प्राकृतिक सौंदर्य, मनोहारी दृश्य, हरियाली, हरी-भरी घाटियां और पर्वत की चोटियों को अपने में समेटे कौसानी एक बेहद खूबसूरत पर्यटक स्थल है। जो कि 1980 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ नगर है। यहाँ से पर्वत की चोटियों का अद्भुत नज़ारा वाकई मनमोह लेने जैसा होता है। इसीलिए तो इसकी खूबसूरती को देख 'महात्मा गांधी' ने कहा था कि 'अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है' यानि 'कौसानी धरती का स्वर्ग' है।
इतना ही नहीं महात्मा गांधी जी ने अपनी पुस्तक 'अनासक्ति योग' की रचना भी इसी शहर से की थी। चीड़ और देवदार के वृक्षों से घिरा यह नगर पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है तभी तो हज़ारों मिल की दूरी भी तय करके पर्यटक यहाँ अवश्य आते हैं। यहाँ के सूर्योदय का नज़ारा अद्भुत होता है।
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पंत संग्राहलय
पंत संग्राहलय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मशहूर कवि सुमित्रानंदन पंतजी की जीवन से जुडी वस्तुओं के साथ साथ उनकी कविताओं की पांडुलिपियां व पत्र इस संग्राहलय में मौजूद हैं। यह संग्राहलय कौसानी बस अड्डे से कुछ ही दूरी पर है।
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सोमेश्वर
सोमेश्वर मंदिर कत्युरी शैली में बना बेहद आकर्षण मंदिर है जो कि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह मंदिर कौसानी से 19 किलोमीटर की दूरी पर है।
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पिनाकेश्वर
पिनाकेश्वर पिकनिक मनाने का एक बेहद रमणीक स्थल है। यहाँ अक्सर पर्यटक ट्रैकिंग करने आते हैं। पिनाकेश्वर के पास ही में एक गोपालकोट, हरिया तथा बूढा पिनाकेश्वर भी है जो सौंदर्य से परिपूर्ण है। यह स्थल कौसानी से 20 किलोमीटर की दूरी पर है।
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पिंडारी ग्लेशियर
पिंडारी ग्लेशियर ट्रैकिंग के लिए एक उपयुक्त पर्यटन स्थल है। इसकी ऊंचाई 3820 मीटर है। इस ग्लेशियर पर ट्रैकिंग करने दूर दूर से देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। अगर आप भी पिंडारी ग्लेशियर की सैर करने की सोच रहे हैं तो आपको बतादें यहाँ आने के लिए आपको पहले बागेश्वर पहुंचना पड़ेगा। जो की कौसानी से 39 किलोमीटर दूर है।
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अनासक्ति आश्रम
अनासक्ति आश्रम का निर्माण महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि के लिए अर्जित किया गया है इसलिए इसे गांधी आश्रम भी कहा जाता है। गांधी जी ने कौसानी के सौंदर्य से प्रेरित होकर अपनी पुस्तक 'अनासक्ति योग' की रचना यहीं की थी। यहाँ गांधी जी से जुडी कई सामग्रियाँ मौजूद हैं।
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कौसानी चाय बागान
कौसानी चाय बागान विश्व भर में मशहूर है यहाँ गिरियाज उत्तराँचल चाय 208 हेक्टेयर में फैले बागान में उगाई जाती है। यहाँ पर्यटक आकर इन बागानों की सैर कर सकते हैं साथ ही साथ चाय फैक्ट्री के अंदर का भी नज़ारा कर सकते हैं। अगर आप यहाँ की चाय खरीदना चाहते हैं तो खरीद भी सकते हैं।
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कोट ब्रह्मरी
कोट ब्रह्मरी में एक दर्शनीय मंदिर कोट ब्रह्मरी मंदिर है जो की देवी दुर्गा के भ्रमर अवतार को समर्पित है। कोट ब्रह्मरी मंदिर में अगस्त में एक बड़ा मेला लगता है जो कि तीन दिन तक चलता है। इस मेले में दूर दूर से कोट ब्रह्मरी मंदिर के भक्त आते हैं।
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कौसानी कैसे जाएँ
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वायु मार्ग- निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर विमानक्षेत्र है।
रेल मार्ग द्वारा- निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो यहाँ से 142 किलोमीटर दूर है। काठगोदाम से कौसानी की दूरी आप स्थानीय बस या टैक्सी द्वारा तय कर सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा- समीपवर्ती प्रदेशों से कौसानी के लिए सीधी बस सेवायें उपलब्ध हैं। दिल्ली के आईएसबीटी आनन्द विहार बस अड्डे से कौसानी के लिए नियमित रुप से बसें चलती हैं। प्रदेश के अन्य जिले से भी बस द्वारा कौसानी जाया जा सकता है। दिल्ली से रूट राष्ट्रीय राजमार्ग 24 से हापुड़, गजरौली और मुरादाबाद होते हुए रामनगर, राष्ट्रीय राजमार्ग 87 से रुद्रपुर, हल्द्वानी, काठगोदाम, रानीबाग, भोवाली, खैना्र और सुआलबारी होते हुए अल्मोड़ा, राज्य राजमार्ग से अल्मोड़ा और सोमेश्वर होते हुए कसानी।
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कौसानी में कहाँ ठहरें
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कौसानी में ठहरने के लिए हर तरह के होटल उपलब्ध हैं।
उत्तम श्रेणी के होटल- कृष्णा माउन्ट व्यू, सागर आदि।
माध्यम श्रेणी के होटल- उत्तराखंड, प्रशांत आदि।
साधारण श्रेणी के होटल- हिमालय, न्यू पाईन आदि।
अन्य स्थल- टूरिस्ट बंगला आदि।
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कौसानी कब जाएँ
वैसे तो कौसानी बरसात के मौसम को छोड़कर किसी भी मौसम में आया जाया जा सकता है, फिर भी अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर का समय यहाँ घूमने के लिए अच्छा है।
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