भारत एक ऐसा राज्य है, जहां आपको ऐसी-ऐसी चीजें देखने को मिलेंगी, जिसके बारे में आपने कल्पना भी न की होगी कि ऐसी जगहें भी भारत में होंगी। इनमें से ही एक है - केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान। यह राष्ट्रीय उद्यान मणिपुर राज्य के विष्णुपुर जिले में स्थित लगभग 40 वर्ग किमी. में फैला विश्व का एकमात्र तैरता हुआ नेशनल पार्क है।
इस राष्ट्रीय उद्यान के लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां हर साल घूमने के लिए लाखों सैलानी आते हैं। इनमें विदेशी सैलानियों की संख्या भी 30 फीसदी के ऊपर होती है। दरअसल, ये दुनिया में ऐसा दुसरा नेशनल पार्क न होने के चलते यहां घूमना लगभग सभी वन्यजीव प्रेमियों का एक सपना होता है। तो आइए जानते हैं इस पार्क के बारे में...
केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास
यह तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान लोकतक झील का एक प्रमुख हिस्सा है, जो साल 1953 के आसपास में इस पार्क को संगाई हिरण की रक्षा के रूप में जाना जाता था। फिर साल 1966 में इसे राष्ट्रीय पार्क का दर्जा मिला और कुछ सालों बाद इसका नाम केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान रख दिया गया। शुरुआती दिनों में यह पार्क अपने शिकार के लिए जाना जाता था लेकिन बाद में इस पर पांबदी लगा दी गई।
लोकतक झील की शोभा बढ़ाता है यह नेशनल पार्क
इस पार्क को तैरता हुआ पार्क कहा जाता है, ये बात आप सभी जानते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि जिस झील में यह पार्क स्थित है, वह झील भी तैरती हुई दिखाई देती है। जी हां, यह नेशनल पार्क लोकतक झील/लोकटक झील में स्थित है और देखने पर यह झील भी आपको तैरती हुई दिखाई देती है। इस देखने के लिए और इस पर रिसर्च करने के लिए भी काफी लोग आते हैं और यहां पर्यटकों की भी काफी भीड़ देखने को मिलती है।
बताया जाता है कि यह तैरता हुआ पार्क काफी बड़ा था लेकिन इसे कई बार छोटा भी किया गया ताकि जानवरों की देखभाल सही से की जा सके। कहा जाता है कि छोटे-छोटे टापू को मिलाकर इस अभयारण्य का निर्माण किया गया है। यह अभयारण्य और झील दोनों ही अपनी खूबसूरती के लिए काफी फेमस है।
इस पार्क में आपको कई पशु-पक्षी देखने को मिलेंगे। इसमें ब्लैक ड्रोंगोस, जंगल क्रो, येलो हेडेड वैगेटल, जंगली सूअर, ब्रो एंटेलियर, कोबरा, पाइथन, एशियन रैट स्नेक और वाटर कोबरा सहित हजार से भी अधिक प्रजातियां शामिल हैं। इसके अलावा यहां 450 से अधिक प्रजातियों के ऑर्चिड के फूल और 100 से अधिक जलीय वनस्पति यहां देखे जा सकते हैं।
केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान जाने का सही समय - अक्टूबर से मार्च तक का समय (सुबह 09:00 बजे से लेकर शाम 05:00 बजे तक)..।
केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान कैसे पहुंचें?
केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान पहुंचने के लिए यहां का नजदीकी एयरपोर्ट इंफाल में है, जो पार्क से करीब 53 किमी. की दूरी पर स्थित है। वहीं, यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन दीमापुर है, जो पार्क से करीब 270 किमी. दूर है। इसके अलावा यहां सड़क मार्ग से भी पहुंचा जा सकता है। इसके लिए आप नेशनल हाईवे-39 व नेशनल हाईवे-53 से आ सकते हैं।