बद्रीनाथ मंदिर के पास कई तीर्थ और पर्यटन स्थल हैं, उनमें से कुछ ट्रेकिंग और स्कीइंग गंतव्य भी हैं। तुंगनाथ मंदिर भी एसा ही धार्मिक स्थल है जो लोकप्रिय नहीं है, लेकिन इस मंदिर की बहुत मान्यता है। तुंगनाथ दुनिया के ऊंचे शिव मंदिरों में से एक है। यह 3,680 मीटर की ऊंचाई पर है। इसके अलावा यह मंदिर पंच केदारों में से दूसरे स्थान पर है। माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पाण्डवों द्वारा किया गया था, क्योंकि कुरुक्षेत्र में हुए नरसंहार के कारण शिव जी पाण्डवों से नराज थें। कहा जाता है कि पार्वती माता ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए यहां ब्याह से पहले तपस्या की थी। 12 से 14 हजार फुट की ऊंचाई पर बसा गढ़वाल हिमालय के सबसे सुंदर स्थानों में से एक है। बर्फ की चादर ओढ़े इस स्थान की सुंदरता जुलाई-अगस्त के महीनों में बेहद खुबसूरत लगती है। इन महीनों में यहां फैली मखमली घास के मैदान और खिले फूल यहां के मुख्य आकर्षण है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, शिव जी और उनकी पत्नी पार्वती दोनों हिमालय में निवास करते हैं। माता पार्वती को शैलपुत्री भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है 'पहाड़ की बेटी'। इस मंदिर के पुजारी अन्य केदार मंदिरों अलग मक्कुमथ गांव के एक स्थानीय ब्राह्मण हैं, जहां पुजारी दक्षिण भारत से हैं, आठवीं शताब्दी के हिंदू संत शंकराचार्य द्वारा स्थापित एक परंपरा है। यह भी कहा जाता है कि मक्कुमथ गांव के मैथानी ब्राह्मण इस मंदिर में पुजारी के रूप में कार्य करते हैं।
कहां है श्री तुंगनाथ मंदिर
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिला में स्थित तुंगनाथ मंदिर पवित्र पंच केदार में से एक है। यस भगवान शिव का सबसे ऊंचा मंदिर है, जो समुद्र तल से 3680 मीटर की ऊंचाई पर है।
कैसे पहुंचे तुंगनाथ
तुगनाथ आप सड़क, ट्रेन और हवाई मार्ग से पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे तुंगनाथ
ऋषिकेश से 212 किलोमीटर दूर चमोली गोपेस्वर चोपता रोड है। चोपता से तुंगनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए 3 किलोमीटर ट्रैक रूट लेना होता है।
ट्रेन के रास्ते कैसे पहुंचे तुंगनाथ
तुंगनाथ से नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। जो की 205 किलोमीटर की दूरी पर है।
हवाई जहाज द्वारा कैसे पहुंचे तुंगनाथ
तुंगनाथ से जॉली ग्रांट हवाई अड्डा नजदीक है जो 223 किलोमीटर दूर है।