हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित बरोट, उहल नदी पर बसा हुआ एक छोटा सा खूबसूरत हिल-स्टेशन है। हिमाचल के छुपे हुए खूबसूरत स्थानों में से एक बरोट घाटी का निर्माण उहल नदी पर बिजली परियोजना के लिए गया था, जो धीरे धीरे पर्यटकों के बीच एक हिल-स्टेशन के रूप में लोकप्रिय हो गया है।
एडवेंचर लवर्स के बीच यह घाटी खासा प्रसिद्ध है, क्योंकि इस घाटी में पर्यटक ट्रैकिंग से लेकर,फिशिंग ,कैम्पिंग ,रेप्लिंग आदि का लाभ उठा सकते हैं। तो फिर देर किस बात इन छुट्टियों बरोट आने की प्लानिंग कीजिये और शिवालिक रेंज में छुपे हुए खूबसूरत नजारों को घूमिये
कहां है बरोट घाटी
समुद्री स्तर से करीबन 6 हजार फीट की ऊंचाई पर मंडी जिले स्थित बरोट घाटी ट्रेकिंग करने के शौकीनों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।Pc:Ashish Gupta
कैसे पहुंचे बरोट घाटी
हवाई जहाज द्वारा- बरोट घाटी का नजदीकी हवाई अड्डा कुल्लू हवाई अड्डा है, जोकि यहां से करीबन 128 किमी की दूरी पर स्थित है। एक बार हवाई अड्डा पहुँचने के बाद पर्यटक आसानी से बस द्वारा यहां पहुंच सकते हैं।
ट्रेन द्वारा
बरोट घाटी का नजदीकी रेलवे स्टेशन जोगिंदरनगर है, जहां से आसानी से बरोट घाटी पहुंचा जा सकता है।
बस द्वारा
अगर आप दिल्ली से बस द्वारा आ रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आप पालमपुर और बैजनाथ होकर जायें, यहां से बरोट घाटी का रास्ता बेहद सुगम है।साथ ही आप गूगल मैप की भी मदद ले सकते हैं।
Pc:Márkó Laci
कब आयें बरोट घाटी?
बरोट घाटी का मौसम पूरे वर्ष सुहावना बना रहता है, पर्यटक इस खूबसूरत जगह की सैर कभी भी कर सकते हैं, हालांकि मानसून के दौरान आने से बचे, मानसून के दौरान यह क्षेत्र आधिक वर्षा प्राप्त करता है, ऐसे में सभी रास्ते बंद हो जाते हैं।Pc:travelling slacker
क्या करें बरोट घाटी
उहल नदी
नार्गु वाइल्डलाइफ सेंचुरी
। यह हिमालयी मोनाल, ब्लैक बेयर, और घोर जैसी विभिन्न पशु प्रजातियों का निवासस्थान है। कुल्लू " loading="lazy" width="100" height="56" />वन्यजीव अभयारण्य। यह हिमालयी मोनाल, ब्लैक बेयर, और घोर जैसी विभिन्न पशु प्रजातियों का निवासस्थान है। कुल्लू
चुहुर घाटी
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित चुहुर घाटी , बरोट घाटी का ही एक हिस्सा है और इस घाटी के अन्य प्रमुख आकर्षणों में झांकरी गांव और हरुंग नारायण मंदिर शामिल हैं। इस स्थान का एक अन्य प्रमुख आकर्षण अंतर्राष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि है ,जो हर साल घाटी के स्थानीय लोगों द्वारा बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है।
शानन हाइडल प्रोजेक्ट
बरोट का नाम जलविद्युत उत्पादन के इतिहास में बहुत प्रसिद्ध है। सन 1925 में ब्रिटिश सरकार की ओर से अंगरेजी सेना के इंजीनियर कर्नल बंटी तथा मंडी के राजा जोगेंदर सेन के बीच एक अनुबंध हुआ जिस से जोगेंदर नगर की शानन और बस्सी जलविद्युत परियोजना साकार हुई। इस परियोजना का जलभंडारण केंद्र बरोट में बना।Pc:Ashish Gupta
फिशिंग-
ट्रैकिंग
कैम्पिंग
प्रकृति की बांहों में कैम्पिंग का मजा
अब शिमला,मनाली नहीं बल्कि घूमें हिमाचल की ख़ास खूबसूरत जगहों को