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बिलिगिरी रंगा पहाड़ियां को बीआर हिल्स के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण-पूर्व कर्नाटक में स्थित ये पहाड़ियां दक्षिण भारत की प्राकृतिक शोभा बढ़ाने का काम करती हैं। ये पूरा पहाड़ी इलाका समृद्ध जैव-विविधता का एक अनूठा उदाहरण है। यहां आप विभिन्न पुष्ण व जीव-वनस्पति प्रजातियों को देख सकते हैं। इसके अलावा यह स्थान प्रवासी पक्षियों को भी सुरक्षित आश्रय देने का काम करता है।
बीआर हिल्स का एक बड़ा इलाका जैव-विविधता को बरकरार और जीवों की सुरक्षा के लिए संरक्षित कर दिया गया है। बिलिगिरी रंगा पहाड़ियां पर्यटन के लिहाज से खास मानी जाती हैं। यहां हर तरह के सैलानी अपना मनोरंजन कर सकते हैं। आइए जानते हैं बीआर हिल्स में आपके लिए कौन-कौन सी खास चीजें मौजूद हैं।
बीआरटी वन्यजीव अभयारण्य
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जीव-वनस्पतियों की विभिन्न प्रजातियों के लिए विख्यात बीआरटी वन्यजीव अभयारण्य कावेरी और तुंगभद्रा नदियों के मध्य स्थित है। यह पूरा वन्य क्षेत्र 540 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है जो अपनी बीआर हिल्स के लिए जाना जाता है। यहां आम जीवों के साथ कई लुप्तप्राय प्रजातियां भी निवास करती हैं। प्राकृतिक सौंदर्यता से सजा यह पूरा स्थान पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। वन्य विभाग द्वारा जीप और हाथी सफारी की भी सुविधा उपलब्ध है।
सफारी के माध्यम से आप जंगल और जानवरों को करीब से देख सकेंगे। आप यहां जंगली हाथी, गौर, चीतल, सांभर, भौंकने वाले हिरण, चार सींग वाले एंटीलोप आदि जीवों को देख सकते हैं। यहां उड़ने वाली गिलहरी भी पाई जाती है। यह वन्य क्षेत्र 254 पक्षी प्रजातियों को भी सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है।
डोड्डा सैंपिज मारा
बीआर हिल्स अपने वनस्पति संपदा के लिए काफी विख्यात है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यहां कई हजार साल पूराने वृक्ष मौजूद हैं जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। यहां एक 2000 साल पूराना पेड़ है जो डोड्डा सैंपिज मारा ने नाम से जाना जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है बड़ा चंपक का पेड़।
इस पेड़ की ऊंचाई 34 मीटर है और चौड़ाई 20 मीटर। यह पेड़ मंदिर के अंदर स्थित है जिसके आसपास कई शिवलिंग स्थापित हैं। काफी पुराना और मंदिर के अंदर स्थित होने के कारण इस पेड़ को पवित्र नजरों से देखा जाता है। यहां की स्थानीय जनजातियां इस पेड़ की पूजा करती हैं।
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एडवेंचर गतिविधियां
बीआर हिल्स न सिर्फ प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है बल्कि यहां एडवेंचर के शौकीनों के लिए भी बहुत कुछ है। बीआर हिल्स को रोमांचक रूप यहां की पहाड़ी और नदियां देती हैं। कावेरी और तुंगभद्रा नदियां राफ्टिंग के लिए बड़ा विकल्प हैं। दूर-दूर से ट्रैवलर्स यहां वाटर एडवेंचर का रोमांचक आनंद उठाने के लिए पहुंचते हैं।
राफ्टिंग के अलावा आप यहां ट्रेंकिग भी कर सकते हैं। घनी पहाड़ी घाटियों के बीच रोमांचक ट्रेल्स सैलानियों को काफी ज्यादा आनंदित करते हैं। प्रकृति प्रेमी से लेकर एडवेंचर के शौकीन यहां एक क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते हैं।
बिलीगिरी रंगस्वामी मंदिर
भगवान रंगनाथ को समर्पित यह मंदिर बीआर पहाड़ियों के सर्वोच्च शिखर पर बसा है। माना जाता है कि यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां प्रमुख देवता खड़े रूप में चित्रित हैं। 'वैशाख' (अप्रैल) महीने के दौरान यहां भगवान रंगनाथ का वार्षिक त्योहार भव्य तरीके से आयोजित किया जाता है। जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु हिस्सा लेने के लिए आते हैं।
यह त्योहार यहां के मुख्य आकर्षणों में गिना जाता है। बिल्गीरिरंगा हिल्स में रथ त्योहार भी मनाया जाता है। यहां की स्थानीय जनजातियां अपनी बरसों की परंपरा के अंतर्गत रंगानाथस्वामी को चमड़े की बनी एक बड़ी चप्पल चढ़ाते हैं। जो आकार में काफी बड़ी होती है।
खरीदारी का आनंद
प्राकृतिक खूबसूरती और एडवेंचर के अलग आप यहां विशेष खरीदारी का आनंद ले सकते हैं। बीआर हिल्स अपने हस्तशिल्प और कलाकृतियों के लिए जाना जाता है। घर की साज-सज्जा की बहुत से वस्तुएं आप यहां से खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप यहां से प्राकृतिक जूस, अचार, आयुर्वेदिक पौधों के साथ बहुत कुछ खरीद सकते हैं।
आप यहां के जनजातीय संसाधन केंद्र में जा सकते है, जहां आपको जनजातीय उत्पादों की लंबी-चौड़ी लिस्ट मिल जाएगी। यहां से आप कई वन्य आधारित प्राकृतिक उत्पादों को खरीद सकते हैं।