दूर दूर तक फैले बर्फ के पहाड़, उनपर बिखरी रुई की जैसी सफ़ेद बर्फ, फूलों से भरे हुए खुशबूदार पेड़, नर्म मुलायम घास, कल कल करते चांदी की भांति गिरते झरने और मन को मोह लेने वाले मनोरम दृश्य को देख कर ऐसा महसूस होता है जैसे 'अल्मोड़ा' खूबसूरत विशाल पहाड़ों की गोद में आराम कर रहा हो।
वाकई इसके सौंदर्य की जितना भी व्याख्या की जाये उतनी ही कम है। यहाँ की ताज़ी हवा, चीड़ के वृक्षों का साया, घने जंगल और उन जंगलों से गुज़ारना मानो सारी थकान चुटकी भर में दूर कर देती हो। अगर आप भी अल्मोड़ा आने की सोच रहे हैं तो इस वेकेशन आपके पास एक अच्छा मौका है प्रकृति की बाँहों में कुछ पल बिताने का। अल्मोड़ा में मकान लकड़ी के बनाये जाते हैं जो कि पहाड़ियों की ढलान पर होते हैं। तो इतना सोचिये मत हम आपको बताते हैं अल्मोड़ा में कब कहाँ जाएँ बस एक नज़र में।
कुदरत के करिश्मे की खूबसूरत मिसाल है 'फूलों की घाटी'
नैना देवी मंदिर
नैना देवी मंदिर की दीवारों पर रची गई मूर्तियां देखने लायक हैं। यह मंदिर धार्मिक महत्ता के साथ साथ अपनी आकर्षक रौनक के लिए भी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। अल्मोड़ा के मुख्य बाज़ार के बीच में यह मंदिर पड़ता है जो कि बताया जाता है कि सैंकड़ों वर्ष पुराना है।
Image Courtesy:Gautam Dhar
ब्राइट एवं कॉर्नर
ब्राइट एवं कॉर्नर अपने मनमोहक दर्शयों के लिए पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का दिलकश नज़ारा पर्यटकों को अपनी और खींचता है। इसकी चोटी से आप बर्फ से ढके हिमालय के अद्भुत दृश्यों को अपनी आँखों में कैद कर सकते हो।
Image Courtesy:rajkumar1220
चितई मंदिर
चितई मंदिर अपनी लोकप्रियता का एक जीता-जागता उदाहरण है जो पर्यटकों की आस्थाओं का प्रतिक है। हज़ारों की तादाद में लोग यहाँ अपनी मुरादें लेकर आते हैं और अपनी मन्नतों को पूरा करने का अनुरोध भी करते हैं। यह मंदिर लोक देवता गोल्ल का है जो की श्रद्धालुओं के बीच खासा लोकप्रिय है।
Image Courtesy:Woodlouse
कटारमल
कटारमल में देश का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण सूर्य मंदिर है जो कि कोणार्क के सूर्य मंदिर की तरह लोकप्रिय है। बताया जाता है कि यह मंदिर 800 साल पुराना है। हालांकि इस समय यह मंदिर खंडहर की हालत में है परन्तु इसका महत्त्व पर्यटकों को यहाँ तक खींचे लिए आता है।
Image Courtesy:rajkumar1220
जागेश्वर
जागेश्वर मंदिर कलात्मक शैली का बहुत ही खूबसूरत प्राचीन मंदिर है जो कि स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। इस मंदिर को द्वादश ज्योर्तिलिंग में एक माना जाता है। इसी के कुछ ही दूरी पर एक खूबसूरत पहाड़ी है जिसे 'हरी झंडी' के नाम से जाना जाता है आप इस मंदिर के दर्शन करने के बाद यहाँ आकर पिकनिक मना सकते हैं।
Image Courtesy:RFIndia
बिनरस
बिनरस मंदिर का शांत वातावरण पर्यटकों को खींचे लिए आता है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण चंद्रवंशी राजा कल्याण ने करवाया था। अगर आप भी मन की शांति चाहते हैं तो यहाँ अवश्य आएं।
Image Courtesy:rajkumar1220
कोसी
