यदी कभी आपको मौका मिला हो और आपने कला और आर्किटेक्चर का अध्ययन किया हो तो आपको पता होगा कि इमारतों, महलों, किलों या फिर मूर्तियों को उनके आकार से नहीं बल्कि उनकी नक्काशी और कलात्मकता से आंका जाता है, और ये देखा जाता है कि आखिर किस खूबसूरती से उस विशेष चीज़ को बनाया गया है। इसको पढ़ने के बाद हो सकता है आपके दिमाग में एक सवाल आये कि आखिर हम आपको बताना क्या चाह रहे हैं? साथ ही शायद आप ये भी सोचें कि अचानक आज हम आपको वास्तुकला पर ज्ञान क्यों दे रहे हैं? तो आपको बताते चलें कि आज हम बात भारत की मूर्तियों पर करने वाले हैं जो अपने आप में अद्भुत हैं।
भारत वो देश है जहां विश्व के सर्वाधिक हिंदू समुदाय के लोग वास करते हैं, और यहां मंदिरों की बहुतायत है। यहां बरसों से मूर्तियों के माध्यम से भगवान को पूजा जा रहा है। यहां रहने वाले लोगों में इन मूर्तियों पर अटूट विश्वास और श्रद्धा है। तो अब अगर हम विश्व मानचित्र पर भारत की बात करें तो मिलता है कि अपनी इन्हीं बेशकीमती मूर्तियों और बेमिसाल मंदिरों के चलते आज भारत को मंदिरों के देश के नाम से जाना जाता है।
तो आइये जानें भारत की 10 बेमिसाल मूर्तियों के बारे में।
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वीर अभया अंजनेया स्वामी
135 फीट लंबी और वर्ष 2003 में आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में स्थापित की गयी भगवान हनुमान की ये मूर्त्ति वर्त्तमान में भारत की सबसे लंबी मूर्ति हैं।
थिरूवल्लूवर प्रतिमा
यह प्रतिमा कन्याकुमारी का प्रमुख चिन्ह स्थान है। यह पत्थर की बनी एक विशाल खड़ी प्रतिमा है और प्रसिद्ध सन्त और तमिल कवि थिरूवल्लूवर को समर्पित है। थिरूवल्लूवर प्रतिमा की ऊँचाई लगभग 133 फीट है। प्रतिमा के आधार की ऊँचाई लगभग 38 फीट है और यह थिरूवल्लूवर द्वारा रचित थिरूकुलाल पुस्तक के अरम के 38 अध्यायों को दर्शाता है।
पद्मसंभव
पद्मसंभव का शाब्दिक अर्थ होता है "कमल से पैदा हुआ" 'गुरु रिंपोचे जिनको दूसरे बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है की हिमाचल में स्थापित मूर्ति भारत की अन्य विशालतम मूर्तियों में है। इस मूर्ति की लम्बाई 123 फीट है।
मुरुदेश्वर स्थित भगवान शिव की मूर्ति
कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित मुरुदेश्वर में भगवान शिव की इस मूर्ति का भी शुमार भारत की विशालतम मूर्तियों में है। ये हिन्दू धर्म का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है जहां हर साल लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। यहां भगवान शिव की मूर्ति की लम्बाई 122 फीट है और इसके पीछे विशाल अरब सागर है।
पद्मसंभव, नामची
नामची स्थित गुरु पद्मसंभव की ये मूर्ति 118 फीट की है। ये स्थान बौद्ध धर्म का महत्त्वपूर्ण केंद्र है।
बसावा की मूर्ति
कर्नाटक के बिदार जिले में स्थापित बसावा की ये मूर्ति 108 फीट लम्बी है। बसावाकल्याणा में स्थित ये मूर्ति अब तक बनी बसावा की सभी मूर्तियों में सबसे विशाल है, और विश्व की सबसे लम्बी मूर्ति है।
माइंडरोलिंग मठ स्थित भगवान बुद्ध की मूर्ति
उत्तराखंड के देहरादून में स्थापितभगवान बुद्ध की ये मूर्ति 107 फीट ऊंची मूर्ति है।
जय हनुमान
महाराष्ट्र का नांदुरा में भगवान हनुमान की ये मूर्ति हमेशा ही आने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। इस मूर्ति की ऊँचाई 105 फीट है।
हर की पौड़ी में शिव की प्रतिमा
उत्तराखंड स्थित हरिद्वार के हर की पौड़ी में स्थापित भगवान शिव की ये प्रतिमा भी भारत की सबसे लम्बी प्रतिमा है। इस प्रतिमा की लम्बाई 100 फीट है। ये मूर्ति भगवान शिव की तीसरी सबसे लम्बी मूर्ति है।
चिन्मय गणाधीश
चिन्मय मिशन द्वारा स्थापित भगवान गणेश की ये मूर्ति 85 फीट लंबी मूर्ति है। ये मूर्ति महाराष्ट्र के कोल्हापुर में है जो भगवान गणेश की अब तक कि सबसे लम्बी मूर्ति है।