हिमाचल प्रदेश एक बेहद ही खूबसूरत राज्य के साथ साथ खूबसूरत होलीडे डेस्टिनेशन भी हैं। खासकर दिल्ली वालों के लिए तो हिमाचल प्रदेश परफेक्ट वीकेंड गेटवे है। इसीलिए अज हम आपको बताने जा रहें हैं हिमाचल प्रदेश का एक और खास वीकेंड वीकेंड जोकि है जलोड़ी पास।
जलोड़ी पास, समुद्र के स्तर से 3550 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, नारकंडा, हिमाचल प्रदेश में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। नारकंडा से 90 किमी की दूरी पर स्थित, आगंतुक पास पर पहुँचने के लिये सतलुज घाटी की यात्रा में कुल्लू घाटी के लुहरी, अनी, खानाग के सुंदर दृश्य पार करते हैं।
यूं तो आप यहां किसी भी वाहन से आसानी से आ सकते हैं, लेकिन यहां घुमावदार पहाड़ी होने के कारण ड्राइविंग के दौरान सतर्कता बरतना बेहद जरुरी हैं। इस पहाड़ी रास्ते पर हिमालय के नजारे बेहद ही खूबसूरत नजर आते हैं।
कहां जाना है?- दिल्ली से जलोड़ी पास
कब जाएँ-यूं तो आप जलोड़ी कभी भी जा सकते हैं लेकिन जलरी जाने का उचित समय मध्य जून से मध्य अक्टूबर है।
कैसे पहुंचे जलोड़ी
जलोड़ी का सबसे निकतम एयरपोर्ट चंडीगड़ है, जोकि 280 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां से पर्यटक जलोरी के टैक्सी किराये पर ले सकते हैं, या फिर बस के जरिये जलोरी पहुंच सकते हैं।
रेलवे
जलोड़ी का सबसे निकतम रेलवे स्टेशन जोगिन्दरनगर है जोकि कुल्लू से 95 किमी की दूरी पर स्थित है। बता दें, दिल्ली से जलोड़ी की दूरी 508 किमी है।साथ ही पर्यटक दिल्ली के कश्मीरी गेट बस स्टैंड से भी कुल्लू पहुंचकर जलोड़ी जा सकते हैं।
बस
जलोड़ी देश के सभी प्रमुख शहरों से सडक मार्ग द्वारा भी जुड़ा है। बता दें, दिल्ली से जलोड़ी की दूरी 508 किमी है।साथ ही पर्यटक दिल्ली के कश्मीरी गेट बस स्टैंड से भी कुल्लू पहुंचकर जलोड़ी जा सकते हैं। जलोड़ी की प्रमुख शहरों से दूरी-
दिल्ली- 508
चंडीगढ़- 280
शिमला- 151
कुल्लू- 74
दिल्ली से जलोड़ी जाने का रूट
पहला रास्ता
दिल्ली-सोनीपत-कुरुक्षेत्र-रूपनगर-मंडी-तीर्थान घाटी-जलोड़ी पास वाया नेशनल हाइवे 44
दूसरा रास्ता
दिल्ली-रोहतक-हिसार-पटियाला-रूपनगर-मंडी-तीर्थान घाटी-जलोड़ी पास वाया नेशनल हाइवे 9
हमने दिल्ली जाने के लिए पहले रास्ते का चुनाव किया, इस रस्ते से जलोरी पहुँचने में करीबन 12 घंटे लगते हैं। हालांकि यह रास्ता थोड़ा सा खतरनाक था। कार से यात्रा करने का सबसे अच्छा फायदा यह है कि, आप कहीं भी रुककर नाश्ते के साथ साथ थोड़ा आराम कर सकते हैं। बता दें, दूसरे रूट से जलोड़ी पहुँचने में करीबन 14 घंटे लगते हैं, इसलिए हमने पहले रूट का चुनाव किया।
दिल्ली से हमारी यह वीकेंड ट्रिप पहले से ही प्लान थी।इसलिए हमने शुक्रवार की रात को ही जलोड़ी जाने का फैसला किया। हमने तीर्थन घाटी में एक दिन आराम और मस्ती की और दूसरे दिन सुबह जलोड़ी पहुंचकर वहां उगते हुए सूर्योदय को देखा।
दिल्ली से शाम के निकलने के बाद हम सभी ने कुरुक्षेत्र में अपनी गाड़ी रोकी, और वहां डिनर करने का फैसला किया।जिसके बाद फिर हम सभी अपनी मंजिल की और बढ़ चले।
तीर्थन घाटी वाकई में बेहद ही खूबसूरत है साथ ही यह जगह मेडीटेशन करने के लिए एकदम परफेक्ट है।यहां आकर आपको एक असीम शांति का एहसास होगा। तीर्थन घाटी मनाली और कसोल से कुछ ही दूरी पर स्थित है।
इतना ही नहीं, यहां आपको हिमाचल प्रदेश के और टूरिस्ट डेस्टिनेशन के मुकाबले भीड़ काफी मिलेगी, जिससे आप यहां अच्छे से अपने वीकेंड को और भी शानदार बना सकते हैं।यहां का तापमान हमेशा ही कम रहता है जो इस जगह और और भी खुशनुमा बना देता है।
तीर्थन की खूबसूरत वादियों में खुद को तरोताजा कर हम दूसरे दिन जलोरी पास के लिए निकाल पड़े। हम जलोड़ी पास में सनराइज देखने के लिए सुबह ही निकला पड़े। पहाड़ी रास्ते के होने के कारण यहां रात में ट्रेवल करना खतरनाक भी साबित हो सकता है, बेहतर होगा की आप पहाड़ी रास्तों को जानने वाले लोगो के साथ ही रात में सफर करें।
पहाड़ी रास्तो से सफर करते हुए सुबह आखिर हम अपनी मंजिल जलोड़ी पास पहुंच ही गये।वाकई में यहां से उगते हुए सूरज को देखना काफी दिलचस्प था।