क्षेत्र: - कश्मीर, जम्मू और कश्मीर
दिन: - 8 दिन
ग्रेड: - मॉडरेट
अधिकतम ऊंचाई: - 13,750 फीट
अनुमानित ट्रेकिंग किलोमीटर: - 72 किलोमीटर
जब भी दिमाग में बर्फीली वादियों, झीलों और कल-कल बहते झरनों की तस्वीर उभरती है तो किसी का भी ध्यान बरबस कश्मीर की ओर ही खिंचा चला आता है। आप यकीन मानिए कश्मीर आज भी उतना ही खूबसूरत है,जितना कभी पहले था। और सबसे बड़ी बात यह कि यह अब सुरक्षित भी है। तभी तो पिछले दो सालों के भीतर 30 लाख के करीब पर्यटक कश्मीर आए थे।
कहते है अगर धरती पर जन्नत देखनी है तो कश्मीर चले आओ। आप यकीन मानिए कश्मीर आज भी उतना ही खूबसूरत है, जितना कभी पहले था। कश्मीर की शीतल आबोहवा, हरेभरे मैदान और खूबसूरत पहाडि़यों की हसीन वादियों में प्रकृति की अद्भुत चित्रकारी अनुपम सौंदर्य की छटा बिखेरती है। यही वजह है कि कश्मीर हर दिल में बसता है और सैलानियों को बारबार बुलाता है।कश्मीर के पहाड़, झील, साफ नीला पानी और सुखद जलवायु इस की प्रमुख विशेषताएं हैं. सेब और चैरी के बागान, हाउसबोट और कश्मीरी हस्तशिल्प कश्मीर घाटी की खूबसूरती को चार चांद लगाते हैं। कश्मीर को झीलों को भी राज्य भी कह सकते हैं, यहां कई सारी झीले हैं..जैसे डल झील, विश्वसर झील या गंगाबाल जुड़वां झील आदि जो पर्यटकों का ध्यान अपनी और आकर्षित करती हैं।
कश्मीर ग्रेट झीलों का ट्रेक 72 किमी की ट्रेकिंग है। यह ट्रेकिंग सोनमर्ग से 7,800 फीट पर शुरू होता है, उच्चतम अंक गदसर पास 13,750 फीट पर पहुंचता है और नारनग में 7450 फीट पर समाप्त होता है। ट्रेक मार्ग काफी उतार चड़ाव पहाड़ो से भरपूर है। यह ट्रेकिंग यात्रा प्रकृति प्रेमियों के लिए बिल्कुल परफेक्ट आप्शन है।
पहले दिन की ट्रेकिंग 11 किमी ट्रेक 8 घंटे ,(सोनामार्ग से शिकनुर के माध्यम से निचनाई)
पहले दिन की ट्रेकिंग की शुरुआत होती है सोनामार्ग से जोकि शिकनुर के माध्यम से निचनाई पर जाकर खत्म होती है। इस दौरान पर्यटक पहाड़ियों से कश्मीर की खूबसूरत वादियों के नजारे भी देख पायेंगे।
दूसरा दिन : - 12 कि.मी. ट्रेक, लगभग 7 घंटे (निचनाईदर्रे के माध्यम से विश्वेश्वर झील के लिए नैचनाई)
अगले दिन की ट्रेकिंग शुरू करने के लिए सुबह जल्दी उठकर नाश्ता करे और निकल पड़े अगले पढ़ाव की ओर। अगली ट्रेकिंग की शुरुआत ट्रेकर्स सुबह 8 बजे कर सकते है क्योंकि यह ट्रेकिंग घास के मैदानों से बीच से करनी है। जब आप निचनाई पास या विष्णुसार को पार करने के बाद ट्रेकर्स यहां आराम कर सकते हैं।
तीसरा दिन
विष्णुसार और किशनर जुड़वां झीलों को घूम सकते हैं।
चौथा दिन- 14 किमी ट्रैक, लगभग 10 घंटे , विष्णुसार से गढसर दर्रा
किशनसर झील से पहाड़ी की चोटी पर ऊपर की तरफ ट्रेक करें शुरू में यह ट्रेक एक तेज चढ़ाई है, जिसके बाद खड़ी वंश और घास के मैदान के माध्यम से आप आसानी से चल सकते है। क्रॉस गदसर पास पास के दूसरी तरफ, एलओसी को देखा जा सकता है। ट्रेकर्स दोपहर तक गदसर झील तक पहुंचेंगे। आस-पास के आर्मी शिविर में मूल आईडी कार्ड सहित सभी आगंतुकों की जांच की जाती है। कृपया मूल आईडी कार्ड को आपके साथ अनिवार्य रूप से रखें।
पांचवा दिन: 9 किमी ट्रैक, लगभग 6 घंटे ट्रेक,( गदसर से सत्सार तक)
अगले दिन ट्रेकिंग की शुरुआत सत्संग सेना चेक पोस्ट से होगी, जहां एकबार फिर से आपकी आईडी कार्ड चेक होगीम जिसके बाद आप अपनी ट्रेकिंग की शुरुआत कर सकते है। चेक पोस्ट के आगे एक सत्सार झील है जोकि देखने में बेहद ही खूबसूरत है..पर्यटक इस झील के किनारे रात बिता सकते हैं।
दिन 7: - 11 किलोमीटर ट्रैक, लगभग 6 घंटे, सत्सर से गंगा बल जुड़वां झीलों के माध्यम से ज़ज दर्रा
अगले दिन की ट्रेकिंग की शुरुआत होती है है सत्सर झील से गंगा बल से..यह ट्रेकिंग थोड़ी सी मुश्किल है क्यों की यह ट्रेकिंग ढीली चट्टानों के ऊपर से होकर गुजरती है, यहां पहाड़ी से गंगाबाल और नंदकोल के जुड़वां झीलों का नजारा देखने को मिलता है।
दिन 8: 15 किलोमीटर ट्रैक, लगभग 7 घंटे (गंगाबाल नारनैग ड्राइव से श्रीनगर तक)
यह ट्रेकिंग का आखिरी दिन है, ट्रेकिंग स्थल पर पहुँचने के बाद उतराव करते समय ट्रेकर्स काफी सावधानी बरते क्योंकि कभी पहाड़ियों पर फिसलन भी रहती है। ट्रेकिंग के दौरान आप कश्मीर की अदम्य खूबसूरती को भी निहार सकेंगे। अंत में हम नरनाग के सड़क प्रमुख तक पहुंचते हैं। नाराणग में ट्रेक की समाप्ती होती हैइसके बाद ट्रेकर्स यहां से टैक्सी या बस द्वारा श्रीनगर जा सकते हैं।
ट्रेकिंग के दौरान जरूरी चीजे
कॉटन मोज़े
ऊनी मोज़े
दो जोड़ी जूते
बैग पैक ट्रैक
पेंट
टोर्च लाइट
जैकेट
सनग्लास
कैप
सन्सक्रीम
ऊनी दस्ताने
वाल्किंग स्टिक