है। इसके अलावा आप मुंबई और पुणे से इगतपुरी के लिए ट्रेन भी ले सकते हैं या भंडारदरा के लिए टैक्सी कर सकते हैं जोकि यहां से 44 किमी दूर है।
पावना बांध
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पावन नदी पर बना पावना बांध पावन नगर के गांव में बना है। ये छोटा सा खूबसूरत गांव मुंबई और पुणे के बीच पड़ता है। ये बांध लोनावला के पास है और मुंबई और पुणे से रेल द्वारा आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है।
मुंबई से पावना बांध की दूरी 108 किमी है और पुणे से इसकी दूरी 45 किमी और लोनावला से 20 किमी दूर है। ये बांध कई पहाड़ों, झीलों, झरने और ट्रैकिंग स्पॉट से घिरा हुआ है। यहां पर मॉनसून के दौरान कई शानदार जगहें भी देख सकते हैं।