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ट्रैवल के लिहाज़ से क्यों हमेशा ही ख़ास और दिलचस्प रहा है एमपी का भोपाल

By Syedbelal

आज अपने इस लेख में हम आपको जिस डेस्टिनेशन से अवगत कराने जा रहे हैं उसे झीलों और राजसी माया का शहर कहा जाता है। जी हां हम बात कर रहे हैं भोपाल की। भोपाल, भारत का एक प्रसिद्ध शहर और मध्‍यप्रदेश राज्‍य की राजधानी भी है। झीलों के शहर के रूप में प्रसिद्ध भोपाल, पूर्व समय भोपाल रियासत की राजधानी भी हुआ करती थी। ज्ञात हो की भोपाल को देश के सबसे स्‍वच्‍छ और हरे - भरे स्‍थानों में से एक होने का गौरव प्राप्‍त है।

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यदि बात भोपाल और उसके आसपास स्थित पर्यटन स्थलों कि हो तो आपको बता दें की भोपाल और उसके आसपास के क्षेत्रों में कई पर्यटन स्‍थल मौजूद है। केवरा बांध, भोपाल के बाहरी इलाके में यहां का सबसे प्रसिद्ध पिकनिक स्‍पॉट है जो शहर का सबसे सुंदर दृश्‍य प्रस्‍तुत करता है। मनुबहन की टेकरी भी यहां का अन्‍य पिकनिक स्‍थल है जो एक पहाड़ी चट्टान पर स्थित होने के कारण शहर का मनोरम दृश्‍य प्रस्‍तुत करता है, पिकनिक स्‍पॉट होने के अलावा यह जगह जैनियों के लिए धार्मिक जगह भी है।

शाहपुरा झील भी भोपाल के बाहरी इलाके में स्थित है, यह झील स्‍थानीय लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है यहां लोग शाम और सप्‍ताहांत के दौरान सैर करने और परिवार के साथ समय बिताने आते है। तो आइये अपने इस लेख के जरिये हम आपको कराते हैं भोपाल के उन अट्रैक्शनों से जिनकी यात्रा आपको शहर की यात्रा करने पर अवश्य करनी चाहिए।

ताज - उल - मस्जिद

ताज - उल - मस्जिद

भोपाल में ताज - उल - मस्जिद शहर में मुस्लिमों के लिए महत्‍वपूर्ण स्‍थान है और एक प्रमुख लैंडमार्क भी है। यह मस्जिद पूरे देश की सबसे सुंदर मस्जिदों में से एक है और बड़ी भी है। इस मस्जिद की संरचना बेहद खूबसूरत और भव्‍य है। यह मस्जिद गुलाबी रंग से रंगी हुई है और इसकी गुम्‍बदे सफेद रंग के हैं। इस मस्जिद में एक बड़ा सा हॉल है जिसमें कई नक्‍काशीदार खंभे खड़े हुए है, यह सभी संगमरमर के है। मस्जिद के परिसर में एक बड़ा सा आंगन है जहां थके - हारे यात्री विश्राम कर सकते है और कड़ी चिलचिलाती धूप से आराम पा सकते है।

लोअर लेक

लोअर लेक

लोअर लेक, भोपाल में अपर लेक या बड़ा तालाब के पास में ही स्थित है और यहां बने हुए सुंदर कमला पार्क के काफी नजदीक स्थित है। इस झील का दृश्‍य सुंदर और रौबदार है। पर्यटक यहां आकर पैडल और मोटरबोट को चला सकते है। साहसी पर्यटक, झील के पानी में पानी आधारित गतिविधियों का मजा उठा सकते है। लोअर झील भी पर्यटकों के बीच उतनी ही विख्‍यात है जितनी अपर लेक। लोअर लेक और अपर लेक जैसी दो सुंदर झीलों के कारण ही भोपाल को झीलों का शहर कहा जाता है। हालांकि, वर्तमान में मानव बस्तियों के कारण अब यह झील अपना आकर्षण खोती जा रही है।

वन विहार

वन विहार

वन विहार, भोपाल का राष्‍ट्रीय उद्यान है और यह शहर के केंद्र में स्थित है। यह पार्क 445 हेक्‍टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे ऐसी जगह बनाया गया है जहां से पूरा शहर साफ दिखाई देता है। यह स्‍थल, भोपाल आने वाले पर्यटकों के बीच विख्‍यात जगह है, हर साल हजारों पर्यटक यहां की सैर के लिए आते है। इस राष्‍ट्रीय पार्क में साल भर घास के मैदान, हरे - भरे रहते है। इस पार्क में शाकाहारी और मांसाहारी की विस्‍तृत विविधता का घर है जो यहां के प्राकृतिक निवास में रहते है। हालांकि, यह पार्क एक छोटा सा चिडियाघर भी कहलाया जा सकता है, यहां जू की तरह काफी जानवर है।

भीमबेटका गुफाएं

भीमबेटका गुफाएं

महाभारत के एक पौराणिक चरित्र भीम के नाम पर आधारित भीमबेटका भारत की प्राचीन गुफाओं में से एक है। इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। भीमबेटका गुफाएं एवं चट्टानों से बने आश्रय स्थल मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित हैं। ये चारों ओर से विंध्य पर्वत श्रेणी से घिरे हुए हैं। यहाँ 600 से भी अधिक गुफाएं हैं जिनमें विभिन्न चित्र हैं। इन चित्रों में प्राचीन व्यक्तियों की दैनिक गतिविधियों को दर्शाया गया है। मनुष्यों के चित्रों के अलावा कई गुफाओं में विभिन्न प्राणियों जैसे कि चीता, कुत्ता, छिपकली, हाथी, भैंस इत्यादि के रंगीन चित्र भी देखने को मिलते हैं।

