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दासियों का एक खूबसूरत बाग!

आज के ज़माने में दहेज लेना या देना क़ानूनन जुर्म है। लेने देने तो दूर की बात है, आज आप इसका नाम भी नहीं ले सकते। क्या आप जानते हैं कि हम आपको ये क्यूँ बता रहे हैं? हम आपको बताते हैं, महाराजा संग्राम सिंघ शादी करके ना सिर्फ़ अपनी अतिसुंदर वधू को अपने साथ लाए बल्कि उनके साथ उनकी 48 दासियों को भी दहेज के रूप में अपने साथ लाए, जिनके लिए उन्होंने रानी को खुश करने के लिए एक शानदार तोहफा बनवा दिया, जो उदयपुर में सहेलियों की बाड़ी के नाम से प्रसिद्ध है। इससे पता चलता है की महाराज कितने उदार रहे होंगे।

Saheliyon ki Badi

सहेलियों की बाड़ी के अंदर का एक बड़ा पूल
Image Courtesy:
Schwiki

पुरानी कहानियों के अनुसार कहा जाता है की सहेलियों की बाड़ी को महाराजा ने खुद ही डिज़ाइन किया था। आज के ज़माने में भी महाराजा संग्राम सिंघ की यह मेहनत पूरे उदयपुर में टूरिस्ट जगह होने के लिए मशहूर है। सहेलियों के बाड़ी या फिर दासियों का बाग राजसी स्त्रियों के लिए बनाया गया सबसे बड़ा अलंकृत बाग है।

यह जगह तब के समय में राजसी पुरुषों का एकसाथ कई स्त्रियों को मज़े करते हुए देखने का मुख्य स्थान भी हुआ करता होगा।

Saheliyon ki Badi

हाथी के सूंड की कृति में बना फव्वारा
Image Courtesy: Schwiki

सहेलियों की बाड़ी में देखने को क्या क्या है?

सहेलियों की बाड़ी में हरे भरे बाग, संगमरमर की कृत्यां और ख़ासकर की कृत्रिम पानी के फव्वारे हैं। बाग के बीचोंबीच छोटा सा कमल के फूल का तालाब है। छोटी छोटी मूर्तियों से सजा यह बाग उदयपुर की खूबसूरती में चार चाँद लगाता है।

Saheliyon ki Badi

संगमरमर का सिंघासन
Image Courtesy: Schwiki

कहा जाता है कि, सहेलियों की बाड़ी में ही सिर्फ़ 2000 पानी के फव्वारे हुआ करते थे। पर अब यहाँ सिर्फ़ कुछ ही फव्वारे बच गये हैं। अब जब हम पानी के फव्वारे की बात कर ही रहे हैं तो आप ये भी सोच रहे होंगे की इनमे पानी कहाँ से आता होगा?

हमें यह मानना होगा की यह उस समय का एक वास्तु चमत्कार है। सहेलियों की बाड़ी को फ़तेह सागर झील के तट पर बनाया गया था, जहाँ से उन पानी के फव्वारों में पानी आता है।

Saheliyon ki Badi

बाग में खिले फूल
Image Courtesy: Schwiki

राजसी स्त्रियों की यह सबसे सुंदर जगह है। यह बाग उन सारी स्त्रियों के लिए बहुत ही आरामदायक जगह होती होगी, जो यहाँ पर आकर अपना पूरा दिन बिताती थीं।

कई अभिलेखों के अनुसार, महाराणा भूपल सिंघ ने बाद में यहाँ वर्षा करने वाले फव्वारे भी बनवाए, जिन्हें देख कर ऐसा लगता था की स्त्रियों के नृत्य के साथ यह भी नृत्य कर रहे हैं। यह आपको आज के ज़माने में बड़े बड़े रिज़ॉर्ट्स में आयोजित होने वाले रेन डांस की तरह लगेगा, जिसकी राजा महाराजाओं ने पहले के ज़माने में ही शुरुआत कर दी थी।

Saheliyon ki Badi

कलात्मक फव्वारा
Image Courtesy: Anurag0535

सहेलियों की बाड़ी में एक छोटा सा संग्रहालय भी है जहाँ राजसी चीज़ों का संग्रह है। राजसी घर के सामान, राजसी चित्र, राजसी कलाकृतियाँ और राजसी वस्त्र भी संग्रहित हैं जो राजसी स्त्रियाँ इस्तेमाल करती थीं।

तो अब आप जब कभी भी उदयपुर जाएँ, राजसी दासियों के बाग जाना ना भूलें। यह शहर के रोमांटिक जगहों में से भी एक है।

यहाँ पहुँचें कैसे?

सहेलयों की बाड़ी उदयपुर के फ़तेह सागर झील के तट पर है।

क्लिक: उदयपुर कैसे पहुँचें?

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