नैनीताल की मनमोहक पहाड़ियों के नजदीक स्थित काठगोदाम उत्तराखंड का एक खूबसूरत पहाड़ी स्थल है, जिसे नैनीताल का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। यह राज्य का उतना बड़ा पर्यटन स्थल नहीं है, लेकिन यहां की प्राकृतिक खूबसूरती एक पल के लिए आपको ठहरने के लिए जरूर विवश करेगी। आमतौर पर पर्यटक नैनीताल के आसपास के इलाकों में जाने के लिए इस स्थल पर प्रवेश करते हैं। लेकिन आगे बढ़ने से पहले बहुत से सैलानी यहां की खूबसूरती का आनंद लेना पसंद करते हैं।
यहां के पवित्र स्थान और ग्रामीण परिवेश बहुत हद तक प्रभावित करते है। कोठगोदाम में ज्यादातर धार्मिक स्थल मौजूद हैं जहां त्योहारों के समय विशेष आयोजन किए जाते हैं। आइए इस खास लेख के माध्यम से जानते हैं इस मौसम आपको क्यों करनी चाहिए काठगोदाम की यात्रा, जानिए यहां से कौन-कौन से आकर्षक स्थानों का प्लान बनाया जा सकता है।
शितला देवी मंदिर
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काठगोदाम से आगे बढ़ने से पहले आप यहां के धार्मिक स्थानों के दर्शन कर सकते हैं। शीतला देवी मंदिर और कालीचौद मंदिर काठगोदाम के दो प्रतिष्ठित धार्मिक स्थान हैं। यह भारत के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों की भांति ज्यादा प्रसिद्ध नहीं है इसलिए यहां ज्यादा श्रद्धालु नहीं आ पाते, लेकिन त्याहारों के समय यहां भक्तों और पर्यटकों का भारी जमावड़ा लगता है।
उत्तराखंड के ये दो मंदिर हिन्दू देवी-देवताओं को समर्पित हैं। अगर आप नैनीताल भ्रमण के लिए निकलें तो काठगोदाम के इन दो प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन अवश्य करें।
सात ताल
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काठगोदाम के धार्मिक स्थलों की सैर के बाद आप आसपास के दर्शनीय स्थलों की सैर का प्लान बना सकते हैं। आप काठगोदाम से लगभग 23 किमी की दूरी पर स्थित सात ताल की सैर का आनंद ले सकते हैं। यहा झील यहां के मुख्य पर्यटन स्थलों में गिनी जाती है जहां की सैर का करना सैलानियों को बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता है। झील के आसपास का इलाका बेहद शांत और आकर्षक हैं। यहां खड़े चीड़-देवदार के पेड़ इस स्थल को खास बनाने काम करते हैं।
यह ताजे पानी की झील है जहां आप की प्रवासी पक्षियों और जलीय जीवों को भी देख सकते हैं। सात ताल सात झीलों का मिश्रण हैं जिनमें लक्ष्मण ताल, पूर्ण ताल, सीता ताल, राम ताल, सुख ताल, गरुड ताल और नल दमयंती ताल शामिल हैं।
हनुमान गढ़ी
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सातताल के बाद अगर आप चाहें तो हनुमान गढ़ी की सैर कर सकते हैं। काठगोदाम से 21 किमी की दूर हनुमान गढ़ी नैनीताल के आसपास प्रसिद्ध गंतव्यों में गिना जाता है। भगवान हनुमान को समर्पित यह मंदिर बाबा नीम किरोली द्वारा बनाया गया था। इसके अलावा यह स्थल उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय सूर्यास्त साइट्स में से एक है। आप शाम के दौरान हनुमान गढ़ी में सौंदर्य और आकर्षक आकाशीय रंगों को देख सकते हैं। यह स्थल धर्म और प्राकृतिक खूबसूरती का अनोखा मिश्रण है।
रानीखेत
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इन स्थानों के अलावा आप काठगोदाम से खूबसूरत स्थल रानीखेत का प्लान बना सकते हैं। रानीखेत भारतीय सेना के नागा और कुमाऊं रेजिमेंट का निवास स्थान है। यह यह प्राचीन शहर है जिसका इतिहास कई साल पुराना है माना जाता है कि यह शहर यहां की रानी पद्मिनी के लिए बसाया गया था। इसलिए इस स्थल का नाम रानीखेत पड़ा। प्राकृतिक रूप से यह एक खास गंतव्य है जहां की यात्रा आप साल के किसी भी महीने में कर सकते हैं।
इसके अलावा आप यहां ट्रेकिंग जैसी एडवेंचर गतिविधियों का भी रोमांचक आनंद ले सकते हैं। प्रकृति की गोद में बसा यह शहर काफी खूबसूरत है और सैलानियों को यहां आना बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता है।
नौकुचियाताल
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप काठगोदाम से केवल 26 किमी दूर नौकुचियाताल की सैर का आनंद ले सकते हैं। यह एक खास झील है जो अपने 9 कोनों के लिए जानी जाती है। प्राकृतिक सुंदरता के मामले में यह नैनीताल की बाकी झीलों जैसी है। हिमालय के परिदृश्य के साथ यहां का शांत वातावरण सैलानियों को बहुत ही ज्यादा भाता है। आप यहां रंग-बिरंगे पक्षियों को भी देख सकते हैं।
झील के चारों ओर चलहकदमी करना अपने आप में ही सुखद एहसास है। नौकुचियाताल उन लोगों के लिए एक आदर्श स्थान है जो झीलों, बर्फ से ढके पहाड़ों, वनस्पतियों और जीवों से प्यार करते हैं। अगर आप एक प्रकृति प्रेमी हैं तो आपको यहां की यात्रा जरूर करनी चाहिए।