पूर्वोत्तर राज्य असम में स्थित डिगबोई भारत का एक महत्वपूर्ण शहर है जो अपनी 'पेट्रोलियम रिफाइनरी' के लिए मुख्यतः पूरे विश्व भर में जाना जाता है। इस खासियत के वजह से इसे 'तेल नगरी' भी कहा कहा जाता है। इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि 19 शताब्दी के दौरान यहां पेट्रोलियम खोजा गया था। यह एशिया का वो पहला स्थान है जहां सबसे पहले तेल का कुआँ खोदा गया, और फलस्वरूप यहां 1901 में पहली तेल रिफाइनरी स्थापित की गई थी।
इसके अलावा डिगबोई असम का एक खूबसूरत शहर है जो अपनी शानदार जीवन शैली के लिए जाना जाता है। आप यहां आकर्षक हथकरघा उत्पादों को खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप यहां असम की लोक संस्कृति और इतिहास को भी समझ सकते है। आइए जानते हैं पूर्वोत्तर की यह तेल नगरी आपको किस प्रकार आनंदित कर सकती है।
वार सिमेट्री
PC- পৰশমণি বড়া
ऐतिहासिक स्थलों में आप डिगबोई से लगभग 1.5 किमी की दूरी पर स्थित वार सिमेट्री देख सकते हैं। यह स्मारक स्थल उन वीर जवानों की याद में बनाया गया है जिन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अपनी जान लड़ते-लड़ते गंवा दी थी।
शहीदों का स्मारक पहले पहाड़ी के ऊपर था, लेकिन भूकंप की वजह से यह स्थान क्षतिग्रस्त हो गया था जिसे दूसरी जगह स्थानांतरित किया गया। इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों को यहां जरूर आना चाहिए।
गोल्फ कोर्स
डिगबोई के शानदार स्थलों में आप यहां के गोल्फ कोर्स की सैर की आनंद ले सकते हैं। डिगबोई पर्यटन की बात सामने आते ही इस खबसूरत गोल्फ कोर्स का नाम हमेशा शामिल किया जाता है। यह स्थान भारत में ब्रिटिश शासन की याद ताजा करता है। इस गोल्फ कोर्स पूर्वोत्तर के चुनिंदा शानदर कोर्स में गिना जाता है।
18 होल वाले इस गोल्फ कोर्स में छोटे से लेकर बड़े स्तर के टूर्नामेंट आयोजित किए जाते हैं। हरा-भरा यह पूरा इलाका अपने शानदार दृश्यों के लिए काफी जाना जाता है। अगर आप डिगबोई आएं तो यहां आना न भूलें।
डिब्रू सैखोवा वन्यजीव अभयारण्य
PC- Dhruba Jyoti Baruah
डिगबोई शहर की खूबसूरती को अगर आप ठीक से देखना चाहते हैं, तो डिब्रू सैखोवा वन्यजीव अभयारण्य की सैर जरूर करें। यह वन्य जीव अभयारण्य मुख्य शहर डिगबोई से लगभग 60 किमी की दूरी पर स्थित है। 650 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला यह जंगल, असम का सबसे बड़े वन्यजीव अभयारण्यों में गिना जाता है। ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित यह विभिन्न प्रवासी पक्षियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस अभयारण्य को 1999 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था।
डिब्रू सैखोवा वन्यजीव अभयारण्य 19 विश्व के सबसे शानदार जैव-विविधता वाले स्थलों में भी गिना जाता है। जंगली जीवों में आप यहां बंगाल टाइगर, हाथी, चीता, जंगली भैंस आदि को देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां विभिन्न वनस्तियों और प्रवासी पक्षियों को देखने का मौका प्राप्त कर सकते हैं।
मार्गेरीटा
डिगबोई के आकर्षणों में आप यहां 14 किमी दूर मार्गेरीटा नगर का भ्रमण कर सकते हैं। यह एक शानदार पर्यटन गंतव्य है जो अपने चाय के बागान, हरे-भरे परिवेश के लिए जाना जाता है। 19 शताब्दी में स्थापित इस नगर का नाम इटली के रानी के नाम पर रखा गया था।
यह स्थल अपनी प्लाईवुड फैक्ट्री के लिए भी काफी जाना जाता है। अगर आप हरे-भरे चाय के बागान देखना चाहते हैं तो इस स्थल का भ्रमण जरूर करें।
डिगबोई रिफाइनरी
डिगबोई रिफाइनरी एशिया की सबसे पहली तेल रिफाइनरी मानी जाती है, जिसे विश्व की सबसे पुरानी पेट्रोलियम रिफाइनरी का दर्जा भी प्राप्त है। इसे 1901 में स्थापित किय गया था। यह रिफाइनरी भारत को बड़े स्तर पर तेल का उत्पादन कर देती है।
अत्याधुनिक तकनिकों का इस्तेमाल कर यहां कई पेट्रोलियम उत्पादों का निर्माण भी किया जाता है, जिनमें वैक्स, ईंधन, बिटुमेन आदि शामिल हैं।