Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »बावन शक्तिपीठों में से एक गुजरात के अम्बाजी में क्या है मंदिरों के अलावा

बावन शक्तिपीठों में से एक गुजरात के अम्बाजी में क्या है मंदिरों के अलावा

By Syedbelal

अम्बाजी प्राचीन भारत का सबसे पुराना और पवित्र तीर्थ स्थान है। ये शक्ति की देवी सती को समर्पित बावन शक्तिपीठों में से एक है। गुजरात और राजस्थान की सीमा पर बनासकांठा जिले की दांता तालुका में स्थित गब्बर पहाड़ियों के ऊपर अम्बाजी माता स्थापित हैं। अम्बाजी में दुनियाभर से पर्यटक आकर्षित होकर आते हैं, खासतौर से भाद्रपद पूर्णिमा और दिवाली पर। यह स्थान अरावली पहाड़ियों के घने जंगलों से घिरा है। यह स्थान पर्यटकों के लिये प्रकृतिक सुन्दरता और आध्यात्म का संगम है।

बात यदि पर्यटन के बिन्दुओं पर हो तो आपको बता दें कि यहां गब्बर पहाड़ियों पर कैलाश हिल सूर्यास्त बिन्दु जैसे स्थान हैं जहाँ से पर्यटक न केवल प्राकृतिक सुन्दरता का आनन्द ले सकते हैं बल्कि रोपवे पर भी घूम सकते हैं। गब्बर पहाड़ियों पर कुछ और धार्मिक स्थल हैं जहाँ तीर्थयात्री अक्सर जाते हैं। मुख्य मन्दिर के पीछे मान सरोवर नाम का एक कुण्ड है। पवित्र कुण्ड के दोनों ओर दो मन्दिर स्थित हैं, एक महादेव जी को और दूसरा माता अम्बाजी की बहन अजय देवी को समर्पित है।

MUST READ : उस गुजरात की तस्वीरें, जिसके विकास के दम पर मोदी बने प्रधानमंत्री

श्री कोटेश्वर माहदेव का प्राचीन मन्दिर अम्बाजी मन्दिर से 8 किमी की दूरी पर स्थित है और वेदिक नदी सरस्वतू के मुहाने पर है। यह सरस्वती नदी और गोमुख के पवित्र कुण्ड से जुड़ा है। अम्बाजी भारत का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है जो कि असंख्य भक्तों को प्रिय है और विभिन्न प्रकार धार्मिक मान्यता वाले तीर्थयात्री यहाँ आते हैं। तो अब देर किस बात की इस आर्टिकल के माध्यम से गहराई से अवलोकन किया जाये कि आने वाले पर्यटक यहां क्या क्या देख सकते हैं और अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं।

 बलराम अम्बाजी वन्यजीव अभ्यारण्य

बलराम अम्बाजी वन्यजीव अभ्यारण्य

बलराम अम्बाजी वन्यजीव अभ्यारण्य गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित है। क्षेत्र के विपरीत सिरों पर स्थित बलराम और अम्बाजी मन्दिरों के कारण ही अभ्यारण्य का यह नाम पड़ा। इस अभ्यारण्य को गुजरात सरकार द्वारा वन्यजीवों और उनके वातावरण के उत्थान तथा विकास के लिये 7 अगस्त 1989 में स्थापित किया गया था। अभ्यारण्य में दुर्लभ जन्तुओं तथा पक्षियों का विशाल संग्रह है जिनमें आलसी भालू, साही, पट्टीदार हाइना, ब्लूबुल, लोमड़ी, भारतीय मुश्कबिलाव और भारतीय पैंगोलिन आदि शामिल हैं। क्षेत्र में कडाया, गुग्गल और मूसली जैसे कई औषधीय पौधे भी पाये जाते हैं।

