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जाने! कुछ ऐसा है यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का शहर गोरखपुर

आजकल देश के बच्चे-बच्चे के नाम पर गोरखपुर शहर का नाम है, वजह आपको पता ही है...जी हां मंहत योगी आदित्यनाथ.जो यूपी की सत्ता के मालिक हैं,लेकिन सच में गोरखपुर केवल योगी के नाम से ही चर्चित हुआ है या फिर

By Goldi

बीते दिन भाजपा ने यूपी में प्रचंड बहुमत के साथ 15 के बनवास के बाद अपनी सरकार बनाई। जिसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री बने गोरखानाथ के बड़े महंत आदित्य नाथ योगी। यूपी के मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी नाथ द्वारा किये गये कार्यों की उत्तर प्रदेश में काफी सराहाना हो रही है।

गोरखपुर
उत्तर प्रदेश राज्य के पूर्वी भाग में नेपाल के साथ सीमा के पास स्थित भारत का एक प्रसिद्ध शहर है। जो राज्य की राजधानी लखनऊ से करीबन 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक धार्मिक केन्द्र के रूप में मशहूर है जो बौद्ध, हिन्दू, मुस्लिम, जैन और सिख सन्तों की साधनास्थली रहा।

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किन्तु मध्ययुगीन सर्वमान्य सन्त गोरखनाथ के बाद उनके ही नाम पर इसका वर्तमान नाम गोरखपुर रखा गया। यहाँ का प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर अभी भी नाथ सम्प्रदाय की पीठ है। यह महान सन्त परमहंस योगानन्द जी का जन्म स्थान भी है।

जैसे की यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने गोरखपुर में अपना काफी समय व्यतीत किया है...इसीलिए आज हम आपको अपने लेख के जरिये गोरखपुर के बारे में कुछ खास बातें और पर्यटन स्थलों से अवगत कराने जा रहें है।

गोरखानाथ मंदिर

गोरखानाथ मंदिर

गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है और यह शहर के बीचों बीच स्थित है। यह मंदिर उस जगह बनाया गया है जहाँ गुरु गोरखनाथ साधना किया करते थे। यह मंदिर 52 एकड़ जमीन पर बनाया गया है। यह मंदिर इस क्षेत्र में सबसे सुंदर और विशिष्ट मंदिरों में से एक है। यहां प्रतिवर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर खिचड़ी-मेला का आयोजन होता है, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु/पर्यटक सम्मिलित होते हैं। यह एक माह तक चलता है। यह मंदिर गोरखपुर रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर दूरी पर नेपाल रोड पर स्थित है। बता दें उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्य मंत्री आदित्य नाथ योगी इस मंदिर के महंत है।

गीताप्रेस

गीताप्रेस

गोरखपुर में गीता प्रेस एक प्रसिद्ध प्रेस है जो पुराने हिंदू ग्रंथों और शिक्षाओं के प्रकाशन के लिए जाना जाता है।गीता प्रेस एक प्रसिद्ध प्रेस है जो पुराने हिंदू ग्रंथों और शिक्षाओं के प्रकाशन के लिए जाना जाता है। प्रेस के वर्तमान स्वरूप का 1955 में भारत के पहले राष्ट्रपति ने उद्घाटन किया था। गीताप्रेस की दीवारों पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एवं भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की महत्त्वपूर्ण घटनाओं की 'चित्रकला' प्रदर्शित हैं। यहां पर हिन्दू धर्म की दुर्लभ पुस्तकें, हैण्डलूम एवं टेक्सटाइल्स वस्त्र सस्ते दर पर बेचे जाते हैं। विश्व प्रसिद्ध पत्रिका कल्याण का प्रकाशन यहीं से किया जाता है।
PC: Gita Press

इमामबाड़ा

इमामबाड़ा

गोरखपुर नगर के मध्य में स्थित इस इमामबाड़ा का निर्माण हज़रत बाबा रोशन अलीशाह की अनुमति से सन्‌ 1717 ई० में नवाब आसफुद्दौला ने करवाया। उसी समय से यहां पर दो बहुमूल्य ताजियां एक स्वर्ण और
दूसरा चांदी का रखा हुआ है। यहां से मुहर्रम का जुलूस निकलता है। इमामबाड़ा गोरखपुर रेलवे स्टेशन से करीबन दो किमी की दूरी पर स्थित है।

सूर्यकुण्ड मन्दिर

सूर्यकुण्ड मन्दिर

गोरखपुर में स्थित सूर्यकुंड पर्यटकों के बीच मुख्य आकर्षणों में से एक हैं...बताया जाता है कि, यहां श्री राम ने विश्राम किया था..जिसके बाद इस सूर्यकुंड का निर्माण किया गया, यह सूर्यकुंड करीबन दस एकड़ में फैला हुआ है।

