नया साल आने वाला है। ऐसे में सभी कहीं न कहीं घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित दुनिया का सातवां अजूबा ताजमहल देखने के लिए पर्यटकों की काफी भीड़ पहुंचती है। लेकिन इस बीच एक बार फिर से कोरोना ने दस्तक दे दी है, जिससे अब बिना कोविड टेस्ट के पर्यटकों को ताजमहल के परिसर में प्रवेश नहीं मिलेगा।
दरअसल, चीन में कोरोना वायरस के नए वैरियंट ओमिक्रॉन BF.7 ने भारी तबाही मचाई है। ऐसे में अब भारत में भी कोरोना का खतरा मंडराने लगा है, जिससे सभी नागरिकों व आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए ताजमहल में प्रवेश करने के लिए कोविड टेस्ट जरूरी कर दिया गया है। इनमें खासतौर पर वे पर्यटक शामिल है, जो विदेश से यात्रा कर भारत आ रहे हैं।
भारत में कोविड केस
22 दिसम्बर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी की गई कोविड रिपोर्ट में 185 नए कोरोना केस दर्ज किए गए है, जो अब धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। ऐसे में सतर्कता बरतते हुए सभी की थर्मल स्क्रीनिंग और ज्यादा भीड़ वाले स्थानों पर कोविड टेस्टिंग शुरू कर दिया गया है। इस विषय में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी सभी से ऐहतियात बरतने की अपील की है।
ताजमहल के बारे में
ताजमहल, भारत का सबसे लोकप्रिय डेस्टिनेशन माना जाता है। जहां भारतीय और विदेशी दोनों आना चाहते हैं। देश-दुनिया के पर्यटकों का एक सपना होता है कि वे एक बार ताज का दीदार कर सकें। लेकिन कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए ताज परिसर में अब सीमित संख्या में ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। राजस्व के बारे में बात की जाए तो 2019 से लेकर 2022 तक अकेले ताजमहल ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को कुल राजस्व का 24 प्रतिशत दिया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के शोध के अनुसार, 2019 से 2022 तक पिछले तीन वर्षों में 132 करोड़ के कुल राजस्व के साथ, ताजमहल भारत में सबसे अधिक राजस्व उत्पन्न करने वाला स्मारक बना हुआ है। भारत के शीर्ष 5 सबसे अधिक लाभ देने वाले पर्यटन स्थलों में शामिल ताजमहल सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। इसे देखने के लिए सालाना 10 मिलियन से अधिक लोगों के आने का अनुमान है।
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