भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य खास तौर पर अपनी समृद्ध संस्कृति और अद्वितीय त्यौहारों के लिए लोकप्रिय हैं। इन्हीं विशेष और अद्वितीय त्यौहारों में से एक है, नवम्बर के महीने से मनाया जाने वाला चाय का त्यौहार। जी हाँ, आज हम बात करने वाले हैं 'टी फेस्टिवल' यानि कि चाय के त्यौहार की। सारे चाय के शौकीनों के लिए ये दुनिया का सबसे अच्छा त्यौहार है। है ना? तो चलिए हम और भी चीजें जानते हैं असम के इस दिलचस्प महोत्सव के बारे में!
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यह त्यौहार असम के लगभग हर भागों में मनाया जाता है, पर त्यौहार का मुख्य केंद्र खास तौर पर यहाँ का जोरहाट जिला है। बड़े-बड़े चाय के बागानों के साथ, जोरहाट भारत में चाय उद्योग के केंद्रों की लिस्ट में शीर्ष पर है। यह चाय उत्सव मुख्यतः चाय का जश्न मनाने के लिए आयोजित किया जाता है। कई बैठकें आयोजित की जाती हैं, जिसमें चाय उद्योग को और बढ़ावा देने और उनमें सुधार करने की योजनाओं पर चर्चा की जाती है और लोक नृत्य-संगीत कार्यक्रमों का आयोजन कर मनोरंजन का प्रबंध भी किया जाता है।
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असम चाय महोत्सव, असम पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किया जाता है। और इस महोत्सव में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में चाय के बागानों की सैर, गोल्फ खेल, जंगलों में सफ़ारी सैर, स्थानीय लोगों द्वारा बनाये गए विशिष्ट व्यंजनों के स्वाद लेना, शॉपिंग और कई सारे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
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इस महोत्सव का आयोजन हर साल ठण्ड के मौसम में आयोजित होता है, नवंबर से जनवरी के महीने तक। पूरा राज्य इस उत्सव के दौरान चाय की समृद्धि का जश्न मनाता है और इसकी रक्षा और उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए कई उपाय करता है। पर्यटकों और आगंतुकों के लिए चाय के विभिन्न ज़ायकों को भी पेश किया जाता है। कई बैठकों सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है, जिनमें चाय उद्योगों द्वारा सामना किये जा रहे मुद्दों को सुलझाया और उनके बारे में चर्चा की जाती है और इसके दौरान माहौल को हल्का और मनोरंजक बनाने के लिए नृत्य-संगीत के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।
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पर्यटक, यात्री और चाय के प्रेमी इस भव्यता के मज़े लेने ज़रूर जाएँ जो आपको एक अलग अनुभव दिलाएगा। महोत्सव के दौरान यहाँ की नदियों में राफ्टिंग और मछली पकड़ने जैसी रोमांचक क्रियाओं का भी आयोजन किया जाता है। असम की समृद्ध संस्कृति और विरासत इस उत्सव के दौरान जीवंत हो उठती है।
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जोरहाट, जिसे भारत में 'चाय की राजधानी' के नाम से भी जाना जाता है, भारत के अन्य मुख्य शहरों और राज्यों से सड़क मार्ग, हवाई मार्ग और रेल मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। नेशनल हाईवे 37 जोरहाट को असम के अन्य शहरों से जोड़ता है। मरियानी जंक्शन जोरहाट का सबसे नज़दीकी स्टेशन है जो यहाँ से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जोरहाट में एक डोमेस्टिक एयरपोर्ट है जहाँ आप देश के किसी भी शहर से हवाई यात्रा कर पहुँच सकते हैं।
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जोरहाट की यात्रा करने के अन्य कारण
जोरहाट अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिये भी जाना जाता है और एक प्रकृति प्रेमी को यह शहर कभी निराश नहीं करेगा। यहाँ के अन्य आकर्षण हैं जहाँ आप अपनी जोरहाट की यात्रा में जा सकते हैं; होलांगपर गिबन वन्यजीव अभ्यारण्य,सिन्नामोरा चाय का बागान, गाज़पुर, बिल्वेसवार शिव मंदिर और गढ़ अली।
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तो इस ठण्ड के मौसम में उत्तर-पूर्वी राज्य के जोरहाट शहर में चाय के विभिन्न स्वाद की चुस्की लेने ज़रूर जाइये और साथ ही साथ यहाँ की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं से अवगत होइए।
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