मनमोहक झीलों, बर्फ से ढंकी हुई चोटियों, बर्फीले ग्लेशियरों वाला राज्य हिमाचल प्रदेश भारत में मौजूद ऐसा राज्य है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, खूबसूरत नज़रों और शांत वातावरण के कारण हर साल पूरी दुनिया के लाखों पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। ज्ञात हो कि देश के अलावा विदेश से आने वाले पर्यटकों के चलते राज्य के राजस्व में भी भारी बढ़ावा देखने को मिला है। अब ये राज्य पर्यटन की दृष्टि से और अधिक महत्त्वपूर्ण हो गया है ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य के कुल्लू जिले में स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को भी यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल कर लिया गया है।
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यूनेस्को की तरफ से इसे वन क्षेत्र में पारंपरिक तरीके से किए जा रहे वन संरक्षण के दृष्टिगत वर्ल्ड हेरिटेज साइट में किया गया है। आपको बताते चलें कि इससे पहले सन् 1903 में बनी शिमला-कालका रेलवे लाईन को वर्ष 2008 में विश्व धरोहर का दर्जा मिला था। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क जिसे अब जवाहर लाल नेहरू ग्रेट हिमालयन पार्क के रूप में भी जाना जाता है, कुल्लू के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है।
हिमालय के भूरे भालू के क्षेत्र वाला यह नेशनल पार्क कुल्लू जिले में 620 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है और यहां समशीतोष्ण एवं एलपाइन वन पाए जाते हैं। यहां कुछ वर्जिन कोनीफेरस वन है। एलपाइन चारागाह और ग्लेशियर का विशाल क्षेत्र इस पार्क का बड़ा हिस्सा है। राष्ट्रीय पार्क 30 से अधिक स्तनधारियों और पक्षियों की 300 से अधिक प्रजातियों सहित वनस्पतियों और पशुवर्ग की प्रजातियों की एक विस्तृत विविधता का घर है।
यहां पश्चिमी हिमालय की अनेक महत्वपूर्ण वन्य प्रजातियां पाई जाती है जैसे मस्क डीयर, ब्राउन बीयर, गोराल, थार, चीता, बरफानी चीता, भराल, सीरो, मोनल, कलिज, कोकलास, चीयर, ट्रागोपान, बरफानी कौआ आदि। रक्तिसार की चढ़ाई, सैंज नदी का उदगम और अलपाइन चारागाहों में कैम्प लगाना अविस्मरणीय अनुभव हैं। इसी प्रकार तीर्थ की ओर चढ़ाई का रास्ता तीर्थन नदी का उदगम है।
कब से किये जा रहे थे प्रयास
इस वन्य जीव अभ्यारण्य को विश्व धरोहर का दर्जा दिये जाने की कवायद करीब 2 साल पहले शुरू हुई थी। गौरतलब है कि अक्तूबर 2012 में यूनेस्को की एक टीम ने इस अभ्यारण्य का मुआयना किया था। उस समय टीम के द्वारा इसेवर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा दिए जाने के मामले में कई तरह की आपत्तियां दर्ज की थी। इन आपत्तियों को राज्य सरकार द्वारा दूर किया गया और अब ये एक वर्ल्ड हेरिटेज साइट है।
कैसे पहुँचें कुल्लू
कुल्लू हिमाचल प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बस सेवा के माध्यम से अपने निकटतम स्थलों के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, चंडीगढ़, पठानकोट और शिमला से पर्यटक हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम की डीलक्स बसों द्वारा यहां आसानी से पहुँच सकते हैं। इसके अलावा पर्यटक यहां रेल और फ्लाइट के जरिये भी आ सकते हैं।
जाने का सबसे अच्छा समय
इस नेशनल पार्क की यात्रा का सबसे अच्छा समय मार्च और अक्तूबर के बीच का है। इसके अलावा आप यहां अक्टूबर और नवंबर के बीच भी आ सकते हैं।