गब्बर पहाडियाँ

गब्बर पहाडियाँ

गुजरात-राजस्थान की सीमा पर स्थित अम्बाजी गाँव से 4 किमी की दूरी पर स्थित गब्बर पहाड़ियों को अम्बाजी माता का मूल स्थान माना जाता है। तन्त्र चूड़ामणि के एक उल्लेख के अनुसार देवी सती के हृदय का एक भाग इस पर्वत के ऊपर गिरा था। मन्दिर तक पहुँचने के लिये पहाड़ी पर 999 सीढियाँ चढ़नी पड़ती हैं। पहाड़ी के ऊपर से सूर्यास्त देखने के अनुभव भी बेहतरीन होता है।

 मंगलया वन और कैलाश टेकरी

मंगलया वन और कैलाश टेकरी

मंगलया वन कैलाश टेकरी नामक पहाड़ी पर अम्बाजी मन्दिर एक किमी से अधिक की दूरी पर खेदब्रह्मा राजमार्ग पर स्थित है। यह वन एक अनोखा बगीचा है जो अपने ज्योतिषीय बगीचे के लिये जाना जाता है जहाँ पर प्रत्येक राशि के लिये तीन पौधे हैं। ज्योतिषाचार्यों की मान्यता है कि इन पौधों का मनुष्य के जीवन पर वही प्रभाव पड़ता है जो रत्नों के कारण पड़ता है। पर्यटक इन ज्योतिषीय पौधों के बारे में जानने के लिये यहाँ बारी संख्या में आते हैं आर कुछ तो इनकी पौध को अपने घर भी ले जाते हैं।

 कोटेश्वर मन्दिर

कोटेश्वर मन्दिर

कोटेश्वर मन्दिर अम्बाजी से 8 किमी की दूरी पर स्थित है। सरस्वती नदी के समीप स्थित होने के कारण इस मन्दिर का ऐतिहासिक महत्व है। वाल्मीकि आश्रम और शक्ति आश्रम इस स्थान के दो खास आकर्षण हैं।

पोशिना

पोशिना

पोशिना, साबरकांठा जिले के अंबाजी से लगभग 29 कि.मी दूर स्थित एक गांव है। यह गांव आदिवासी संस्कृति को देखने और उसे अनुभव करने के लिए एक आदर्श स्थान है। दरबारगढ़ पोशिना, जो कभी एक महल हुआ करता था, आज एक विरासत घर है जो प्राचीन वस्तुओं के मिश्रण के साथ आधुनिक सुविधाओं के लिए जाना जाता है। यहां पारंपरिक व्यंजन परोसे जाते हैं और मेहमानों को रसोई घर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है तथा अपना हाथ खाना पकाने में भी आज़मा सकते हैं।

कैसे जाएं अम्बाजी

कैसे जाएं अम्बाजी

फ्लाइट द्वारा : अम्बाजी के लिये निकटतम हवाईअड्डा अहमदाबाद का सरदार वल्लभभाई पटेल अन्तर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा है जो कि अम्बाजी से 180 किमी की दूरी पर है। हवाईअड्डे के लिये टैक्सी का किराया लगभग 2500 रूपये होता है। यह हवाईअड्डा भारत के सभी प्रमुख शहरों के साथ-साथ कुछ अन्तर्राष्ट्रीय शहरों से भी जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग द्वारा : आबूरोड स्टेशन अम्बाजी के लिये निकटतम रेलवे स्टेशन है जो शहर से 20 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ से सभी प्रमुख शहरों के लिये गाड़ियाँ उपलब्ध रहती हैं जिनमें दिल्ली भी शामिल है। स्टेशन से अम्बाजी के लिये टैक्सी सेवायें न्यूनतम 200 रूपये किराये के साथ उपलब्ध रहती हैं।

सड़क मार्ग द्वारा : अम्बाजी अहमदाबाद (180 किमी), आबूरोड स्टेशन (20 किमी), दिल्ली (700 किमी), पालनपुर (65 किमी) और हिम्मत नगर (110 किमी) जैसे शहरों से जुड़ा है। इन शहरों से राज्य स्वामित्व वाली बसें अम्बाजी के लिये उपलब्ध रहती हैं।

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X