कोसी बेहद खूबसूरत एक रमणीक स्थल है। पर्यटकों को यहाँ का शांत वातावरण इतना भाता है कि वह घंटों तक यहीं ठहर जाते हैं। यह रमणीक स्थल अल्मोड़ा से तक़रीबन 13 किलोमीटर दूर है।
Image Courtesy:Rajarshi MITRA
बागेश्वर
बागेश्वर में बागनाथ का मंदिर पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है। यह सरयू नदी के तट पर बसा है कहा जाता है कि इस मंदिर को 1450 में बनवाया गया था। अगर आप यहाँ की सैर करना चाहते हैं तो आपको बतादें कि यहाँ खाने पीने की उत्तम व्यवस्था है।
Image Courtesy:Lucio Di Madaura
बैजनाथ
बैजनाथ प्राचीन तत्व के मंदिरों के समूण की एक श्रंखला है। जहाँ भगवान शिव, पार्वती और गणेश के मंदिर दर्शनीय हैं। बताया जाता है कि यह मंदिर 12 वीं 13 वीं शताब्दी के हैं जिसे कत्यूरी वंश के राजाओं ने बनवाया था। इन मंदिरों की कलात्मक शैली और इनकी स्थापत्य कला बेजोड़ है।
Image Courtesy:rajkumar1220
कसार देवी
कसार देवी मंदिर एक पहाड़ी पर बना है जो कि काफी प्राचीन है। यह मंदिर अल्मोड़ा से तक़रीबन 5 किलोमीटर की दूरी पर है। अगर आप यहाँ आना चाहते हैं तो आपको बतादें कि इसी के कुछ ही दूरी पर एक खूबसूरत पिकनिक स्थल है जो कि 'कालीमठ' के नाम से जाना जाता है।
Image Courtesy:rajkumar1220
उत्सव
अल्मोड़ा में सितंबर के महीने में होने वाला नैना देवी का मेला देखने योग्य होता है। यहाँ की दशहरे के मौके पर होने वाली रौनक पर्यटकों को दूर से ही आकर्षित करती है।
Image Courtesy:rajkumar1220
ट्रैकिंग
अगर आप भी ट्रेकिंग के शौक़ीन हैं तो यहाँ जाना मत भूलियेगा। यहाँ ट्रेकिंग करने का अपना अलग ही मज़ा है। मुक्तेश्वर, लमगड़ा, जालना, शीतलाखेत, मोरनौला आदि जगह आप ट्रेकिंग का मज़ा ले सकते हैं।
Image Courtesy:Rajarshi MITRA
अल्मोड़ा कैसे जाएँ
अल्मोड़ा कैसे जाएँ फ्लाइट, ट्रेन, बस और टैक्सी की अधिक जानकारी के लिए बस एक क्लिक करें-
रेल मार्ग- निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो अल्मोड़ा से 91 किलोमीटर दूर है। दिल्ली,हावड़ा, बरेली, रामपुर आदि शहरों से यहाँ के लिए नियमित रूप से ट्रेनें चलती हैं। काठगोदाम से अल्मोड़ा के लिए स्थानीय बसें व टेक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग - समीपवर्ती प्रदेशों से अल्मोड़ा के लिए राज्य परिवहन निगम की सीधी बस सेवाएं उपलब्ध हैं। हल्द्वानी, काठगोदाम और नैनीताल से नियमित बसें अल्मोड़ा जाने के लिए चलती हैं। ये सभी बसे भुवाली होकर जाती हैं। भुवाली से अल्मोड़ा जाने के लिए रामगढ़, मुक्तेश्वर वाला मार्ग भी है। परन्तु अधिकांश लोग गर्म पानी के मार्ग से जाना ही उत्तम समझते हैं। क्योंकि यह मार्ग काफी सुन्दर तथा नजदीकी मार्ग है।
Image Courtesy:rajkumar1220
अल्मोड़ा कब जाएँ
अल्मोड़ा में गर्मियों में भी सुबह शाम हलकी ठंड रहती है, इसलिए गर्मियों के मौसम में भी ऊनी वस्त्र साथ लेकर जाएँ। वैसे बारिश के मौसम को छोड़कर अल्मोड़ा कभी भी जा सकते हैं।
Image Courtesy:rajkumar1220
अल्मोड़ा में कहाँ ठहरें
अल्मोड़ा के होटलों की अधिक जानकारी के लिए बस एक क्लिक करें
Image Courtesy:Travelling Slacker