रावण को लोग दानवों के राजा के नाम से जानते हैं क्युंकि उसने सीता का हरण किया था। हर साल लोग दशहरे के शुभ अवसर पर रावण का पुतला बना रावण दहन करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि, यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए मनाया जाता है। जिसके अनुसार रावण एक बुरा राजा था।अगर आपने रावण की कथाएँ पढ़ी हैं, तो क्या तब भी आपको लगता है कि रावण एक बुरा आदमी था?
रावण शिव जी का सबसे बड़ा भक्त, महाबलशाली और विद्वान पंडित होने के साथ साथ अपने परिवार के लोगों को भी बहुत चाहता था और उनके लिए वह कुछ भी कर सकता था, जिसका परिणाम है रामायण का महा युद्ध। रावण अपनी प्रजा का दयालु राजा भी था। उनकी कई सारी खूबियों की वजह से आज भी देश के कई हिस्सों में उनके लिए मंदिर स्थापित हैं, जहाँ उनकी पूजा प्रतिदिन की जाती है।
चलिए चलते हैं, महाबलशाली और सबसे विद्वान पंडित, दानव राजा रावण के मंदिरों के दर्शन करने!
रावण का दशानन अवतार
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1. कानपुर दशानन रावण मंदिर, उत्तरप्रदेश
साल में सिर्फ़ एक बार, दशहरे के त्योहार में खुलने वाला यह मंदिर, शिव जी के महान भक्त और रावण को मानने वाले भक्त, शिव शंकर द्वारा स्थापित किया गया था। दशहरे के मौके पर इस मंदिर में रावण को भगवान के तौर पर बड़े ही धूमधाम से पूजा जाता है। उनकी बुद्धिमता, महाशक्तिशाली होने और अपनी प्रजा के प्रति दयालु होने की कथा लोगों को बताई जाती हैं।
2. रावण मंदिर बिसरख, उत्तरप्रदेश
यह रावण का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है, जहाँ नवरात्रि के अंतिम दिन दशहरे वाले दिन रावण दहन नहीं होता बल्कि शोक सभा का आयोजन होता है। लोग यहाँ आकर उनके प्रति श्रद्धा अर्पण करने के लिए हवन करते हैं। रावण का जन्म स्थान होने की वजह से भी यह स्थान रावण के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
बिसरख रावण मंदिर में स्थापित रावण की प्रतिमा
Image Courtesy: Claire H.
3. मंदोर रावण मंदिर, राजस्थान
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण की धर्म पत्नी का नाम जोधपुर की पुरानी राजधानी मंदोर के ही नाम पर पड़ा था। यहाँ के ब्राह्मण अपने आप को रावण वंश के मानते हैं, जिनके लिए उनके द्वारा बनाए जा रहे मंदिर का कार्य अभी भी जारी है। ये लोग यहाँ दशहरे का त्योहार नहीं मनाते हैं क्युंकि ये उनके लिए शोक मनाने का दिन है। इस दिन वे हिंदू रितिरिवाजों के अनुसार संतान के समान श्राद्ध की सारी रस्में निभाते हैं।
4. रावणग्राम का रावण मंदिर, मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के विदिशा में बसा रावणग्राम, जिसका नाम रावण के नाम पर ही रखा गया, गाँव का रावण मंदिर वहाँ के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मंदिर है। हिंदू रीतिरिवाजों के अनुसार हर शुभ अवसर पर लोग देवी देवताओं का आशिर्वाद प्राप्त करने मंदिरों में दर्शन को जाते हैं। उसी तरह इस गाँव के निवासी हर शुभ अवसर चाहे वह शादी हो या कोई त्योहार, हर अवसर पर रावण देवता के दर्शन करने इस मंदिर में आते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
रावण के सोने की लंका का चित्र
Image Courtesy: Unknown
5. मंदसौर रावण मंदिर, मध्य प्रदेश
पौराणिक कथाओं के अनुसार यही वह जगह है, जहाँ रावण और मंदोदरी का विवाह हुआ था। यहाँ के लोग रावण को अपने दामाद की तरह पूजते हैं। यहाँ स्थापित हड़प्पन संस्कृति के अभिलेखों की वजह से पता चलता है कि, यह मंदिर यहाँ की बहुत पुरानी धरोहर है।
रावण के इन मंदिरों में बाकी देवताओं की ही तरह पूरी श्रद्धाभक्ति के साथ रावण की पूजा अर्चना की जाती है।
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