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महाराष्ट्र के सबसे बड़े जिले और पुराने शहर, अहमदनगर की सुखद यात्रा!

महाराष्ट्र का सबसे बड़ा जिला जो महाराष्ट्र का सबसे प्राचीन शहर भी है, सिना नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। अहमदनगर का रिकॉर्ड भी है कि वह 1490 ईसवीं से आरम्भ हुए हज़ारों से भी ज़्यादा इतिहास को अपने में समेटे हुए है। अहमदनगर, अहमद निज़ाम शाह द्वारा सन् 1494 में एक शहर के रूप में स्थापित किया गया। इसलिए इस जिले का नाम इसके संस्थापक के नाम पर पड़ा। इस क्षेत्र का इतिहास हमें उस दौर में ले जाता है जब अहमद निज़ाम शाह ने निज़ामी शाही के वंश में इस जिले की खोज की थी। यह राजवंश ठीक मुग़ल शासकों के वंश से पहले का समय है, जब 1637 ईसवीं में 150 साल पहले मुग़ल शासक शाह जहाँ का राज था।

चलिए आज हम इसी इतिहास को उजागर कर चलते हैं, अहमदनगर के इतिहास की सैर पर।

Ahmednagar Fort

अहमदनगर का किला
Image Courtesy:
Naga rick

अहमदनगर का इतिहास

अहमदनगर निज़ामशाही सुल्तानों की राजधानी थी, जिन्होंने सन् 1490 ई. में दक्षिण में बहमनी सल्तनत की एक नयी शाखा की स्थापना की। अहमदनगर का इतिहास, वहाँ की शहज़ादी और बीजापुर के अली आदिलशाह की विधवा चाँदबीबी द्वारा, सन् 1595-1596 में अकबर के पुत्र युवराज मुराद का वीरतापूर्ण प्रतिरोध तथा मलिक अम्बर की सैनिक एवं प्रशासनिक कुशलता के कारण अधिक रोचक एवं महत्वपूर्ण है। अकबर ने जब इस पर हमला किया तो, चाँदबीबी ने उसकी सेनाओं का डट कर मुकाबला किया, परन्तु अंत में अकबर की ही विजय हुई। सन् 1637 ई. में बादशाह शाहजहाँ ने अहमदनगर को मुग़ल साम्राज्य में मिला लिया और उसके बाद इस नगर का महत्त्व घट गया। यह अब भी एक बड़ा शहर है और इसी नाम के जिले का मुख्यालय भी।

Ahmednagar Fort

अहमदनगर किले का प्रवेश द्वार
Image Courtesy: Naga Rick

अहमदनगर किला

अहमदनगर का किला, अहमदनगर का मुख्य आकर्षण का केंद्र है। अहमदनगर शहर के संस्थापक अहमद निज़ाम शाह ने ही करीब 15 वीं या 16 वीं शताब्दी में इस किले का निर्माण करवाया था। किले की दीवारें 18 मीटर ऊँची और 22 गढ़ों के सहारे से खड़ी हैं। इसमें 24 दुर्ग हैं जो 34 मीटर चौड़े हैं। यह एक जेल के रूप में था जहाँ दुश्मनों के कई सैनिकों को कैद किया गया। भारत छोड़ो आन्‍दोलन के दौरान इस किले में कई नामी-गिरामी नेताओं को भी कैद में रखा गया था। जवाहर लाल नेहरू ने अपनी किताब डिस्‍कवरी ऑफ इंडिया में भी इस जगह का उल्‍लेख किया है। वर्तमान में इस किले की देखरेख की ज़िम्‍मेदारी भारत की सैन्‍य कमान के पास है।

Salabat Khan Tomb

सलाबत खान का मक़बरा या चाँद बीबी का महल
Image Courtesy: Anahgem

सलाबत खान का मक़बरा

सलाबत खान का मकबरा अहमदनगर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। समुद्री तल से लगभग 900 मीटर की ऊंचाई पर शाह डोंगार नाम की पहाड़ी पर स्थित इस मकबरे को चांद बीबी के महल के रूप में भी जाना जाता है। इस मकबरे को सलाबत खान ने स्‍वंय अपने लिए बनवाया था। सलाबत खान,चौथे निज़ाम शाह सन 1565 ईसवीं से सन् 1579 ईसवीं तक के शासन में मुर्तजा के तहत एक मंत्री हुआ करते थे। यह चारों तरफ से तीन मंज़िल के बरामदे से घिरा हुआ है। यह मक़बरा खुद अष्टकोण के आकर में बना हुआ है। इस जगह में सलाबत खान के अलावा उसकी दो बेगमों और बेटों की कब्र भी बनी हुई है।

Salabat Khan Tomb

सलाबत खान के मक़बरे का प्रवेश द्वार
Image Courtesy: Wikirapra

टैंक संग्रहालय

अहमदनगर का यह टैंक संग्रहालय जिसका पूरा नाम कावालेरी टैंक संग्रहालय है, अहमदनगर शहर के आर्म्‍स कार्प सेंटर एवं स्कूल के पास ही स्थित है। इस संग्रहालय का उद्घाटन सन 1994 में पूर्व सेना प्रमुख और टैंक मैन, स्वर्गीय जनरल बी सी जोशी द्वारा किया गया। यह संग्रहालय पुरे एशिया में इस तरह का पहला संग्रहालय है। संग्रहालय में अंग्रेजों के ज़माने के तोप और गोले रखे हुए हैं। कई शासकों के काल के दौरान इस्‍तेमाल होने वाले गोला-बारूद, हथियार आदि यहां रखें हुए हैं। यहां 40 देशों के टैंक भी प्रदर्शित किए गए हैं जो अनोखे हैं।

Cavalry Tank Museum

कावालेरी टैंक संग्रहालय
Image Courtesy: Scott Hernalsteen

मेहर बाबा की समाधी

आध्यात्मिक गुरु, सूफी, वेदांत और रहस्यवादी दर्शन से प्रभावित मेहर बाबा एक रहस्यवादी सिद्ध पुरुष थे। कई वर्षों तक वे मौन साधना में रहे। मेहर बाबा के भक्त उन्हें परमेश्वर का अवतार मानते थे। भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में इनके भक्तों ने इनके कई मंदिर बनवाये हैं। उनका विशालकाय आश्रम महाराष्ट्र के अहमदनगर के पास मेहराबाद में स्थित है, जो मेहर बाबा के भक्तों की गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। मेहराबाद में आज भी बाबा की समाधि है। एकांत वास में उपवास और तपस्या करने के दौरान उन्होंने 31 जनवरी, 1969 को इसी समाधी में अपने प्राण त्याग दिए।

Samadhi of Meher Baba

मेहर बाबा की समाधी
Image Courtesy: Win Coates

अहमदनगर पहुँचें कैसे?

सड़क यात्रा द्वारा: जैसा कि यह महाराष्ट्र का सबसे बड़ा जिला भी है तो यहाँ तक कि यात्रा के लिए आपको महाराष्ट्र के अन्य प्रमुख शहरों से कई बस सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। अगर आप मुम्बई से यात्रा कर रहे हैं तो, मुम्बई से यहाँ तक की दूरी लगभग 258 किलोमीटर है जिसे तय करने में काम से काम 4 घंटों का समय लगेगा।
रेल यात्रा द्वारा: अहमदनगर का रेलवे स्टेशन महाराष्ट्र और पुरे भारत के अन्य मुख्य शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
हवाई यात्रा द्वारा: पुणे का लोहेगाँव हवाई अड्डा अहमदनगर का सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा है। इस हवाई अड्डे से अहमदनगर लगभग 113 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

अपने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव नीचे व्यक्त करें।

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