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महादेव का खास मंदिर जो 20 साल तक पानी में डूबा रहा

जाने जलमग्न संगमेश्वर मंदिर के बारे में, यह मंदिर करीबन 20 सालों तक पानी के अंदर रहा और वर्ष 2003 में इस मंदिर का फिर से पुन:निर्माण किया गया।

By Goldi

हिन्दू धर्म में महादेव अन्य देवतायों की तरह बेहद पूजनीय हैं। पूर्ण भारत में महादेव के कई खूबसूरत मंदिर है..जैसे अमरनाथ,केदारनाथ जहां हर भक्त का पहुँचाना मुमकिन नहीं है..इन मन्दिरों में भगवान के दर्शन करने के लिए भक्तो को कड़ी तपस्या करनी पड़ती है। इन मन्दिरों के अलावा शिव का एक मंदिर और है.संगमेश्वर मंदिर..जोकि आन्ध्रप्रदेश के कुरनूल में स्थित है।

Hide and Seek Temple in Kurnool!

संगमेश्वर मंदिर का पौराणिक कथा
मिथक के अनुसार, महाभारत काल में पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान कुरनूल आये थे.. उन्होंने श्रीसैलम मल्लिकार्जुन मंदिर की यात्रा के बाद इस क्षेत्र में एक शिव लिंग स्थापित करने का निर्णय लिया। धर्मराज (युधिष्ठिर) ने अपने भाई भीम को काशी से शिवलिंग लाने का आदेश दिया। जिसके बाद पाँचों भाइयों ने मिलकर कृष्णा और तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थापित किया। जिस कारण इस लिंगसंगमेश्वर (संगमा, जहां नदियां मिलती हैं) कहा जाता है, क्योंकि यहां पांच नदियों का मिलन होता है।

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1980 में श्रीसैलम बांध के निर्माण के बाद संगमेश्वर मंदिर जलमग्न हो गया था। संगमेश्वर मंदिर इस स्थान के कई अन्य मंदिरों की तरह स्थानांतरित नहीं हुआ था। इस प्रकार, मंदिर श्रीसैलम बांध के पानी से जलमग्न हो गया। यह मंदिर करीबन 20 सालों तक पानी के अंदर रहा और वर्ष 2003 में इस मंदिर का फिर से पुन:निर्माण किया गया।
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गर्मियों के दिनों में यह मंदिर अच्छे से नजर आता है..2003 के बाद से यह मंदिर हर साल गर्मियों के महीनों में भक्तो के लिए खोल दिया जाता है। हालांकि इस मंदिर की पुरानी वास्तुकला पानी के चलते खतरे में है। यह मंदिर साल में 40-50 दिन के लिए श्रधालुयों के लिए खोला जाता है। जब मंदिर पानी से घिर जाता है, तो भक्त नाव के जरिये दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

संगमेश्वर मंदिर कहां है?
संगमेश्वर भवन मंदिर कुरनूल जिले के मुचुमाररी गांव के किनारे के पास स्थित है। यह कृष्णा नदी और तुंगभद्रा नदी के साथ भवानीसी, वेनी, भीमराठी और मालापाहरानी मिलते हैं। महबूबनगर और कुरनूल जिले की सीमा पर निर्मित श्रीसैलम बांध और जलाशय संगमेश्वर मंदिर के पास सुंदर पर्यटन स्थल है।

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संगमेश्वर मंदिर तक कैसे पहुंचे?
संगमेश्वर मंदिर, अप्रैल-मई के दौरान केवल 40 से 50 दिनों के लिए खुला है।इस मंदिर की यात्रा के लिए नौकाओं किनारे से उपलब्ध हैं।

बस से: सरकार चलाने वाली बसें पागिद्याला तक पहुंचने के लिए उपलब्ध हैं।

ट्रेन से: कुर्नूल रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है।

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