चौकोरी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में समुद्रतल से 2010 मी. ऊपर स्थित चौकोरी एक सुंदर हिल स्टेशन है। पश्चिमी हिमालय की पर्वतश्रंखला के पास स्थित यह जगह उत्तर में तिब्बत और दक्षिण में तराई से घिरी है। यह अद्भुत स्थान
देवदार, बांज और जंगलों से ढका हुआ है। मक्का के आकर्षक खेत और फलों के बाग इस जगह की सुंदरता को बढ़ाते हैं। हाल ही में मुझे चौकोरी जाने का मौका मिला। दिल्ली से चोकोरी जाने के लिए हमने कैब हायर की और निकल पड़े चोकोरी।
पहला दिन
दिल्ली से चोकोरी जाने के लिए हम दिल्ली-मुरादाबाद-रामपुर-रुद्रपुर-हल्द्वानी-भोवाली-अल्मोड़ा-बिनसर-बागेश्वर-चोकोरी जा पहुंचे।
दिल्ली से निकलने के बाद जैसे ही हम सभी हल्द्वानी पहुंचे, कि हम सभी को जोरो की भूख लग आयी।जिसके बाद हमने हल्द्वानी के गंगू दी ढाबा पर खाना खाया। यहां का खाना वाकई में काफी टेस्टी था। आप यहां गंगू दी ढाबा के अलावा पंजाबी तड़का भी ट्राई कर सकते है जोकि गंगू दी ढाबा से कुछ ही दूरी पर स्थित है।
हल्द्वानी में पेट पूजा करने के बाद हम निकल पड़े अपनी मंजिल की ओर।12 घंटे की लम्बी यात्रा करने के बाद हम करीब 6 बजे चोकोरी पहुंचे। एक लम्बी यात्रा के बाद हम सभी काफी थक चुके थे। जिस कारण हमने होटल बुक करते ही वहां आराम करना उचित समझा।
बता दें,चौकोरी पहाड़ में बसा एक छोटा सा स्थान है, जो पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। इसके उत्तर में तिब्बत है और दक्षिण में तेराई है। इसी के पूर्वी सीमा से महाकाली नदी गुजरती है।
दूसरा दिन
चोकोरी उत्तराखंड का एक छोटा सा हिल स्टेशन है जो आपको शहर की भीड़ भाड़ से दूर अपने प्रियजनों के साथ सुकून के पल बिताने का मौका देता है। दूसरे दिन सुबह उठकर हम सबसे पहले सनराइज देखने नंदा देवी पर पहुंचे। यहां आपको सनराइज के साथ साथ बफ से ढंके हुए पहाड़ भी नजर आयेंगे।
चोकोरी में घूमते समय हमें कुछ चाय के बागन नजर आये, जहां हम सबने जमकर तस्वीरें क्लिक की । यह हिल स्टेशन इतना मनोरम है कि यहां कोई भी फोटोग्राफ़र बन जाये।
चोकोरी घूमने के बाद हम सभी ने होटल वापस आकर अपना सामान पैक किया और निकल पड़े दिल्ली की ओर।