एशिया के चुनिंदा सबसे बड़े इस्पात संयंत्रों में शामिल बोकारो भारत के झारखंड राज्य का एक खूबसूरत शहर है। उद्योगों की अधिकता होने के कारण बोकारो अधिक मात्रा में इस्पात(स्टील) का उत्पादन करता है। दामोदर नदी के किनारे बसा यह शहर पारसनाथ पहाड़ियों की पृष्ठभूमि के साथ एक खास पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है।
इतिहास के पन्ने बताते हैं कि झारखंड का चौथा सबसे बड़ा यह शहर कभी 'छोटा नागपुर' के जंगलों में बसा माराफारी नाम का एक गांव था। यह स्थान प्रकाश में तब आया जब पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सोवियत की सहायता से यहां स्टील प्लांट लगाने की सोची।
जिसके बाद लौह अयस्क, मैंगनीज और कोयला जैसी विभिन्न खानों के निकट होने के कारण, यह एक बड़ा इस्पात संयंत्र बन पाया। इस खास लेख में जानिए यह स्टील सिटी पर्यटन के लिहाज से आपके लिए कितनी खास है,जानिए यहां के सबसे लोकप्रिय स्थानों के बारे में।
बोकारो स्टील प्लांट
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देश का सबसे पुराने और बड़े इस इस्पात संयंत्र की स्थापना भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा झारखंड के बोकारों शहर में की गई थी। बोकारो स्टील प्लांट देश की स्टील आवश्यकता को पूरा करने का काम करता है। इस संयंत्र की कुल उत्पादन क्षमता प्रित वर्ष 5.2 मिलियन टन है। यह संयंत्र सेल(SAIL) और डीवीसी(DVC) का संयुक्त उद्यम है।
यह इतना बड़ा और नामी स्टील प्लांट है जिसे देखने की ख्वाइस हर वो इंसान करता है जो इसके बारे में जानता है। इस संयत्र न रोजगार के अवसर को बढ़ाया बल्कि विश्व पटल पर भारत के मान को भी बरकरार रखा है।
गर्ग बांध
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इस्पात संयंत्र और शहर के निवासियों को जल की आपूर्ति करने वाला यह बांध मुख्य शहर से लगभग 12 किमी की दूरी पर स्थित है। यह शानदार बांध राज्य की गर्ग नदी पर बनाया गया है। हरे-भरे हरियाली परिदृश्य से भरा यह बांध भारतीय इंजीनियरिंग के सर्वश्रेष्ठ कामों में से एक है। यह स्थान स्कूल भ्रमण के लिए भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां वीकेंड पर सैर-सपाटे के लिए आए पर्यटकों को भी देखा जा सकता है।
आसपास के शहरों में यह बांध स्थल काफी ज्यादा लोकप्रिय है। एक आरामदायक सफर के लिए आप गर्ग बांध को अपनी बोकारो यात्रा डायरी का हिस्सा बना सकते हैं।
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पारसनाथ हिल्स
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आप चाहें तो यहां पारसनाथ हिल्स की सैर का प्लान बना सकते हैं। जैन भक्तों के मुख्य तीर्थस्थलों में एक होने के नाते यह जैनों में सम्मेत शिखर तीर्थ के रूप में भी जाना जाता है। सर्वोच्च शिखर के साथ सिखारजी 1350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। माना जाता है कि यहां जैनों के 23वें तीर्थंकर पारसनाथ जी ने मोक्ष प्राप्त किया था, इसलिए यह पहाड़ी एक पवित्र स्थान के रूप में जानी जाती है।
पारसनाथ हिल्स बहुत से छोटे-बड़े मंदिर मौजूद हैं जो इस पर्वतीय स्थल को खास बनाने काम करते हैं। एक अलग अनुभव के लिए आप यहां की यात्रा का प्लान बना सकते हैं। श्रद्धालुओं के साथ-साथ यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए भी काफी ज्यादा खास माना जाता है।
सिटी पार्क
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इन सब के अलावा आप शहर के खूसूरत कोनों में एक सिटी पार्क की सैर का आनंद उठा सकते हैं। जापानी वास्तुकला शैली के साथ यह पार्क शहर के सबसे लोकप्रिय स्थानों में गिना जाता है। इस उद्यान में पर्यटकों के लिए एक कृत्रिम झील भी बनाई गई है जिसमें तीन खूबसूरत द्वीप भी मौजूद हैं। यह पार्क कभी जानवरों का भी घर हुआ करता था लेकिन बाद में इसे जवाहरलाल बॉटनिकल गार्डन के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया।
यहां एक छोटा बगीचा हाल ही में बनाया गयाा है जो इस बड़े उद्यान की खूबसूरती पर चार चांद लगाने का काम करते हैं। सैलानियों की मनोरंजन के लिए यहां टॉय ट्रेन की भी व्यवस्था की गई है। पार्क में विभिन्न आयोजन भी किए जाते है।
राम मंदिर
उपरोक्त स्थानों के अलावा आप यहां के पुराने राम मंदिर के दर्शन का भी प्लान बना सकते हैं। भगवान राम को समर्पित यह मंदिर शहर के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों में गिना जाता है। शहर के ह्रदय स्थल में स्थित यह मंदिर चारों ओर से एक बड़े बाजार से घिरा हुआ है।
पिछले कुछ वर्षों में यह मंदिर कई बार नवीनीकरण से गुजर चुका है, लेकिन फिर भी मंदिर का आकर्षण अब भी बरकरार रखा गया है। मुख्य मंदिर अन्य देवताओं के मंदिरों से भी घिरा हुआ है। आत्मिक और मानसिक शांति के लिए आप यहां की यात्रा का प्लान कर सकते हैं।
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