दक्षिण भारत को खूबसूरती का केंद्र कहा जाता है। यहां पर अनगिनत मंदिर स्थित है। अगर आपने कभी भी दक्षिण भारत का दौरा किया हो और वहां के मंदिरों में दर्शन किया हो तो आपने एक चीज जरूर नोटिस की होगी, वह है यहां के मंदिर के गोपुरम (प्रवेश द्वार)। पिरामिड के आकार वाले ऊंचे-ऊंचे यह गोपुरम लोगों के आकर्षण का केंद्र भी होते हैं।
गोपुरम को गोपुर या विमानम भी कहा जाता है, जो एक स्मारकीय अट्टालिका होती है और शिल्प से सज्जित होती है। गोपुरम, दक्षिण के मंदिरों के स्थापत्य का प्रमुख अंग माना जाता है। यह मंदिर में प्रवेश द्वार का काम करता है। सबसे पहले इसका इस्तेमाल दक्षिण भारत में पल्लव वंश के शासकों द्वारा किया गया था। इनको गोपुरमों की सबसे खास बात यह होती है कि इन्हें शिल्प और चित्रकारी से सजाया जाता है, जो मंदिर के प्रधान देवता से संबंधित होती है। अब बात करते हैं भारत के उन 5 गोपुरमों की जो सबसे ऊंचे हैं।
1. श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर
श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर, तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले के श्रीरंगम में स्थित एक पवित्र हिंदू मंदिर है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यहां भगवान को रंगनाथन के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर द्रविड़ शैली में बना हुआ है, जो दक्षिण भारत के प्रसिद्ध वैष्णव मंदिरों में से एक है। इस मंदिर से कई रोचक कथाएं भी जुड़ी हुई है। अवेरी नदी के किनारे बसा और 150 एकड़ में फैला यह मंदिर सबसे ऊंचे गोपुरम वाला मंदिर है। इस मंदिर का मुख्य गोपुरम करीब 73 मीटर (239.5 फीट) ऊंचा है, इसे राजगोपुरम भी कहा जाता है।
2. मुरुदेश्वर मंदिर
मुरुदेश्वर मंदिर, कर्नाटका के मुरुदेश्वर में स्थित एक हिंदू तीर्थ स्थल है, जो भगवान शिव को समर्पित है। मुरुदेश्वर दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है, जो करीब 40 मीटर की है। यह अरब सागर के तट पर स्थित है। कंडुका पहाड़ी पर बना करीब 20 मंजिले वाला यह मंदिर है। इस मंदिर का गोपुरम करीब 72 मीटर (237 फीट) ऊंचा है।
3. अन्नामलाईयार मंदिर (अरुणाचलेश्वर मंदिर)
अन्नामलाईयार मंदिर, तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई में स्थित भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है। यह मंदिर द्रविड़ शैली में बना हुआ है, जो दक्षिण भारत के सबसे बड़े मंदिरों में गिना जाता है। यह मंदिर चोल वंश के शासकों द्वारा 9वीं शाताब्दी में बनाया गया था। लेकिन इस मंदिर का इतिहास और भी पुराना बताया जाता है। यह सुबह 5:30 बजे से लेकर रात 10 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है। करीब 25 एकड़ में फैले इस मंदिर का गोपुरम करीब 66 मीटर (216.5 फीट) ऊंचा है।
4. श्रीविल्लीपुथुर अंदल मंदिर
श्रीविल्लीपुतुर अंदल मंदिर, तमिलनाडु के विरुधिनगर में स्थित भगवान विष्णु को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। यह 2000 साल से भी ज्यादा पुराना मंदिर है। द्रविड़ वास्तुकला से बने इस मंदिर में भगवान विष्णु विश्राम की मुद्रा में है। इस मंदिर में दो महत्वपूर्ण उत्सव - अलवर उत्सव और एनाइकप्पू बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस मंदिर का गोपुरम करीब 59 मीटर (193 फीट) ऊंचा है।
5. उलगलंता पेरुमल मंदिर
उलगलंता पेरुमल मंदिर, तमिलनाडु के तिरुकोईलूर में स्थित भगवान विष्णु को समर्पित एक मंदिर है। यह मंदिर भी करीब 2000 साल पुराना बताया जाता है। इस मंदिर में वामन देवता के रूप में भगवान विष्णु की एक मूर्ति है जो 35 फीट लंबी और 24 फीट चौड़ी है। इसमें भगवान विष्णु का एक पैर पृथ्वी पर और दूसरा आकाश पर है। मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम के 8:00 बजे तक का है। इस मंदिर का गोपुरम करीब 59 मीटर (192 फीट) ऊंचा है।