निजामों के शहर हैदराबाद की सबसे खूबसूरत झील 'हुसैन सागर' जिसे हैदराबाद का मरीन ड्राइव कहा जाता है। यह झील ऐतिहासिक शहर के उस कोने में अपनी खूबसूरती बिखेर रही है, जहां आपको सिर्फ सुकून ही सुकून मिलेगा। जानकारी के लिए बता दें यह यह एक कृत्रिम झील है, जिसका निर्माण गोलकुंडा के चौथे शासक इब्राहिम कुली कुतुब शाह के दामाद हुसैन शाह ने कराया था। उन्हीं के नाम पर इस झील का नाम पड़ा 'हुसैन सागर'। यह झील भारत के जुड़वा शहरों के नाम से मशहूर हैदराबाद और सिकंदराबाद को अलग करती है। यहां अकसर लोग अपनी कामकाजी दुनिया से परे हट आनंद का अनुभव करने आते हैं। शाम होते ही यह झील एक अलग मनोरम दृश्य के साथ प्रकट होती है मानों यह आपसे बात करना चाह रही हो। ऐतिहासिक विरासत के रूप में संजोकर रखी गई यह झील अब एक खूबसूरत पर्यटक स्थल के रूप में अपनी पहचान बना रही है। सुबह से लेकर देर रात तक आपको यहां सैलानियों की अच्छी खासी भीड़ नजर आ जाएगी। यहां नौका विहार से लेकर सैर सपाटे के लिए कई विशेष स्थल मौजूद हैं जो आपके एडवेंचर के लिए पूरा पैकेज साबित हो सकते हैं।
क्यों आएं हुसैन सागर
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अगर आप कामकाज की भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच थोड़ा फुर्सत के पल बिताना चाह रहे हैं तो यह झील आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यहां आप परिवार या फिर दोस्तों के साथ काफी रिलैक्स टाइम स्पेंड कर सकते हैं। झील की सैर करने के लिए यहां नौका विहार की सुविधा भी उपलब्ध है जहां आप अपने एडवेंचर के शौक को भी पूरा कर सकते हैं। 24 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली यह कृत्रिम झील आपको यह एहसास नहीं होन देगी की आप किसी तंग शहर के बीच आनंद का अनुभव कर रहे हैं। झील के आस पास 33 प्रसिद्ध ऐतिहासिक लोगों की मूर्तियां स्थापित की गईं हैं, जिन्हें देखकर आप इसके ऐतिहासिक महत्व को भलीभांति समझ सकते हैं।
विहार का सही समय
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हुसैन सागर झील का आनंद आप दिन के किसी भी समय ले सकते हैं, पर अगर आप शाम का वक्त चयन करते हैं तो यहां ज्यादा आनंद का अनुभव किया जा सकता है। शाम के वक्त आपको सूर्यास्त का मनोरम दृश्य देखने को मिल जाएगा। इसके साथ ही झील के चारो और सैर-सपाटे की अच्छी व्यवस्था की गई है जिससे आप झील के शीतल जल को छूकर आती सौम्य हवाओं का आनंद ले सकते हैं। साथ ही यहां आसपास मौजूद पर्यटक स्थलों का भी लुफ्त उठा सकते हैं।
रॉक ऑफ गिब्राल्टर पर स्थित विशाल बुद्ध प्रतिमा
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हुसैन सागर झील के बीच में स्थित 'रॉक ऑफ गिब्राल्टर' पर स्थापित महात्मा बुद्ध की 18 मीटर ऊंची प्रतिमा पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र है। अगर आपने हुसैन सागर घूमने की प्लानिंग की है तो यहां जरूर आएं। वैसे बुद्ध की विशाल प्रतिमा के दर्शन दूर से भी किए जा सकते हैं पर यहां नौकाओं या स्टीमर के जरिए प्रतिमा को सामने से देखने का मौका मिल जाता है। कहा जाता है जब इस इस प्रतिमा को झील के बीच स्थापित किया जा रहा था तो इसे ले जाने वाली नाव पानी में डूब गई थी। काफी प्रयासों के बाद बुद्ध की विशाल प्रतिमा को रॉक ऑफ गिब्राल्टर पर स्थापित किया गया था। बता दें कि इस प्रतिमा का वजह लगभग 350 टन है।
लुम्बिनी पार्क
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हुसैन सागर के सटा हुआ लुम्बिनी पार्क हैदराबाद के प्रमुख प्रयटक स्थलों में आता है। हैदराबाद भ्रमण पर निकले देश-विदेश से आने वाले सैलानी यहां का लुफ्त उठाने जरूर आते हैं। लुम्बिनी पार्क मुख्य तौर से अपने लेज़र लाइट शो के लिए जाना जाता है। शाम के वक्त यहां के अद्भुत नजारों का लुफ्त उठाने के लिए पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ती है। पार्क में लगाए गए म्यूजिकल फाउंटेन भी खास आकर्षण का केंद्र हैं। बता दें कि ऐतिहासिक शहर की शान बढ़ाने के लिए इस पार्क का निर्माण 1994 में किया गया था। इस पार्क का नामकरण भगवान बुद्ध के जन्मस्थान लुम्बिनी के नाम पर रखा गया है।
बिड़ला मंदिर
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हुसैन सागर के ठीक बगल में विशाल बिड़ला मंदिर है, जिसका अपना अलग आध्यात्मिक महत्व है। कहा जाता है काले पहाड़ पर स्थापित इस मंदिर से पूरे शहर का दीदार किया जा सकता है। पर्यटन के लिहाज से भी इस टेंपल की अलग पहचान है। अगर आप हुसैन सागर घूमने आएं हैं तो यहां का शांत अनुभव जरूर लें। मानसिक शांति के लिए हैदराबाद का यह स्थल काफी विख्यात है। इस मंदिर का रात का नजारा किसी मनोरम दृश्य से कम नहीं। शहर के मध्य अपनी दैविक रोशनी बिखेरता ये मंदिर पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है।
कैसे करें प्रवेश
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ऐतिहासिक शहर हैदराबाद के हुसैन सागर तक पहुंचने के लिए आपको ज्यादा मशक्कत करने की जरूरत नहीं। आप आराम से हैदराबाद आएं, जिसके लिए आप फ्लाइट या ट्रेन का सहारा ले सकते हैं। हैदराबाद हवाई अड्डे
से इस ऐतिहासिक झील तक पहुंचने के लिए आपको मात्र 34 किमी का सफर तय करना होगा। अगर आप ट्रेन से हैदराबाद आए हैं तो यहां तक पहुंचने के लिए मात्र 20 मिनट का समय लगेगा। आप सुविधा अनुसार कैब, टैक्सी या बस का सहारा ले सकते हैं। यहां ठहरने के लिए बजट के अनुसार होटल्स या लॉज आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे। कुल मिलाकर हुसैन सागर के भ्रमण के लिए आपको ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं।