दुनिया के सातवें अजूबे और भारत के सबसे सुंदर स्मारकों के रूप में जाने, जाने वाला ताजमहल सबसे अधिक राजस्व उत्पन्न करने वाला स्मारक बन गया है। इस बार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के 143 स्मारकों में ताजमहल ने इस बार 25 करोड़ की ज्यादा कमाई कर बाजी मार ली है। इसके अलावा ताजमहल के अंदर एक संगरमरमर का एक बाड़ा है, जिसने 6 करोड़ से अधिक की कमाई कर दूसरे पायदान पर अपनी जगह बना ली है।
ताजमहल के कमाई के आंकड़े
पर्यटन मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019-20 में ताजमहल की कमाई 97.5 करोड़, साल 2020-21 में 9.30 करोड़ और साल 2021-22 में 26.61 करोड़ रुपये रही हैं। अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो तीन वर्षों का आंकड़ा करीब 132 करोड़ का है, जो सभी स्मारकों में सबसे अधिक है। इसके अलावा दिल्ली का लाल किला 6.01 करोड़ और कुतुबमीनार 5.5 करोड़ की कमाई कर तीसरे और चौथे पायदान पर पहुंच गया है।
प्रेम का प्रतीक 'ताजमहल'
प्रेम की निशानी कही जाने वाली ताजमहल की भी अपनी एक अलग कहानी है। मुगल शासक शाहजहां ने अपनी बेगल मुमताज की याद में इसे बनवाया जाता है। 1632 ई. में इसकी नींव रखी गई, जो अगले 22 वर्षों तक चली। इस दौरान इसे बनाने में करीब 22 हजार मजदूरों ने अपना योगदान दिया था। किवदंती है कि इसे बनाने वाले सभी मजदूरों के हाथ काट दिए गए थे, ताकि ऐसी खूबसूरती दोबारा ना बनाई सकें।
ताजमहल का आकर्षण
यमुना नदी के किनारे बने इस अजूबे की सुंदरता ना केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहां घूमने के लिए हर साल लाखों सैलानी आते हैं। चांदनी रात में ताजमहल की खूबसूरती निहारने का अपना एक अलग आनंद है, इस समय इसका दृश्य बेहद अलौकिक दिखता है। इस नजारे को देखने के बाद आपको शायद ही कोई और नजारा या दृश्य पसंद आए।