भगवान शिव को देवों का देव (महादेव) कहा जाता है, जिनकी पूजा अगल-अलग नामों और रूपों में पूरे भारतवर्ष में की जाती है। भगवान शिव अपने शांत और रौद्र, दोनों खास रूपों में विराजमान हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार शिव की सच्चे दिल से की गई उपासना से घर में सुख शांति और जीवन में सफलता प्राप्त होती है। वैसे श्रावण मास की शुरुआत हो चुकी है और शिव पूजा करने का यह महीना सबसे पावन माना जाता है। इस दौरान देश भर के शिवभक्त जलाभिषेक करने के लिए लंबी पैदल यात्रा करते हैं, जिन्हें कावंड यात्रा के नाम से जाना जाता है। इस लेख में जानिए अगर आप दिल्ली एनसीआर में रहते हैं तो कहां-कहां भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए जा सकते हैं।
प्राचीन गौरी शंकर मंदिर
गौरी शंकर मंदिर एक प्रसिद्ध प्राचीन हिंदू मंदिर है, जो चांदनी चौक में मुख्य पुरानी दिल्ली सड़क पर दिगंबर जैन लाल मंदिर के पास स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और शैववाद के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में गिना जाता है। माना जाता है कि मंदिर में मौजूद शिवलिंग 800 साल पुराना है। शिवलिंग चांदी से बने सांपों से घिरा हुआ है जो ब्रह्मांड या जीवन के केंद्र का प्रतिनिधित्व करता है। इतिहास से जुड़े साक्ष्य बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण एक मराठा सैनिक अपा गंगाधर द्वारा बनाया गया था, जो भगवान शिव का बड़ा भक्त थ।
माना जाता है कि वो एक बार युद्धा में गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसके बचने के आसाार बहुत कम थे। उसने अपने जीवन के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की और एक मंदिर बनवाने का वादा किया। माना जाता कि वो बच गया था, और उसने कहे अनुसार भगवान शिव के इस मंदिर का निर्माण करवाया था। उस मराठा सैनिक का नाम इस मंदिर में अकिंत भी है।
श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर
श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर दिल्ली एनसीआर का प्रसिद्ध शिव मंदिर है, जो गाजियाबाद में स्थित है। जानकारी के अनुसार इस मंदिर का इतिहास 5000 साल पुराना बताया जाता है। इस मंदिर को लेकर यह भी कहा जाता है कि यह रावण के समय काल से संबंध रखता है। कहा जाता है कि इस स्थल पर रावण के पिता विश्रवा ने तपस्या की थी। यहां रोजाना श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है।
खास कर शिवरात्रि के दौरान यहां भक्तों का भारी जमावड़ा लगता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार श्री दूधेश्वर नाथ महादेव के लगातार दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। अगर आप दिल्ली के आसपास रहते हैं यहां दर्शन के लिए जरूर आएं।
नीली छतरी मंदिर
दिल्ली एनसीआर के प्रसिद्ध शिवमंदिरों में आप इस दौरान नीली छतरी मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं। भगवान शिव का यह मंदिर निगंबोध घाट में स्थित है। जानकारी के अनुसार यह एक प्राचीन मंदिर है, जिसका संबंध महाभारत काल से बताया जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर क निर्माण पांच पांडवों में सबसे बड़े भाई युधिष्ठर ने करवाया था। पौराणिक साक्ष्यों के अनुसार युधिष्ठर ने अश्वमेघ यज्ञ के लिए भी इसी मंदिर का चुनाव किया था। यहां दैनिक श्रद्धालुओं के साथ-साथ दूर-दराज के पर्यटकों का भी आगमन होता है। आध्यात्मिक एहसास के लिए आप यहां आ सकते हैं।
प्राचीन शिव मंदिर
प्राचीन शिव मंदिर दिल्ली एनसीआई, गौतम बुद्ध नगर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। जिसकी शुरूआत प्रारंभ में श्री बाबा बलनाथ जी द्वारा की गई थी, बाद में उनके समाधि स्थल के साथ इस स्थल का पुरनिर्माण किया गया था। यहां और भी शिखर मंदिर बनाने का योजना है। वर्तमान मंदिर में प्रवेश के लिए उत्तर और पूर्व दिशा की ओर प्रवेशद्वार बने हुए हैं। भगवान शिव का यह मंदिर श्री बाबा बलनाथ जी के समाधि स्थल पर बना हुआ है। मंदिर का परिसर काफी बड़ा है, जो चारों तरफ से हरियाली से सजा हुआ है।
मंगल महादेव मंदिर
उपरोक्त शिव स्थलों के अलावा आप मंगल महादेव मंदिर के दर्शन का भी प्लान बना सकते हैं। नई दिल्ली में स्थित इस मंदिर में भगवान शिव के अलावा अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी बनी हुई है। लगभग 200 एकड़ मे फैला मंदिर परिसर अपार आध्यात्मिक शांति के लिए जाना जाता है। यहां भोलेनाथ की विशालकाय प्रतिमा मौजूद है, जिसे दूर से देखा जा सकता है।
भगवान शिव की यह प्रतिमा लगभग 100 फीट से ऊपर है। यहां आप भोलेनाथ के साथ साथ माता पार्वती, नंदी, सीता-राम, गणेश और राधा-कृष्ण भी मूर्तियां देख सकते हैं। मंदिर परिसर में आप खूबसूरत बगीचे भी देख सकते हैं। एक सुकून भरे अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं। खासकर श्रावण मास में तो आपको यहां जरूर आना चाहिए।