सापुतारा एक आकर्षक हिल स्टेशन है जो गुजरात के डांग जिले में समुद्र तल से 1000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह हरे-भरे परिवेश, प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हिल स्टेशन वास्तव में एक छिपा हुआ स्वर्ग है। दरअसल यह स्थान मुख्य रूप से एक आदिवासी इलाका है। सापुतारा यहां के लोगों के इतिहास और संस्कृति को पूरी तरह दर्शाती है। बता दें सापुतारा का अर्थ है सांपों की भूमि और यहां स्थानीय लोग होली के महीने में सांपों की पूजा करते हैं। आज हम आपको बाताएंगे सापुतारा में घूमने वाले जगह के बारे में जहां आपको जरूर जाना चाहिए।
सापुतारा सह्याद्री का दूसरा सबसे ऊंचा पहाड़ी स्थल है। गर्मी के दिनों में भी यहां का तापमान 28 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा नहीं होता है। सापुतारा का हिल स्टेशन अपने ठंडे मौसम से साल भर तरोताजा रहता है। वहीं मानसून की बारिश सापुतारा के वातावर्ण में चार चांद लगा देती है। बता दें सापुतारा साल के किसी भी मौसम में घूमने लायक है, लेकिन यहां घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से नवंबर तक है।
हाटगढ़ फोर्ट
सापुतारा से लगभग 5 किमी की दूरी पर महाराष्ट्र के किनारे पर स्थित है हाटगढ़ फोर्ट। यह फोर्ट लगभग 3,600 फीट की ऊंचाई पर स्तिथ है, इस वजह से किले तक पहुंचने का एकमात्र तरीका ट्रेकिंग है।
यहां से आप गंगा और जमुना के जलाशयों को देख सकते हैं, जो आस पास के गांवों के लिए पानी का स्त्रोत हैं। पर्यटक इस फोर्ट के ऊपर से पूरी घाटी और वहां के सुरगाना गांव के मंत्रमुग्ध करने वाले दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
यह कैसे पहुंचे-
शीर्ष पर केवल ट्रेक द्वारा ही पहुंचा जा सकता है।
समय-
ये फोर्ट हर दिन सुबह 09:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक खुला रहता है।
वंसदा राष्ट्रीय उद्यान
लगभग 24 किमी की जगह में फैला, सापुतारा से लगभग 40 किमी दूर स्तिथ है वंसदा राष्ट्रीय उद्यान। इस राष्ट्रीय उद्यान को सापुतारा में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक माना जाता है। वंसदा राष्ट्रीय उद्यान में घने नम जंगल शामिल हैं। यह उद्यान फूलों के पौधों की लगभग 443 प्रजातियों जैसे बांस, दूधकोड, काकड़, तिमरू, हंब, कलाम, मोदद, हल्दू, सीसम और अन्य का घर है। यह राष्ट्रीय उद्यान कई जंगली जानवरों जैसे तेंदुए, लकड़बग्घा, जंगली सूअर, सांभर, चार सींग वाले मृग और कई प्रकार के सरीसृप और पक्षी प्रजातियों का भी घर है। इस जंगल में कई आदिवासी आबादी रहते हैं। वांसदा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के महीनों के दौरान होता है।
कैसे पहुंचे-
इस राष्ट्रीय उद्यान के निकटतम रेलवे स्टेशन वाघई और बिलिमोरा हैं और यहां सड़क मार्ग से भी पहुंचा जा सकता है।
समय-
हर दिन सुबह 06:00 बजे से शाम 05:30 बजे तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क-
यहां का प्रवेश शुल्क 500 रुपए है, जिसमे गाइड और वाहन भी शामिल है।
गिरा फॉल्स
वाघई के पास वानारचोद गांव में स्थित है गिरा फॉल्स। यह गिरा फॉल्स मानसून के मौसम में सापुतारा में घूमने के लिए आश्चर्यजनक स्थानों में से एक है। यह गुजरात में सबसे लोकप्रिय वॉटरफॉल है। सापुतारा में साल भर पर्यटकों की भीड़ रहती है।
कैसे पहुंचा-
सापुतारा जाने वाली किसी भी बस में सवार होकर इस स्थान तक पहुंचा जा सकता है। यहां समय की कोई पाबंदी नही है।
सापुतारा झील
सापुतारा हिल स्टेशन से लगभग 1.5 किमी दूर स्थित है सापुतारा झील और इसे सापुतारा घाटी के सबसे प्रसिद्ध पिकनिक स्थलों में से एक माना जाता है। हरियाली से भरी यह झील अपनी नौका विहार गतिविधि के लिए प्रसिद्ध है।
सापुतारा झील बच्चों के पार्कों और खेल के मैदानों से घिरा हुआ है। इस झील के किनारे बहुत सारे फूड जोन, चाय के स्टॉल और खरीदारी के लिए कई दुकानें उपलब्ध हैं।
कैसे पहुंचें-
सापुतारा झील मुंबई से 250 किमी और सूरत से 160+ किमी दूर स्थित है और स्थानीय परिवहन के किसी भी माध्यम से पहुंचा जा सकता है।
समय-
हर दिन सुबह 9:00 बजे से शाम 08:00 बजे तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क-
यहां का प्रवेश शुल्क 35 रुपए है।
सापुतारा संग्रहालय
सापुतारा संग्रहालय सूरत और नासिक के राजमार्ग पर स्थित एक छोटा संग्रहालय है। इस संग्रहालय का निर्माण पर्यटकों को जिले की आदिवासी संस्कृति और जीवन शैली से रूबरू कराने के लिए किया गया था।
इस क्षेत्र में रहने वाले कई आदिवासी समुदायों की कई कलाकृतियां हैं जिनमें भील, कुनबी, गामित और वार्ली कलाकृती शामिल हैं। संग्रहालय कपड़े, बर्तन, पारंपरिक लेख, जीवन शैली, घर की वस्तुएं और आभूषण जैसी अलग-अलग कलाकृतियों को दिखाती है।
कैसे पहुंचें-
आप किसी भी स्थानीय परिवहन से संग्रहालय तक पहुंच सकते हैं।
समय-
यह संग्रहालय सुबह 10:00 बजे से शाम 05:30 बजे तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क-
यहां का प्रवेश शुल्क सिर्फ 10 रुपए हैं।