उंचे उंचे पहाड़ों से घिरा हिमाचल परदेश पर्यटकों को हर सीजन में अपनी ओर आकर्षित करता है।सर्दियों में पर्यटक हिमाचल बर्फबारी का आनन्द लेने पहुंचते हैं तो गर्मियों में ठंडक पाने के लिए।
हिमाचल प्रदेश में शिमला, मनाली, कुल्लू,धर्मशाला जैसी कई जगहें हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। हर साल लाखो की तादाद में पर्यटक में कुल्लू-मनाली और शिमला में बर्फबारी का अनुभव करने के लिए पहुंचते हैं। पर्यटक यहां सिर्फ बर्फबारी का ही मजा नहीं ले सकते बल्कि एडवेंचर गेम्स जैसे ट्रेकिंग, स्किंग,पैराग्लाइडिंग आदि का भी जमकर लुत्फ उठा सकते हैं।
कुछ सालों से इन जगहों पर बढ़ती भीड़भाड़ के चलते पर्यटक शांति और सुकून की तलाश में रहते हैं..अगर आप भी कर रहें हैं सुकून भरी जगह की तलाश तो आज हम आपको हिमाचल प्रदेश के उन खूबसूरत जगहों से रूबरू करायेंगे, जहां आपको मिलेंगे सुकून के पल साथ ही आपकी छुट्टियाँ होगी और भी मजेदार और यादगार
मलाना
मालाना, मनाली से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित पार्वती घाटी में एक छोटा सा हिमालयी गांव है। जामदग्नी और रेणुका देवी के मंदिर मलाना गांव में अपनी सुंदर लकड़ी और पत्थर के लिए प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। गांव मलाना, ट्रेकिंग के लिए एक रोमांचकारी जगह है।और जो लोग प्रकृति को करीब से देखना चाहते हैं उनके लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है।PC: wikimedia.org
हिडिम्बा देवी मंदिर
हिडिम्बा देवी मंदिर मंदिर एक गुफा में बना हुआ है जो देवी हिडम्बा को समर्पित है। देवी हिडम्बा, हिडम्ब की बहन थी। यह मंदिर हिमालय की तलहटी पर स्थित है जिसके आसपास हरियाली है और जंगल हैं। इस मंदिर का निर्माण 1553 ई. में एक पत्थर में किया गया था। इस मंदिर में हर साल 14 मई को मंदिर में देवी जी का जन्मदिन मनाया जाता है जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और दर्शन करते हैं।
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खीरगंगा
खीरगंगा, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में है। खीरगंगा के बारे में कहा जाता है कि कभी यहां भगवान शिव की कृपा से खीर निकलती थी। लेकिन जब परशुराम जी ने देखा कि लोग इस खीर को खाने के लालच में बावले हुये जा रहे हैं तो उन्होंने श्राप दे दिया कि अब यहां से कोई खीर नहीं निकलेगी। और बस, तभी से खीर निकलनी बंद। हालांकि आज भी दूध की मलाई जैसी चीज गरम खौलते पानी के साथ निरंतर निकलती रहती है।यहां आने वाले पर्यटक यहां ट्रेकिंग का भरपूर मजा ले सकते हैं।PC: wikimedia.org
वशिष्ठ कुंड
वाशिष्ठ गांव मनाली से 5 किमी की दूरी पर ब्यास नदी में स्थित है। यह अपने सैल्फ़ुरस हॉट वाटर स्प्रिंग्स के लिए प्रसिद्ध है। यहां महिलायों पर पुरुषो के अलग अलग स्नानघर बनें हुए..जहां वह इस पवित्र कुंड में डुबकी लगा सके। वशिष्ठ अपने पत्थर मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है जो कि एक महान ऋषि वशिष्ठ को समर्पित है।
गाढ़ान थेक्छोलिंग गोम्प
गाढ़ान थेक्छोलिंग गोम्प तिब्बती मठ मनाली की पुरानी सड़क के पास स्थित है। यहां पर्यटक तिब्बती वास्तुकला पर तिब्बती संस्कृती को बखूबी निहार सकते हैं।साथ ही यहां आने वाले पर्यटक परिसर में स्थित दुकानों से तिब्बती हस्तशिल्प खरीददारी भी कर सकते हैं। रविवार को छोड़कर पर्यटक रविवार को छोड़कर इस जगह की सैर सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक कभी कर सकते हैं।
हिमालयी निंगमापा गोम्पा
हिमालयी निंगमापा गोम्पा एक बेहद खूबसूरत जगह है। यह मनाली की व्यस्त बाज़ार के करीब स्थित है। अधिकांश मठों के विपरीत, यह संरचना में छोटा है। लेकिन अन्य गोम्पाओं की तरह, यह जगह भी एक दिव्य शांत माहौल प्रदान करता है...जिसमें प्रार्थना, मंत्र और सुगंध की सुगन्धित आवाज़ होती है।
अर्जुन गुफा
अर्जुन गुफा (गुफा) सुंदर ब्यास नदी के तट पर स्थित है, मनाली से 5 किमी दूर है। यह एक अत्यंत आकर्षक जगह है। इस जगह का नाम महाभारत के नायक अर्जुन के ऊपर है। अर्जुन गुफा से पर्यटक यहां के बर्फ से घिरे पहाड़ो अल्पाइन जंगलों के आश्चर्यजनक दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
ह्म्ता
ह्म्ता मनाली से करीबन 12 किमी की दूरी पर स्थित है...यह जगह पर्यटकों के बीच ट्रेकिंग के लिए खासा लोकप्रिय है।
मनू मंदिर
मनू मंदिर पुराने मनाली क्षेत्र के व्यास नदी के तट पर स्थित है मुख्य बाजार से इस मंदिर की दूरी 3 किमी. है। किंवदतियों के अनुसार, मनु संसार का पहला मनुष्य था जिसे भगवान ब्रहमा ने बनाया था। भक्तों के अनुसार, मंदिर में मनु के धरती पर पड़े पहले कदम की छाप है।
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सोलांग घाटी
सोलांग घाटी मनाली से लगभग 13 किमी दूर स्थित है। इस चोटी से पर्यटक हिमालय के ग्लेशियरों और बर्फ-पहने पहाड़ों के शानदार दृश्यों को देख सकते हैं। सोलांग घाटी को हिम पॉइंट के रूप में भी पर्यटकों के बीच जाना जाता है...यहां पर्यटक स्कीइंग, पैराशूट-फ्लाइंग और पैराग्लाइडिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स का आनन्द ले सकते हैं।