दिल्ली के अगर सबसे खूबसूरत मंदिरों की बात की जाए तो सबसे पहले अक्षरधाम मंदिर का नाम आता है, जो दिल्ली का पहला व देश का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। करीब 100 एकड़ में फैले में इस मंदिर को 26 दिसम्बर 2007 ईस्वी को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल किया गया था। कहा जाता है कि यह मंदिर हजारों साल पुरानी संस्कृति का प्रतीक है, जो भारतीय शिल्पकला, परंपराओं और प्राचीन आध्यात्मिकता का संचार करता है।
5 साल में बनकर तैयार हुआ था स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर
स्वामीनारायण अक्षरधाम परिसर का उद्घाटन 06 नवम्बर 2005 को हुआ था, जिसे 5 सालों में पूरा किया गया था। कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण कार्य में 11000 कारीगर और हजारों बीएपीएस स्वयंसेवकों के अथक प्रयासों से इसे पूरा किया गया था। मंदिर में प्रभु की नीलकण्ठ वर्णी अभिषेक के लिए जिस जल का उपयोग किया जाता है, उसमें भारत की 151 पवित्र नदियों, झीलों और तालाबों के पानी का मिश्रण होता है।
सफेद व गुलाबी संगरमरमर से मिश्रण से बना है मंदिर
राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर स्थित अक्षरधाम मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित एक मंदिर है, जहां 10 द्वार है, इन्हें दसों दिशाओं का प्रतीक माना जाता है। भारतीय शैली में बने इन पारम्परिक द्वारों में भक्ति एवं मयूर द्वार भी काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर के निर्माण में सफेद व गुलाबी संगरमरमर और लाल बलुआ पत्थर के मिश्रण का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा मंदिर को बनाने में स्टील, लोहे और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
मंदिर परिसर में 20000 से अधिक प्रतिमाएं
इस मंदिर में 234 नक्काशीदार खंभे, 9 अलंकृत गुंबद व 20 शिखर होने के साथ-साथ 20000 मूर्तियां लगाई गई है। इन मूर्तियों में भगवान के अलावा ऋषियों व संतों की प्रतिमाएं को स्थापित किया गया है। यह मंदिर बाकी मंदिरों से थोड़ा अलग है, क्योंकि ये सोमवार को बंद रहता है। वहीं, मंगलवार से रविवार के दिन भक्त मंदिर परिसर में सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम 6:30 तक कभी भी जा सकते हैं।
प्रदर्शनी के लिए टिकट मूल्य
मंदिर परिसर में आपको प्रदर्शनी भी देखने को मिल जाएगी, जिसके लिए परिसर में ही आपको टिकट मल जाएगा, जो सभी आयु वर्ग के लिए अलग-अलग घोषित है। इसके लिए टिकट शुल्क 170 रुपये (व्यस्क), 125 रुपये (वरिष्ठ नागरिक) व 100 रुपये (4 साल से लेकर 11 साल तक) निर्धारित किया गया है।
- हॉल ऑफ वैल्यूज़ (50 मिनट)
- विशाल पर्दे पर फिल्म (40 मिनट)
- कल्चरल बोट राइड (15 मिनट)
- जीवन चक्र (15 मिनट)
संगीतमय फव्वारा के लिए टिकट शुल्क
मंदिर परिसर में भक्तों को एक संगीतमय फव्वारा शो भी देखने को मिल सकता है। करीब 15 मिनट तक चलने वाले इस शो में भारतीय दर्शन के अनुरूप जन्म, जीवनकाल और मृत्यु चक्र का उल्लेख किया जाता है, जो किसी भी आम इंसान के लिए एक सर्वश्रेष्ठ मानव बनने तक के सफर में एक अहम हिस्सा बनाता है। इसके लिए टिकट शुल्क 30 रुपये (व्यस्क), 30 रुपये (वरिष्ठ नागरिक) व 20 रुपये (4 साल से लेकर 11 साल तक) निर्धारित किया गया है।
अक्षरधाम मंदिर कैसे पहुंचें?
इस परिसर में अगर आप फोटोग्राफी करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अनुमति नहीं मिलेगी। परिसर में प्रवेश करते ही आपको एक समानघर भी दिखेगा, जहां आपके मोबाइल व जरूरी इलेक्ट्रानिक सामान जब्त करवा लिए जाएंगे। अक्षरधाम मंदिर के पास में ही अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन है। इसके अलावा मंदिर तक जाने के लिए आपको आसानी से वायु, सड़क व रेल मार्ग की सुविधाएं मिल जाएंगी।
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