दक्षिण भारत का कर्नाटक राज्य हिंदू तीर्थयात्रियों के बीच एक धार्मिक गंतव्य के रूप में जाना जाता है। राज्य की चारों दिशाओं में आप स्थानीय देवी-देवताओं के मंदिरों की श्रृंखलाएं देख सकते हैं। यहां तक कि बैंगलोर जैसे आईटी शहर में भी असंख्य हिन्दू मंदिर मौजूद हैं। कर्नाटक में आपको कन्नड के अलावा तमिल, मलयालम व अन्य भाषाओं के लोग दिख जाएंगे जो अपने विविध धार्मिक क्रियाकलापों से इस राज्य को महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनाने का काम करते हैं।
कर्नाटक में भव्य मंदिरों के अलावा कई गुफा मंदिर भी मौजूद हैं। इन गुफा मंदिरों को देखने के लिए न सिर्फ श्रद्धालु आते हैं बल्कि देश-विदेश से पर्यटक भी इन गुफाओं की खूबसूरती का आनंद उठाने के लिए यहां तक का सफर तय करते हैं। इस खास लेख में जानिए कर्नाटक स्थित प्रसिद्ध गुफा मंदिरों के बारे में।
बादामी गुफा मंदिर
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कर्नाटक में मौजूद प्राचीन बादामी गुफा मंदिर चालुक्य राजवंश के समय की स्थापत्य कला का अनूठा उदाहरण पेश करता है। इस गुफा का नाम बादामी है जिसका नाम यहां मौजूद बादाम के रंग जैसी चट्टानी पहाड़ियों के कारण पड़ा। चट्टानों को उकेर कर बनाए गए यहां के मंदिर अपनी भव्यता के लिए काफी प्रसिद्ध हैं। आप यहां खूबसूरत जैन मंदिर देख सकते हैं जिसका निर्माण छठी शताब्दी में चालुक्य राजा ने करवाया था।
यहां पहली तीन गुफाएं भगवान शिव और विष्णु के विभिन्न अवतारों को चित्रित करती हैं। अंतिम गुफा जैन तीर्थकर को समर्पित है। ये गुफा मंदिर अपने आकर्षक रूप के लिए जाने जाते हैं। यहां पत्थरों पर उकेर कर की गई चित्रकारी देखने योग्य हैं।
कोदाचद्री गणेश गुहा
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बादामी गुफा के बाद कोदाचद्री पहाड़ियों पर स्थित गणेश गुहा मंदिर भी अपने आकर्षक रूप के लिए जाना जाता है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बसा है जहां पहुंचते-पहुंचते ट्रेकर्स के पसीने छूट जाते हैं। इस गुफा मंदिर कर्नाटक के उन स्थानों में गिना जाता है जिसकी खूबसूरती के बारे में ज्यादा लोगों को नहीं पता। गुफा के अंदर भगवान गणेश की एक भव्य प्रतिमा स्थापित है, जो काफी प्राचीन बताई जाती है।
इसके अलावा इस गुफा के अंदर गहरी सुरंगे भी है जिसके अंत के बारे में किसी को कुछ नहीं पता। कुड्डाचाद्री गणेश गुहा कर्नाटक के उन गुफा मंदिरों में से एक है जो प्राकृतिक अनुभव, रोमांच, रहस्य, धार्मिक अनुभव के लिए जाने जाते हैं। आप यहां अपने दोस्तों के साथ एक रोमांचक ट्रिप का प्लान कर सकते हैं।
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सुपारशा गुफा
कर्नाटक स्थित सुपारशा गुफा मंदिर अपने पौराणिक महत्व के साथ-साथ अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए भी जाना जाता है। इस गुफा मंदिर राज्य के उड़पी जिले के अंतर्गत कमलशील के जंगलों में स्थित है। इस गुफा मंदिर का नाम राजा सुपारशा के नाम पर पड़ा। किवदंतियों के अनुसार राजा सुपारशा यहां ध्यान और पूजा पाठ जैसी धार्मिक गतिविधियां किया करते थे। राजा भगवान शिव के बड़े भक्त थे जो इसी जगह उनकी अराधना किया करते थे ताकी वे हर बाधाओं से मुक्त हो सकें।
राजा की प्रार्थना पर भगवान शिव ने भैरव को गुफा के प्रवेश द्वार पर स्थायी रूप से नियुक्त किया ताकि राजा परेशान न हो। आज भी इस गुफा मंदिर में आप भैरव स्वामी की मूर्ति को देख सकते हैं। गुफा के बाईं ओर तीन अलग-अलग लिंग मौजूद हैं जिन्हें 'त्रि लिंग' कहा जाता है, जो तीन देवी-दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती का प्रतिनिधित्व करते हैं।
गाविपुरम गुफा मंदिर
बेंगलुरू स्थित गाविपुरम गुफा मंदिर कर्नाटक के सबसे लोकप्रिय गुफा मंदिरों में गिना जाता है। इस मंदिर का संबंध 11 वीं शताब्दी के दौरान चोल राजवंश के जुड़ा है। इस गुफा मंदिर को 16 वीं शताब्दी में बेंगलुरू के संस्थापक केम्पेगौड़ा ने पुन: स्थापित किया था। यह एक प्राकृतिक गुफा मंदिर है जो अपनी शानदार रॉक-कट स्मारक, खगोलीय प्रासंगिकता और प्राचीन वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
गुफा मंदिर कुछ इस तरह से बनाया गया है कि मकरसंक्राति के दौरान सूर्य की रोशनी सीधे मंदिर के प्रधान देवता भगवान शिव पर पड़ती है। इस मंदिर से हिन्दू धर्म के लोगों की गहरी आस्था जुड़ी है। विशेष अवसरों पर यहां भव्य आयोजिन किए जाते हैं।
कवला गुफा मंदिर
दंडेली वन्यजीव अभयारण्य के मध्य स्थित कवला गुफा मंदिर एक अद्भुत संरचना है जिसका निर्माण प्रागैतिहासिक काल के दौरान चूना पत्थर की एक संरचना के रूप में ज्वालामुखीय उदभेदन प्रक्रिया से हुआ। यह गुफा गहराई में स्वाभाविक रूप से विराजमान विशाल शिव लिंग के लिए प्रसिद्ध है। एडवेंचर के शौकीन लोग यहां अपनी यात्रा पूरी कर बेहद रोमांच का अनुभव कर सकते हैं।
कवला बेस कैंप से लगभग 25 किमी की दूरी पर स्थित इस गुफा मंदिर का सफर ट्रेकिंग के जरिए पूरा किया जा सकता है। गुफा के प्रवेश द्वार आपको चमगादरों के विशाल झुंड का भी सामना करना पड़ सकता है। पूर्ण रूप से यह स्थान कुछ नया एक्सप्लोर करने के लिए आदर्श विकल्प है।
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