समुद्र तल से 700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मालशेज घाट भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। जो अपनी कायाकल्प जलवायु और हरे-भरे प्राकृतिक परिवेश के लिए विश्व भर में जाना जाता है। गर्मियों के दौरान एक शानदार अवकाश के लिए यह स्थल एक आदर्श विकल्प माना जाता है। जहां आप पहाड़ी सौदर्यता के साथ अन्य कुदरती आकर्षणों का आनंद भी ले सकते हैं।
यह हिल स्टेशन मुंबई और पुणे शहर से नजदीक शानदार वीकेंड गेटवे भी माना जाता है। सप्ताहांत के दौरान आप यहां सैलानियों को मौज-मस्ती करते देख सकते हैं। इस लेख के माध्यम से जानिए पर्यनट के लिहाज से यह हिल स्टेशन आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
मालशेज के जलप्रपात
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मालशेज घाट भ्रमण की शुरूआत आप यहां के प्रसिद्ध जलप्रपातों से कर सकते हैं। मानसून के दौरान ये जलप्रपात देखने लायक होते हैं। इस दौरान यहां की पहाड़ी प्रकृति के अद्भुत दृश्य प्रदर्शित करती है। मानसून के दौरान यहां के कुछ जलप्रपात इतने भर जाते हैं कि पानी सड़कों तक आ जाता है। वैसे यहां के कदमों तक बहते पानी में चलना काफी शानदार अनुभव कराता है।
यहां आने का सबसे सही समय मानसून माना जाता है। आप यहां अपने परिवार या दोस्तों के साथ आ सकते हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह स्थान काफी खास माना जाता है। अगर आप कुदरत का कुछ अनोखा रूप देखना चाहते हैं तो यहां जरूर आएं।
पिंपलगांव जोगा बांध
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मालशेज घाट के प्राकृतिक स्थलों में आप पिंपलगांव जोगा बांध की सैर का भी आनंद ले सकते हैं। यह एक पांच किमी लंबा डैम है जो पुष्पावती नदी की तरफ चलता है। यह स्थल पक्षी विहार के लिए एक आदर्श स्थान माना जाता है। आप यहां कई दुर्लभ पक्षी प्रजातियों को देख सकते हैं।
आपको यहां पित्ता, मोहन, एल्पाइन स्विफ्ट, ग्रीन पिजन आदि को देखने का मौका मिल सकता है। इसके अलावा आप यहां खूबसूरत पक्षी फ्लेमिंगो को भी देख सकते हैं। यह एक शानदार स्थान जहां की यात्रा आपको जरूर करनी चाहिए।
आजोबा पहाड़ी किला
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इन स्थानों के अलावा आप यहां आजोबा पहाड़ी के किले को देख सकते हैं। यह पहाड़ी स्थल एडवेंचर के शौकीनों के लिए जन्नत कहा जाता है, यहां ट्रेकिंग और रॉक क्लाइंबिंग जैसी गतिविधियों का आनंद जी भरकर लिया जा सकता है। किले के पास दारकोबा चोटी भी इन दो गतिविधियों के लिए खास मानी जाती है।
कोकम काड़ा
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप यहां के कोकम काड़ा स्थल की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह एक चट्टानी क्षेत्र है जो हरिशचंद्रगढ़ पर स्थित है। कोकम काड़ा का चट्टानी आकार कुछ नाग के फन जैसा है, जो देखने भर से ही रोमांचक एहसास कराता है।
यहां घूमने का सबसे सही समय सुबह और शाम है, इस दौरान आप यहं की खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं। यह उन स्थलों में शामिल है जहां की यात्रा एक बार तो जरूर करनी चाहिए।
हरिशचंद्रगढ़ का किला
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मालशेज जलप्रपातों की सैर के बाद आप यहां के हरिशचंद्रगढ़ फोर्ट की सैर का आनंद ले सकते है। समुद्र तल से 1,424 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह किला छठी शताब्दी के संबंध रखता है। यह प्राचीन स्थल इतिहास प्रेमियों से लेकर प्रकृति प्रेमियों के लिए काफी खास माना जाता है। यह विशाल संरचना आसपास के इलाकों को सुरक्षा प्रदान करने का काम करती है। यहां आपको भगवान विष्णु का एक मंदिर भी दिखाई देगा। यहां किले के पास बौद्ध धर्म से जुड़ी गुफाएं भी मिलेंगी।
हरिशचंद्रगढ़ चोटी सैलानियों के मध्य काफी ज्यादा लोकप्रिय है। यह जगह हाइकिंग के लिए भी काफी खास मानी जाती है। अगर आप एडवेंचर का शौक रखते हैं तो यहां आकर अपनी इच्छा को पूरी कर सकते हैं।