विनोद वन

विनोद वन

विनोद वन एक अत्यन्त सुन्दर एवं मनोहारी छटा से पूर्ण मनोरंजन केन्द्र (पिकनिक स्पॉट) है जहाँ बारहसिंघे व अन्य हिरण, अजगर, खरगोश तथा अन्य वन्य पशु-पक्षी विचरण करते हैं। यहीं पर प्राचीन बुढ़िया माई का स्थान भी है, जो नववर्ष, नवरात्रि तथा अन्य अवसरों पर कई श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यह वन विनोद वन रेलवे स्टेशन से 9 किलोमीटर दूर गोरखपुर-कुशीनगर मार्ग पर स्थित है।

आरोग्य मंदिर

आरोग्य मंदिर

आरोग्य मंदिर शरीर के चिकित्सा सम्बन्धी उपचारों के लिए काफी प्रसिद्ध मंदिर है। गोरखपुर में स्थित यह मंदिर शहर के किसी भी हिस्से से आसानी से पंहुचा जा सकता है। यहाँ पर लोगो को मेडिटेशन और नेचुरल हीलिंग के तरीके सिखाये जाते है। जिसे सिखने के लिए बहुत सारे पर्यटक यहाँ पूरे साल आते है।

मुंशी प्रेमचन्द उद्यान

मुंशी प्रेमचन्द उद्यान

मुंशी प्रेमचन्द उद्यान प्रख्यात साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द के नाम पर बना है। इसमें प्रेमचन्द्र के साहित्य से सम्बन्धित एक विशाल पुस्तकालय निर्मित है तथा यह उन दिनों का द्योतक है जब मुंशी प्रेमचन्द गोरखपुर में एक स्कूल टीचर थे।

कुश्मि वन

कुश्मि वन

कुश्मि वन गोरखपुर में एक बहुत लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह मुख्य रेलवे जंक्शन के करीब है और यह साल और सेकोई के पेड़ों के लिए जाना जाता है। यहाँ बहुत सारे जानवर भी पाए जाते है जैसे बंदर, हिरण और लोमड़ी। और यहाँ ये विश्वास है की अगर आप यहाँ कोई मन्नत मांगे ते है तो वह अवश्य पूरी होती है।

गीतावाटिका

गीतावाटिका

गीतावाटिका में राधा-कृष्ण का भव्य मनमोहक मन्दिर स्थित है। इसकी स्थापना प्रख्यात समाजसेवी हनुमान प्रसाद पोद्दार ने की थी। यह मंदिर गोरखपुर-पिपराइच मार्ग पर रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।

कैसे पहुंचे गोरखपुर

कैसे पहुंचे गोरखपुर

गोरखपुर हवाई, रेल और सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।

वायुयान द्वारा
पर्यटक गोरखपुर गोरखपुर एयपोर्ट द्वारा पहुंच सकते हैं, जोकि शहर से 6 किमी की दूरी पर स्थित है। जेटलाइट, किंगफिशर और स्पाइसजेट सहित घरेलू विमान सेवाओं की एक छोटी संख्या मुम्बई, दिल्ली, कोलकाता, इलाहाबाद और कहीं और जाने के लिये नागरिक विमानन सेवाओं का कार्य करती हैं।

ट्रेन द्वारा
गोरखपुर रेलवे स्टेशन भारत के उत्तर पूर्व रेलवे का मुख्यालय है। यहाँ से गुजरने वाली गाडियाँ भारत में हर प्रमुख शहर से इस शहर को सीधा जोड़ती हैं। पुणे, चेन्नई, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर,जौनपुर,उज्जैन, जयपुर, जोधपुर, त्रिवेंद्रम, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, कानपुर, बंगलौर, वाराणसी, अमृतसर, जम्मू, गुवाहाटी और देश के अन्य दूर के भागों के लिये यहाँ से सीधी ट्रेने उपलब्ध है।

सड़क

कैसे पहुंचे

कैसे पहुंचे

सड़क
गोरखपुर प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ा हुआ है, जिससे आसानी से बस या कार द्वारा यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। गोरखपुर की प्रमुख शहरों से दूरी
लखनऊ-231 किलोमीटर
दिल्ली-783 किलोमीटर
फैजाबाद-100 किलोमीटर
कुशीनगर-50 किलोमीटर
जौनपुर-170 किलोमीटर
कानपुर-276 किलोमीटर
इलाहाबाद-339 किलोमीटर
आगरा- 624 किलोमीटर

कब जायें

कब जायें

गोरखपुर जाने के लिए अच्छा समय नवंबर और मार्च के बीच है।

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