देवों के देव महादेव से जुड़ी कहानियाँ आपको हिंदू देव ग्रंथों और पुरानी कथाओं में मिल जाएँगी। सर्व शक्तिशाली शिव जी के बारे में कहा जाता है कि, जहाँ और जिनपर भी इनकी कृपा होती है उसका सारा जीवन ही सफल हो जाता है। ऐसी ही एक जगह है जहाँ आदिकाल से भगवान शिव जी की महिमा अब तक बनी हुई है, वो भी अपने आप ही।
आज हम आपको ले चलते हैं शिव खोड़ी गुफ़ा, जम्मू की धार्मिक यात्रा में। जैसा कि आप सब को पता है, सावन का महीना आरंभ हो चुका है और इस पवित्र महीने में सारे भक्तगण भगवान शिव जी की भक्ति में लीन हो जाते हैं। आपकी इसी भक्ति भाव के साथ चलिए चलते हैं शिव खोड़ी गुफ़ा में, भगवान शिव जी के मनोरम दर्शन करने।
शिव खोड़ी गुफा
Image Courtesy: Sahuajeet
शिव खोड़ी, गुफा में स्थापित सबसे प्रसिद्ध मंदिर है जिसकी हिंदू धर्म में बहुत मान्यता है। यह भारत के उत्तरी राज्य जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में स्थित है। रियासी जिले में राँसू गाँव के इस मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। यह जम्मू के उत्तरी दिशा में छोटी छोटी पहाड़ियों पर बसा है।
खोड़ी का मतलब होता है गुफा और शिव खोड़ी मतलब शिव जी का गुफा। यह गुफा लगभग 200 किलोमीटर लंबा, 1 किलोमीटर चौड़ा और दो से तीन किलोमीटर उँचा है। इस गुफा में स्थापित लिंग प्राकृतिक लिंग है, जो अपने आप ही आदिकाल से यहाँ स्थापित है। गुफा का पहला मुख्य प्रवेश द्वारा काफ़ी बड़ा है, जहाँ एक बार में लगभग 100 श्रद्धालु आ सकते हैं। पर जो गुफा के अंदर का मुख्य कक्ष है, जहाँ वह प्राकृतिक लिंग स्थापित है वह बहुत ही छोटा और संकरा है। भक्तों को आगे का रास्ता झुक कर रेंगते हुए पार करना होता है। पूरे गुफा में अन्य देवी देवताओं की भी प्राकृतिक आकृति आपको देखने को मिलेंगी।
गुफा की छत साँपों की मुद्रा, बनावट में उकेरे गये हैं। अंदर स्थापित शिवलिंग में गुफा के चट्टानों से निकलता प्राकृतिक दूधिया पानी उनके उपर चौबीस घंटे बरसता रहता है। गुफा के अंदर कबूतरों को भी इधर से उधर मंडराते हुए आप देख सकते हैं जो तीर्थयात्रियों के लिए एक शुभ चिन्ह हैं।
शिव खोड़ी गुफा में स्थित प्राकृतिक लिंग
Image Courtesy: Sahuajeet
इस गुफा के अस्तित्व में आने की बहुत सारी कथा कहानियाँ प्रचलित हैं. सबसे प्रचलिते कथा कुछ इस प्रकार है:- एक बार भस्मासुर नाम के दानव ने घोर तपस्या कर भगवान शिव जी से वर प्राप्त किया कि, वह संसार के जिस भी व्यक्ति पर अपना हाथ रख देगा, उसकी मृत्यु वहीं पर हो जाएगी। यह आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद दानव ने अपनी दानव प्रवृति के अनुसार शिव जी को ही सबसे पहले ख़त्म करने के लिए उनके पीछे पड़ गया।
शिव जी उसके चाल से बचने के लिए भाग कर इसी गुफा में छुप गये। भगवान विष्णु जी ने इसका उपाय कर मोहिनी का रूप धारण किया और उसे अपने इशारे पर नाचने के लिए मनाया। जैसे जैसे वे नाचते वह दानव भी उनकी ही तरह नाचता और इसी तरह उसने नाचते हुए एक हाथ अपने सर पर रख लिया जिससे उसकी वहीं पर मृत्यु हो गयी।
अन्य कथा के अनुसार कहा जाता है कि, इस गुफा की खोज एक मुस्लिम गड़रिये ने की थी, अपनी बकरियों को खोजने के दौरान। गुफा के अंदर जाकर उसे कई साधु तपस्या में लीन मिले जहाँ उसने भी तपस्या करनी शुरू कर दी। साधुओं ने उसे माना किया था कि इस जगह के बारे में किसी को ना बताए, पर उस गड़रिये ने सारे लोगों को उस गुफा के अस्तित्व में होने की बात बता दी जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गयी।
शिव खोरी गुफा के अंदर का दृश्य
Image Courtesy: Official Website
लगभग 40-50 सालों पहले इस मंदिर को सिर्फ़ कुछ गिने चुने लोग ही जानते थे, पर धीरे धीरे इसकी प्रसिद्धि बढ़ती गयी। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु शिव जी के दिव्य दर्शन को आते हैं। आप भी अपने शिव खोड़ी गुफ़ा की यात्रा में शिव जी के अद्भुत, दिव्य दर्शन का आनंद लीजिए और अपनी जम्मू की यात्रा को यादगार बनाइए।
शिव खोड़ी के समीप ही अन्य आकर्षक केंद्र
शिव खोड़ी के समीप कई सारे अन्य मुख्य आकर्षण के केंद्र हैं जैसे- वैष्णोदेवी मंदिर, अघार जित्तो, नौपिंडियन, बाबा धनसर, रियासी, भीमगढ़ किला, कालका मंदिर, सियार बाबा आदि।
शिव खोड़ी पहुँचें कैसे?
उधमपुर जिले से लगभग 120 किलोमीटर और कटरा से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर ही शिव खोड़ी स्थित है। कई बस और हल्के गाड़ियों की सुविधा राँसू गाँव में तीर्थयात्रियों के बेस कैंप तक के लिए उपलब्ध है। फिर यहाँ से 3 किलोमीटर का सफ़र आप ट्रेकिंग द्वारा पूरा करेंगे।
"आपकी शिव खोड़ी की पवित्र यात्रा मंगलमय हो!"
अपने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव नीचे व्यक्त करें।
Click here to follow us on facebook.