महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित है प्रबलगढ़ किला। यह पश्चिमी घाट का एक शानदार किला है। यह किला समुद्र तल से लगभग 700 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां से इरशालगढ़ किले और कल्याण किले का मनोरम दृश्य को देख सकते है। बताया जाता है कि 2300 फीट ऊंची खड़ी पहाड़ी पर बने इस किले पर बेहद कम लोग आते हैं और जो आते हैं वह सूर्यास्त होने से पहले ही लौट आते हैं।
आपको बता दें खड़ी चढ़ाई होने के कारण इंसान यहां लंबे समय तक टिक नहीं पाता। यहां बिजली और पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। शाम होते ही यहां मीलों दूर तक सन्नाटा फैल जाता है।
इस किले पर चट्टानों को काटकर सीढ़ियां बनाई गई हैं, लेकिन इन सीढ़ियों पर रस्सियां या रेलिंग कुछ नहीं है। अगर चढ़ाई करते समय किसी का पैर फिसला तो वो सीधे 2300 फीट नीचे खाई में गिरता है। इस किले से गिरने के कारण कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।
हर फोर्ट की तरह इसका भी एक महान ऐतिहासिक महत्व था क्योंकि इसका उपयोग प्रहरीदुर्ग के रूप में किया जाता था। आपको बता दें इस किले का नाम पहले मुरंजन किला था, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के राज में इसका नाम बदलकर प्रबलगढ़ रख दिया गया। अब यह पर्यटकों के लिए एडवेंचर के साथ साथ मजे करने का जगह बन गया है। प्रबलगढ़ घने हरे रंग के पेड़ पौधों की चादर से ढ़का हुआ है।
बात करें मानसून की तो प्रबलगढ़ किला मानसून के दौरान यह स्थान और अधिक दर्शनीय हो जाता है क्योंकि धुंध (बादल) पहाड़ों को ढक लेती है और हरे-भरे घने इलाकों से झरने निकलने लगते हैं। हालांकि, बारिश के दौरान यहां जानें से बचना चाहिए। क्योंकि किले का रास्ता घने जंगलों से होकर गुजरता है। चट्टानों से बनाई गई टेढ़ी-मेढ़ी सीढि़यों के साथ कुछ स्थानों पर ऊपर की ओर खड़ी है। किले पर चढ़ते समय, धुंध से ढका हुआ पहाड़ आपको परेशान कर सकता है। इसलिए भी आपको यहां मानसून में जाने से बचना चाहिए।
यहां से आपको प्रबलमाची, बेस स्टॉप, जहां से चढ़ाई शुरू होती है, ट्रेक करना पड़ता है। यहां आप ट्रेकिंग के अलावा पर्यटन, कैम्पिंग, पिकनि, फोटोग्राफी भी कर सकते है जो आपके यात्रा को यादगार बनाएगी। और हां अगर आप यहां तक पहुंच गए है तो यहां नजदीक में कलवंतिन दुर्ग, करनाला बर्ड सेंचुरी, लुइसा पॉइंट, चार्लोट लेक का यात्रा जरूर करें।
घूमने का सबसे अच्छा समय
मानसून के मौसम के ठीक बाद, अक्टूबर से जनवरी का महीना प्रबलगढ़ की ट्रैकिंग के लिए अच्छा होते हैं।
प्रबलगढ़ किला सुबह 4बजे से शाम के 8 बजे तक खुला रहता है।
शुल्क
यहां जाने के लिए आपको एंट्री के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता।
यहां कैसे पहुंचें
सड़क के रास्ते
आपको मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर तब तक ड्राइव करना होगा जब तक आप शेडुंग फाटा पनवेल नहीं पहुंच जाते। शेडुंग से ठाकुरवाड़ी गांव की ओर मुड़ें।
ट्रेन से
आप मुंबई से पनवेल के लिए ट्रेन ले सकते हैं और फिर ठाकुरवाड़ी पहुंचने के लिए टम टम या ऑटो-रिक्शा जैसे वाहन किराए पर ले सकते हैं।
हवाई जहाज से
मुंबई का छत्रपति शिवाजी प्रबलगढ़ का निकटतम हवाई अड्डा है। आप हवाई अड्डे से राज्य परिवहन की बस के माध्यम से पनवेल पहुँच सकते हैं और फिर ठाकुरवाड़ी की यात्रा कर सकते हैं।