हमारे देश भारत में कई जगह कौतुहल का विषय है..जिसके बारे में हम सभी जानने और समझने की कोशिश करते हैं।इसी क्रम मै आज आपको अपने लेख के जरिये एक ऐसे श्मशान के बारे बताने जा रहीं हूं, जिसके बारे में जानकर आप
आश्चर्यचकित रह जायेंगे।
दरअसल, मै बात कर रहीं हूं वाराणसी" loading="lazy" width="100" height="56" />Latest:तो यहां है असली बाहुबली की महिष्मती..
दरअसल, मै बात कर रहीं हूं वाराणसी
इस मंदिर में आने वाले भक्त की होती है हर मनोकामना पूरी....
इसके अलावा मणिकर्णिका घाट की कई विशेषताएं है जो भारत के किसी अन्य श्मशान घाट में नहीं है। ऐसी ही दो विशेषताओं के बारे में हम अब तक आप सब को बता चुके है।
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पहली यह की मणिकर्णिका घाट पर जलती चिताओं के बीच चिता भस्म से खेली जाती है होली और दूसरी चैत्र नवरात्री अष्टमी को मणिकर्णिका घाट पर,जलती चिताओं के बीच, मोक्ष की आशा में सेक्स वर्कर करती है पूरी रात डांस।
अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव देता है चूहों को समर्पित करणी माता मंदिरआइये जानते हैं मणिकर्णिका घाट से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें
मणिकर्णिका घाट
मणिकर्णिका घाट वाराणसी में गंगानदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध घाट है।इस घाट से जुड़ी भी दो कथाएं हैं।PC:David Pirmann
मणिकर्णिका घाट
इस घाट से जुड़ी भी दो कथाएं हैं। एक के अनुसार भगवान विष्णु ने शिव की तपस्या करते हुए अपने सुदर्शन चक्र से यहां एक कुण्ड खोदा था। उसमें तपस्या के समय आया हुआ उनका स्वेद भर गया। जब शिव वहां प्रसन्न हो कर आये तब विष्णु के कान की मणिकर्णिका उस कुंड में गिर गई थी।
PC: Dwivedi Ashok
मणिकर्णिका घाट
दूसरी कथा के अनुसार भगवाण शिव को अपने भक्तों से छुट्टी ही नही मिल पाती थी। देवी पार्वती इससे परेशान हुईं, और शिवजी को रोके रखने हेतु अपने कान की मणिकर्णिका वहीं छुपा दी और शिवजी से उसे ढूंढने को कहा। शिवजी उसे ढूंढ नही पाये और आज तक जिसकी भी अन्त्येष्टि उस घाट पर की जाती है, वे उससे पूछते हैं कि क्या उसने देखी है?
PC:Dennis Jarvis
मणिकर्णिका घाट
प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार मणिकर्णिका घाट का स्वामी वही चाण्डाल था, जिसने सत्यवादी राजा हरिशचंद्र को खरीदा था। उसने राजा को अपना दास बना कर उस घाट पर अन्त्येष्टि करने आने वाले लोगों से कर वसूलने का काम दे दिया था।PC:Michal Huniewicz
मणिकर्णिका घाट
बहुत से लोग भारत की इस प्राचीन परंपरा से अनभिज्ञ हैं लेकिन ये सच है कि सदियों से बनारस के इस श्मशान घाट पर चैत्र माह में आने वाले नवरात्रों की सप्तमी की रात पैरों में घुंघरू बांधी हुई वेश्याओं का जमावड़ा लगता है। एक तरफ जलती चिता के शोले आसमान में उड़ते हैं तो दूसरी ओर घुंघरू और तबले की आवाज पर नाचती वेश्याएं दिखाई देती हैं।
PC: Mukund Acharya
मणिकर्णिका घाट
भगवान भोलेनाथ को समर्पित, काशी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है। यही वजह है कि वेश्याएं भी यहां नाच-नाचकर भोलेनाथ से यह प्रार्थना करती हैं कि उन्हें इस तुच्छ जीवन से मुक्ति मिले और अगले जन्म में वे भी समाज में सिर उठाकर जी सकें।PC: Aleksandr Zykov
मणिकर्णिका घाट
इस घाट की विशेषता ये है, कि यहां लगातार हिन्दू अन्त्येष्टि होती रहती हैं व घाट पर चिता की अग्नि लगातार जलती ही रहती है, कभी भी बुझने नहीं पाती।PC:Shefali11011
मणिकर्णिका घाट
मणिकर्णिका घाट, वाराणसी का वह घाट है जहां पर्यटक मौत पर्यटन करते है। कई पर्यटक यहां हिंदू धर्म के दाह संस्कार को देखने और रीति - रिवाजों को समझने के वास्ते भी आते है।PC: wikimedia.org
मणिकर्णिका घाट
इस घाट पर महिलाओं पर जाना मना है। इस घाट के पास में भगवान गणेश का मंदिर स्थित है और एक स्टोन स्लैब भी बना हुआ है जिसके बारे में माना जाता है कि यह भगवान विष्णु के चरणपादुका के निशान है।
धनी और अति विशिष्ट लोगों का अंतिम संस्कार यही किया जाता है।