भुवनेश्वर से 194 कि.मी की दूरी पर स्थित बालासोर भारत के ओडिशा राज्य का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है, जो अपने समुद्री आबोहवा, पारंपरिक खान-पान, धार्मिक स्थलों और लोक-संस्कृति के लिए जान जाता है। यह शहर मुख्य तौर पर चांदीपुर बीच के लिए ज्यादा प्रसिद्ध है, जिसकी चर्चा हम नीचे लेख में आगे करेंगे। इतिहास पर नजर डालने से पता चलता है कि यह शहर कभी कलिंग साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था।
चूंकि यह समुद्री तट से नजदीक है इसलिए इसपर बाहरी शक्तियों की ज्यादा नजर रहती थी। 1633 में अग्रेजों ने अपनी यहां एक फैक्टरी भी स्थापित की थी। इन सब तथ्यों से पता चलता है कि बालासोर अपने समय का कितना महत्वपूर्ण केंद्र रहा होगा। इस लेख के माध्यम से जानिए पर्यटन के लिहाज से यह ऐतिहासिक शहर आपको किस प्रकार आंनंदित कर सकता है।
पंचलिंगेश्वर
PC- Subhashish Panigrahi
बालासोर भ्रमण की शुरुआत आप यहां के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पंचलिंगेश्वर से कर सकते हैं। पंचलिंगेश्वर नीलगिरी के पास एक पहाड़ी पर स्थित है, जो अपने पांच शिवलिंग और और ऊपर बहते छोट झरने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा यहां का प्राकृतिक परिवेश भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों को काफी ज्यादा प्रभावित करता है। माना जाता है कि इन पंच लिंगों को प्रतिष्ठापन भगवान राम और माता सीता के द्वारा हुआ था।
इसके अलावा इस स्थल से एक और पौराणिक कहानी जुड़ी है, माना जाता है कि बाणासुर ने यहां भगवान शिव की अराधना की थी। ऊपर बहता प्राकृति झरना निरंतर शिवलिंग का जलाभिषेक करता है। धार्मिक अनुभव के लिए आप इस खास स्थल के दर्शन कर सकते हैं।
चांदीपुर बीच
धार्मिक स्थलों के अलावा आप यहां के समुद्री स्थलों की सैर का प्लान बना सकते हैं। चांदीपुर बीच यहां के सबसे प्रसिद्ध समुद्री तटों में गिना जाता है, जहां रोजाना पर्यटकों का भारी जमावडा लगता है। बहुत से आगंतुक इस बीच के लिए ही बालासोर का भ्रमण करते है। इस स्थानीय लोग मछली पकड़ने के लिए आते हैं। आप यहां के शानदार समुद्री दृश्यों का आनंद जी भरकर उठा सकते हैं, खासकर सूर्योदय और सूर्योस्त के दृश्य देखने लायक होते हैं। आप यहां के लंबे तट पर चहलकदमी का सुकून भरा अनुभव भी ले सकते हैं।
कुल्दिह वन्यजीव अभयारण्य (Kuldiha)
अगर आपको यहां आकर रोमाचंक अनुभव लेने का मन कर रहा है तो आप यहां के कुल्दिह वन्यजीव अभयारण्य की सैर का प्लान बना सकते हैं। 300 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला यह वन क्षेत्र अपनी समृद्ध जैव-विविधता के लिए जाना जाता है, जहां आप वनस्पतियों और जीवों की कई दुर्लभ प्रजातियों को भी देख सकते हैं। जंगली जीवों में आप यहां हाथी, गौर, तेंदुआ आदि को देख सकते हैं।
इसके अलावा यह वन्य क्षेत्र कई पक्षी प्रजातियों को सुरक्षित आश्रय देने का भी काम करता है। वन्यजीवन को करीब से देखने के लिए आप जीप सफारी की सुविधा का आनंद ले सकते हैं।
तलसारी
इन सब स्थलों के अलावा आप बालासोर के अन्य प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की सैर का प्लान बना सकते हैं। आप यहां तलसारी भ्रमण का प्लान बना सकते हैं। यह वो खास स्थल है, जहां सुवर्णारेखा, बंगाल की खाड़ी से मिलती, यह संगम एक द्वीप का निर्माण करता है।
यह स्थान अपने रेतीले समुद्री तट और मछली पकड़ने की गतिविधियों के लिए काफी ज्यादा लोकप्रिय है। तलसारी बालासोर से 88 किमी और दीघा से 8 किमी की दूरी पर स्थित है।
आरडी
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां के अन्य पर्यटन स्थल आरडी की सैर का प्लान बना सकते हैं। आरडी वैतरणी नदी के तट पर स्थित है, जिसे "ओडिशा की पवित्र गंगा" के नाम से भी संबोधित जाता है। यह स्थान बालासोर से 110 किमी और भद्रक से 52 किमी की दूरी पर स्थित है। आप चांदबाली से नाव के जरिए भी इस स्थान तक पहुंच सकते हैं। यह स्थल अपने शिव मंदिर के लिए जाना जाता है। आरडी में पर्यटकों के साथ-साथ श्रद्धालुओं का भी आगमन होता है।