बिरला मंदिर

बिरला मंदिर

भोपाल में स्थित बिरला मंदिर, देवी लक्ष्‍मी और उनके पति भगवान विष्‍णु को समर्पित है। यह मंदिर पहाडियों की चोटी पर बना हुआ है और भोपाल जिले के सबसे उच्‍चतम बिंदु पर स्थित मंदिर है। यह मंदिर एक पहाड़ी इलाके में स्थित है, लेकिन मंदिर को जाने वाला रास्‍ता काफी अच्‍छी तरीके से बनाया गया है और इसकी चढ़ाई भी आसान है। मंदिर पहुंचकर पूरे शहर के नजारे को देखा जा सकता है। मंदिर के अंदर भगवान विष्‍णु और देवी लक्ष्‍मी को समर्पित मूर्तियां स्‍थापित है जो काफी खूबसूरत है।

भारत भवन

भारत भवन

भारत भवन एक बहु कला केंद्र है जो भोपाल में कला सम्‍बंधी मौखिक, प्रर्दशन और दृश्‍य कला को पूरा करता है और इसे शहर का कला केंद्र माना जाता है। यहां तक कि अगर आप कला के प्रदर्शन को लेकर उत्‍सुक नहीं होते है या फिर उस बारे में कोई समझ नहीं रखते है फिर भी यहां की उत्‍कृष्‍टता और अद्वितीय डिजाइन आपको आकर्षित करेगी। इस इमारत को इसके चारों तरफ लैंडस्‍कैप के साथ सिंक करके डिजायन किया गया है जिससे यह देखने में काफी बड़े स्‍थल वाला लगता है।

साँची

साँची

भोपाल से 50 किलोमीटर दूर साँची ध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित एक छोटा सा गाँव है। यह स्थान अपने स्मारकों और बौद्ध स्तूपों के लिए प्रसिद्ध है। साँची एक टीले की तराई में स्थित है और बौद्ध स्मारकों के लिए काफ़ी विख्यात है। साँची में पर्यटन के दौरान आप कई स्तूप, पवित्र मंदिर, मठ एवं स्तंभ देख सकते हैं, जो यहाँ पर तीसरी शताब्दी ई. पू. से लेकर बारहवीं शताब्दी से हैं। साँची के स्मारकों पर नक्काशियां हैं जो इस स्थान की संस्कृति और बौद्ध मिथकों को दर्शाती हैं।

फ़ूड शॉपिंग और रहना

फ़ूड शॉपिंग और रहना

पूरे भोपाल में आपको जगह जगह छोटे बड़े रेस्टुरेंट दिख जाएंगे जहां आपको मध्य प्रदेश के परंपरागत भोजन का स्वाद मिल जाएगा। यहां जहां आपको एक तरफ चाट की कई किस्में दिखेंगी तो वहीं दूसरी तरफ आपको मुग़लई भोजन भी मुनासिब दामों में आसानी से मिल जाएगा। बात यदि शॉपिंग की हो तो अपनी भोपाल की यात्रा पर आप शॉल, हस्तशिल्प, लकड़ी के बड़े खिलौने जैसे सामान खरीदना बिलकुल न भूलें। इसके अलावा भोपाल रहने के मामले में भी किफायती हैं। भोपाल के सस्ते होटलों के लिए यहां क्लिक करें। भोपाल के सस्ते होटल

कैसे जाएं भोपाल

कैसे जाएं भोपाल

फ्लाइट द्वारा : भोपाल एयरपोर्ट को राजा भोज एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है जो शहर से 15 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस एयरपोर्ट से प्रतिदिन कई राष्‍ट्रीय और अंर्तराष्‍ट्रीय उड़ाने भरी जाती हैं। यहां से मुम्‍बई, दिल्‍ली, इंदौर और ग्‍वालियर के लिए रोजाना उड़ान भरी जाती है। भोपाल एयरपोर्ट से शारजहां और दुबई के लिए नियमित उड़ाने उपलब्‍ध है। कुछ अंर्तराष्‍ट्रीय एयरलाइंस भी इस हवाई अड्डे से जुड़ी हुई है।

रेल द्वारा : यह शहर रेल के द्वारा देश के लगभग हिस्‍सों से अच्‍छी तरह जुड़ा हुआ है। भोपाल रेलवे स्‍टेशन से दिल्‍ली, मुम्‍बई, कोलकाता और चेन्‍नई के लिए ट्रेन आसानी से मिल जाती हैं। यहां से दिल्‍ली, ग्‍वालियर और इंदौर के लिए शताब्‍दी एक्‍सप्रेस भी चलती हैं। भोपाल रेलवे स्‍टेशन से कैब या ऑटो की मदद से शहर की सैर पर जाया जा सकता है।

सड़क मार्ग द्वारा : राज्‍य सरकार द्वारा भोपाल में अच्‍छी बस सुविधा मुहैया करवाई गई है। ये बसें आरामदायक होती है। यहां से अन्‍य शहरों तक जाने के लिए एसी बसें भी मिल जाती हैं। भोपाल में बस डिपो, प्री - पेड टैक्‍सी और ऑटो रिक्‍शा की सुविधा भी प्रदान करते है।

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