देश-दुनिया में तमाम लोग है, जिन्हें पुरानी चीजों के बारे में जानने या शोध करने में बड़ा ही मजा आता है। हमेशा से ही हमारे मन में एक जिज्ञासा बनी रहती है कि आखिर जीवाश्म क्या है या ये कितना साल पुराना है या ये कैसे बनता है। इस गुत्थी को सुलझाने के लिए झारखंड के साहिबगंज में राज्य का पहला फॉसिल पार्क खोला गया है। इस पार्क में म्यूजियम के साथ-साथ विजुअल ऑडिटोरियम की व्यवस्था है ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को सारी जानकारी विस्तृत तरीके से दी जा सकें।
विजुअल ऑडिटोरियम के माध्यम से दी जाएगी विस्तृत जानकारी
इस पार्क के विजुअल ऑडिटोरियम के माध्यम से पर्यटकों को ब्रह्मांड की संरचना के बारे में दिखाया जाएगा। ताकि लोगों को पता चल सके कि आखिर किस प्रकार से ब्रह्मांड की संरचना हुई, किस प्रकार से जीवाश्म बने और किस प्रकार से वैज्ञानिकों द्वारा करोड़ों साल पहले जीवाश्मों को खोजा गया।
रेस्टोरेंट और गेस्ट हाउस की भी सुविधा
राजमहल पहाड़ी पर बनाए गए इस फॉसिल पार्क में रेस्टोरेंट और गेस्ट हाउस जैसी सुविधाएं भी दी गई है। प्रकृति की गोद में बसने वाले इस पार्क का नजारा पर्यटकों को खूब पसंद आने वाला है। यहां पर पक्षियों की चहचहाने की आवाज पर्यटकों को इसकी ओर आकर्षित करेगी। इससे झारखंड पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
औषधि एवं जीवाश्म से भरी पड़ी है राजमहल पहाड़ी
राजमहल की पहाड़ी पर वनस्पति, औषधि एवं जीवाश्म का भंडार पड़ा है। काफी समय पहले अलग-अलग राज्यों से लोग इस पहाड़ी पर जड़ी-बूटी लेने आया करते थे। हालांकि, अब पहाड़ी को पूरी तरह सुरक्षित कर दिया गया है।
10.79 करोड़ रुपये की लागत से बना ये फॉसिल पार्क
करीब 95 एकड़ में फैले इस पार्क को बनाने में 10.79 करोड़ रुपये का खर्च आया है। इसमें पहाड़ी के चारों ओर चारदीवारी बनाई गई है। लाखों-करोड़ों साल पुराने यहां उपस्थित जीवाश्मों को घेराबंदी कर सुरक्षित किया जा रहा है। ताकि इस पर और अच्छे गहन अध्ययन किया जा सके।
कैसे पहुंचे फॉसिल पार्क
साहिबगंज में राजमहल पहाड़ी पर स्थित फॉसिल पार्क पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा- रांची एयरपोर्ट (461 किमी.) और पटना एयरपोर्ट (325 किमी.) में है। वहीं, यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन मिर्जाचौकी (25 किमी.) है। इसके अलावा यहां सड़क मार्ग के जरिए भी पहुंचा जा सकता है।