सपनों के शहर मुंबई में स्ट्रीट फूड से लेकर समुद्रतट और झरने, सब कुछ हैं लेकिन फिर भी कभी-कभी इस शहर में रहने पर कुछ बदलाव का मन करता है। शहर की भागदौड़ से दूर किसी शांत जगह पर जाना मन को शांति और सुकुन देता है।
क्या आपको पता है, मुंबई का नाम मुंबई कैसे पड़ा?
दहानु शब्द धेनु ग्राम से लिया गया है जिसका मतलब होता है गायों का गांव। इस गांव में अधिकतर लोग गायों को चराने का काम करते हैं।
दहानु, चीकू फल के लिए भी लोकप्रिय है। इस शहर में पूरे राज्य के चीकू का उत्पादन 35 प्रतिशत होता है। इसके अलावा यहां पर नारियल और गुलाब के बगीचे भी हैं।
दहानु आने का सही समय
दहानु जैसे खूबसूरत शहर में अक्टूबर से फरवरी तक सर्दी के मौसम में घूमना अच्छा रहता है। इस दौरान यहां का मौसम सुहावना और ठंडा रहता है।
मॉनसून के दौरान यहां भारी बारिश होती है और गर्मियों के मौसम में कड़कती धूप पड़ती है।PC:Raman Patel
मुंबई से दहानु का रूट
छेद्दा नगर - पूर्वी एक्सप्रेस राजमार्ग - राष्ट्रीय राजमार्ग 48 - कासा गांव में दहानु-जेवहर रोड़ - दहानु में व्रज विहार (141 किमी - 2 घंटे 40 मिनट)
दहानु के रास्ते में पड़ने वाले दर्शनीय स्थलों के बारे में पढ़ें :
ठाणे
ठाणे महाराष्ट्र का एक मेट्रोपोलिटियन शहर है..जोकि मुंबई से 22 किमी की दूरी पर स्थित है..मुंबई से दहानु के रास्ते में सबसे पहले ठाणे ही आपका पहला स्टॉप हो सकता है।
ठाणे मे घूमने को कई खूबसूरत जगह है..जैसे उपवन झील, यह झील सिर्फ पर्यटकों को ही नही बल्कि स्थानीय लोगो को भी अपनी ओर आकर्षित करती है।इसके अलावा यहां कोरुम मॉल,गणेश मंदिर,अम्बरनाथ मंदिर आदि घूमे जा सकते हैं।
PC:Masooma colombowala
थाणे एम्यूज़मेंट पार्क
मुंबई से सबसे पहले थाणे पड़ेगा जोकि 23 किमी दूर है। तिकुजी नी वाड़ी और संजय वॉटर पार्क एक दूसरे से 4 किमी की दूरी पर स्थित हैं। अपने पूरे परिवार के साथ आप यहां मस्ती करने आ सकते हैं।
इन वॉटर पार्क में आसपास के शहरों से काफी लोग आते हैं। यहां वॉटर राइड और लैंड राइट और एंटरटेनमेंट जैसे डायनोसॉर वर्ल्ड आदि का मज़ा ले सकते हैं।PC:Martin Lewison
बसिन किला
वर्सइ शहर में भी पुर्तगाली प्रभाव देख सकते हैं। पुर्तगाली शब्द बकेम का अंग्रेजी शब्द है बसिन। बसनि किले को वसई किले के नाम से जाना जाता है। इस इमारत को 16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों द्वारा बनवाया गया था।
फिलहाल इस किले के काफी हिस्से नष्ट हो चुके हैं लेकिन फिर भी इसकी खूबसूरत स्थापत्यकला को देखा जा सकता है। बढिया लोकेशन के कारण इस किले में कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। इसके अलावा यहां बिर्टिश बैंड कोल्डप्ले का गीत 'हाईमन फॉर द वीकेंड' यहीं शूट हुआ था।PC:Sameer Prabhu
वसई क्रीक का नज़ारा
बसिन किले से 30 किमी दूर है वसई क्रीक जहां उल्हास नदी बहती है। इसमें दो या उससे अधिक सहायक नदियों का खारा पानी बहता है।
दहानु के रास्ते में वसई क्रीक भी देख सकते हैं। बसिन किले से इस क्रीक का सुंदर नज़ारा दिखाई देता है।PC:Gladson Machado
वैतरणा नदी
वैतरणा नदी मुंबई से सिलवास के रूट में ही बहती है । मनोर आकर ये कई सहायक नदियों में बंट जाती है। इस नदी में कई तरह के एडवेंचर किए जा सकते हैं।
इस नदी में मुख्य रूप से व्हाइट रिवर राफ्टिंग की जाती है। इसके अलावा कायाकिंग, बोटिंग, रिवर रैपेलिंग जैसे कई अन्य वॉटर स्पोर्ट्स किए जाते हैं।PC: Hmp12475
मनोर
मनोर को पालघर का गेटवे माना जाता है क्योंकि महाराष्ट्र के पालघर जिले में मनोर सबसे पहला शहर पड़ता है। यहां पर कई समुद्रतट हैं जहां आप वीकएंड पर आराम से छुट्टियां मना सकते हैं।
इस तट के आसपास कुछ लग्जरियर रिजॉर्ट भी हैं जहां आप अपने परिवार के साथ आराम फरमा सकते हैं।PC: Dinesh Valke
महालक्ष्मी मंदिर
दहानु पहुंचने से पहले कासा गांव में महालक्ष्मी मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं। मनोर से ये 28 किमी दूर स्थित है। इस मंदिर में देवी महालक्ष्मी की पूजा होती है। इस मंदिर में नवरात्रि के अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ जमा रहती है।
मंदिर में महालक्ष्मी यात्रा का भी आयोजन किया जाता है जिसमें 15 दिनों के लिए हनुमान जयंती तक उत्सव मनाया जाता है। इस दौरान गांव की जनजातियां अपनी स्थानीय नृत्य शैली में तारपा डांस करती हैं।
PC:Hiteshp
दहानु
समुद्रतटीय शहर होने के कारण दहानु में कई सुंदर तट हैं। यहां अगार बीच, चिकाले बीच, परनका बीच जैसे लोकप्रिय तट देख सकते हैं। यहां पर सूरत, थाणे और मुंबई से पर्यटक छुट्टियां मनाने आते हैं।
इसके अलावा दहसनु में कई बांध और मंदिर भी हैं। चूंकि इस शहर में सबसे ज्यादा चीकू की खेती होती है और यहां नारियल के पेड़ अधिक हैं इसलिए ये शहर हरयिाली से भरपूर है। वीकेंड पर छुट्टियां मनाने यहां आ सकते हैं।PC:Raman Patel