उत्तराखंड स्थित लैंसडाउन राज्य के गढ़वाल जिले का एक खूबसूरत छावनी शहर है जो भारत के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशनों में गिना जाता है। यह एक ऐतिहासिक शहर है जिसे बसाने का श्रेय भारत में औपनिवेशिक काल के दौरान अंग्रेजों को जाता है। इसके अलावा यह स्थल भारत के स्वतंत्रता सेनानियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी है।
1706 मीटर की ऊंचाई पर स्थित लैंसडाउन भारत के सबसे शांत पहाड़ी गंतव्यों में से एक है। चीड़-देवदार के जंगलों के घिरा यह स्थल बहुत हद तक सैलानियों को आकर्षित करने का काम करता है।
लैंसडाउन का मौसम गर्मियों के दौरान भी काफी सुहावना बनारहता है।आप किसी भी मौसम इस खास पर्यटन स्थल की यात्रा का प्लान बना सकते हैं। इस खास लेख में जानिए पर्यटन की दृष्टि से लैंसडाउन आपके लिए कितना खास है।
सेंट मेरी चर्च
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जैसा कि ऊपर बताया गया कि लैंसडाउन ब्रिटिश द्वारा बसाया गया हिल स्टेशन है, उस दौरान यहां धार्मिक स्थल(चर्च) और कई भवनों का निर्माण करवाया गया था। वर्तमान में भी आप उस दौर की ब्रिटिश वास्तुकला को यहां की कुछ संरचनाओं के माध्यम से देख सकते हैं। यहां स्थित सेंट मेरी चर्च 1895 के दौरान बनाई गई एक प्राचीन अद्भुत सरंचना है।
सेंट मैरी चर्च एक एंग्लिकन चर्च है जो लांसडाउन के 'टिप एन टॉप' पहाड़ी बिंदु पर स्थित है। इस चर्च को प्रोटेस्टेंट लोगों द्वारा एक रीडिंग रूम में परिवर्तित कर दिया गया है। सेंट मैरी चर्च अपनी खूबसूरत दीवारों और रंगीन ग्लास खिड़कियों के लिए सैलानियों के मध्य काफी ज्यादा विख्यात है।
दरवान सिंह संग्रामलय
सेंट मेरी चर्च के अलावा आप यहां दरवान सिंह संग्रहालय की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह एक वॉर म्यूजियम है जो शहर के मध्य भाग में स्थित है। यह संग्रहालय विशेष रूप से भारतीय सेना द्वारा प्रबंधित एकमात्र डिफेंस बिल्डिंग है जहां आगंतुकों को प्रवेश की इजाजत दी गई है। दरवान सिंह संग्रहालय में सेना के गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट द्वारा लड़े गए विभिन्न युद्धों के यादगार संग्रहों को प्रदर्शित किया गया है।
इस म्यूजियम में ऐतिहासिक वस्तुओं और कलाकृतियों का एक अच्छा संग्रह मौजूद है। आप यहां पाकिस्तान से मुद्रा और शाही शासन से संबंधित झंडे भी देख सकते हैं। लैंसडाउन में गांधी चौक से इस संग्रहालय तक कैब के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।
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टिप एन टॉप और स्नो व्यू प्वाइंट
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अगर आप बर्फ से ढकी पहाड़ियों के रोमांचक दृश्यों को देखना चाहते हैं तो लैंसडाउन के टिप एन टॉप और स्नो व्यू प्वाइंट जरूर आएं। आप यहां से चौखम्बा और त्रिशूल की बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाओ को आसानी से देख सकते हैं। यह व्यू प्वाइंट यहां आने वाले सैलानियों के मध्य काफी लोकप्रिय है।
टिप एन टॉप टिफिन टॉप के नाम से भी जाना जाता है। यह प्वाइंट सेंट मेरी चर्च के पास एक बड़े चट्टानी स्थल पर है। यहां का सूर्यादय और सूर्यास्त देखने लायक होता है। आप यहां पिकनिक और ट्रेकिंग के लिए भी यात्रा का प्लान बना सकते हैं।
भीम पकोड़ा
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अन्य स्थलों के अलावा आप लैंसडाउन में भीम पकोड़ा स्थल की सैर करना न भूलें। यह दिलचस्प स्थल शहर के बाहरी इलाके की धूरा रोड पर स्थित है। दरअसल यह जगह एक पत्थर के लिए जानी जाती है। माना जाता है कि यहां किसी चट्टानी ढलान पर एक पत्थर रखा हुआ है जो इतना मजबूत है कि कोई भी इसे अपनी जगह से हिला नहीं सकता है। आप जितनी भी मेहनत कर लें यह अपनी जगह पर ही बना रहता है।
स्थानीय लोग बताते हैं कि भीम पकोड़ा का संबंध प्राचीन महाकाव्य महाभारत से है। किवदंती के अनुसार जब पांडव निर्वासन में थे तो भीम ने एक पत्थर एक लैंसडाउन के बाहर एक चट्टान पर रख दिया था। अगर आप यहां आएं तो आपको बहुत से सैलानी इस पत्थर को हिलाने की कोशिश में जरूर दिखेंगे। दिलचस्प बात यह है कि यह पत्थर अपने केंद्र में हिलता पर कभी ढलान से नीचे नहीं गिरता।
तर्केश्वर महादेव
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप लैंसडाउन के पास प्रसिद्ध तर्केश्वर महादेव के दर्शन कर सकते हैं। समुद्र तल से 2092 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर पहाड़ी वनस्ततियों से घिरा हुआ है जो लैंसडाउन-डेरीहाल रोड पर स्थित है। तर्केश्वर महादेव तक पहुंचने के लिए मुख्य शहर से लगभग 1 घंटे का समय लगता है।
तर्केश्वर महादेव देश के सबसे प्राचीन 'सिद्ध पीठों में गिना जाता है। हिन्दू आस्था का बड़ा केंद्र इस पूरे इलाके को पवित्र करता है। ये थे उत्तराखंड के प्रसिद्ध हिल स्टेशन के चुनिंदा खास गंतव्य, जहां की यात्रा का प्लान आप साल के किसी भी माह बना सकते हैं।