सपनों का शहर मुम्बई सिर्फ इसलिए ही सपनों का शहर नहीं कहलाता क्युंकि यह बॉलीवुड का शहर है, बल्कि इसलिए भी कहलाता है क्युंकि यहाँ पर्यटकों के लिए भी कई आकर्षक केंद्र हैं। मुम्बई के इन्हीं प्रसिद्द आकर्षक केंद्रों में से एक मुम्बई की शान गेटवे ऑफ़ इंडिया यहाँ का सबसे प्रसिद्द आकर्षक केंद्र होने के साथ-साथ मुम्बई का प्रमुख लैंड मार्क भी है। जो भी इस शहर की यात्रा पर जाते हैं वे गेटवे ऑफ़ इंडिया की सुंदरता को ज़रूर ही देखना नहीं भूलते हैं।
भारत का गर्व होने के साथ-साथ गेटवे ऑफ़ इंडिया की कुछ ऐसी ज़रूरी बातें भी हैं जो आपको शायद ही पता होंगे। चलिए आज हम मुम्बई के इसी सबसे शानदार आकर्षक केंद्र, गेटवे ऑफ़ इंडिया के कुछ दिलचस्प तथ्यों के बारे में जानते हैं।
मुम्बई का ताज महल
गेट ऑफ़ इंडिया को मुम्बई के ताजमहल के रूप में संबोधित किया जाता है। यह इस शहर का एक महत्वपूर्ण लैंडमार्क और ऐतिहासिक रूप से प्रासंगिक, पर्यटकों का मुख्य आकर्षक केंद्र है।
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गेटवे ऑफ़ इंडिया का महत्व
बहुत पहले समय पूर्व गेटवे ऑफ़ इंडिया मछुआरों द्वारा एक कच्चे घाट की तरह इस्तेमाल किया जाता था। बाद में इसे पुनर्निर्मित कर ब्रिटिश अधिकारियों व अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों द्वारा अपने अवतरण स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा।
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गेटवे ऑफ़ इंडिया की वास्तुकला
गेटवे ऑफ़ इंडिया का निर्माण भारत-सर्सेनिक वास्तुकला का उपयोग करके बनाया गया है, जो गुजराती और इस्लामिक वास्तु शैलियों का मिश्रण है। उन दिनों यह शैली काफ़ी प्रचलन में था।
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गेटवे ऑफ़ इंडिया की नींव
जब क्वीन मैरी और किंग जॉर्ज वी मुम्बई की यात्रा पर गए तब उनकी यात्रा के उपलक्ष्य में, सन 1911 में इस स्मारक की नींव रखी गयी। हालाँकि स्मारक की नींव सन 1911 में ही रख दी गयी थी, पर संरचना के डिज़ाइन को सन 1914 में ही मंजूरी मिली थी।
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गेटवे ऑफ़ इंडिया का डिज़ाइन
गेटवे ऑफ़ इंडिया का डिज़ाइन जॉर्ज विटेट द्वारा तैयार किया गया था, जो एक स्कॉटिश आर्किटेक्ट थे और जिन्होंने सबसे ज़्यादा मुम्बई में ही काम किया है।
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गेटवे ऑफ़ इंडिया की संरचना
गेटवे ऑफ़ इंडिया पीले बेसाल्ट और मजबूत कंक्रीट में बनाया गया है। ज़मीनी तल से संरचना की ऊँचाई लगभग 26 मीटर ऊपर है। इसकी दीवारों को खूबसूरत जाली के काम से सजाया गया है। और इसका केंद्रीय गुम्बद जो ज़मीन के ऊपर उच्चतम बिंदु पर स्थित है, का व्यास लगभग 15 मीटर है।
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एलिफैंटा गुफ़ाओं की ओर शुरुआती केंद्र
गेटवे ऑफ़ इंडिया, एलिफैंटा गुफ़ाओं की ओर जाने के लिए एक प्रारंभिक केंद्र है।
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स्मारकीय निशानी
गेटवे ऑफ़ इंडिया आज भी ब्रिटिश औपनिवेशक शासन को दर्शाता एक स्मारकीय निशानी है।
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