भारत पूरी दुनिया में सातवां सबसे बड़ा देश है जहाँ हज़ारों से भी ज़्यादा विभिन्न संस्कृतियां समायी हुई हैं। इन्हीं सांस्कृतिक विविधताओं के साथ-साथ, भारत कई बायोस्फीयर रिज़र्वस का भी घर है। भारत के ये बायोस्फियर रिज़र्वस कई वन्य जीवों, जनजातीय समुदायों और अद्वितीय वनों के संरक्षण में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि ये बायोस्फियर रिज़र्व क्या हैं? बायोस्फीयर रिज़र्व असामान्य वैज्ञानिक और प्राकृतिक हित के लिए पौधों और जानवरों का एक पारिस्थितिकी तंत्र है। यह लेबल या यह नाम इन्हें यूनेस्को द्वारा दिया गया है जिससे कि इन जगहों की रक्षा की जा सके। भारत में ऐसे कई सारे राष्ट्रीय उद्यान और रिज़र्वस हैं जो विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों की रक्षा कर रहे हैं। इन सारे रिज़र्वस को कई लुप्तप्राय जीवों का प्राकृतिक स्थल भी घोषित कर दिया गया है।
चलिए आज हम इन्हीं प्रमुख बायोस्फियर रिज़र्वस की सैर पर चलते हैं और प्रकृति और उसके क्रियाकलापों को और करीब से जानते हैं।
अचानकमार- अमरकंटक बायोस्फियर रिज़र्व
अचानकमार-अमरकंटक बायोस्फियर रिज़र्व भारत के दो राज्यों, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश दोनों ही क्षेत्रों में फैला हुआ है। यह मैकल पर्वत श्रेणियों से लेकर विंध्य व सतपुड़ा पर्वत श्रेणियों पर स्थित है। इसका यह नाम यहाँ स्थित अचानकमार अभ्यारण्य व अमरकंटक, जो तीन पवित्र नदियों नर्मदा, सोन तथा जोहिल्ला का उद्गम स्थल है, के नामों पर पड़ा है।
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अगस्त्यमलाई बायोस्फियर रिज़र्व
केरल एवं तमिलनाडु में फैले अगस्त्यमलाई जैवमंडल क्षेत्र की स्थापना वर्ष 2001 में की गई थी। यहां कई तरह के जनजाति समुदाय भी रहते हैं।पश्चिम घाट में स्थित अगस्त्यमलाई बायोस्फियर रिज़र्व की सर्वोच्च चोटी समुद्र तल से 1,868 मीटर ऊंची है। इस वर्षा आधारित वन क्षेत्र में 2,254 तरह के पेड़ पौधे हैं, जिनमें तकरीबन चार सौ स्थानीय हैं।
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सिमलीपाल बायोस्फियर रिज़र्व
ओडिशा के सिमलीपाल को भारत सरकार द्वारा 22 जून, 1994 में बायोस्फियर रिज़र्व अधिसूचित कर दिया गया था। सिमलीपाल पूर्वी घाट के पूर्वी छोर में स्थित है और छोटानागपुर में महानदी जैव भौगोलिक क्षेत्र के जैविक प्रान्त में वर्गीकृत है।
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कोल्ड डेज़र्ट (ठंडा मरुस्थल)
कोल्ड डेज़र्ट बायोस्फियर रिज़र्व पिन घाटी के राष्ट्रीय उद्यान , उसके आसपास के क्षेत्र, चन्द्रतल और सरचु व किब्बर वन्यजीव अभ्यारण्य के क्षेत्रों को मिला कर अधिसूचित किया गया है।
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गल्फ ऑफ़ मन्नार
गल्फ ऑफ़ मन्नार एक बड़ी सी खाड़ी है जो जो हिन्द महासागर में लास्साडिव सागर का एक हिस्सा है। यह कोरोमंडल तट क्षेत्र में भारत के दक्षिणी सिरे और श्रीलंका के पश्चिमी तट के बीच स्थित है ।
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बड़ा निकोबार बायोस्फियर रिज़र्व
बड़ा निकोबार बायोस्फियर रिज़र्वभारत का एक वान्य संरक्षित क्षेत्र है। यह अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह के बड़े निकोबार द्वीप पर स्थित है और उस द्वीप के 85% क्षेत्रफल पर विस्तृत है।भारत सरकार ने इसे जनवरी, 1989 में स्थापित किया था और इसमें भारत के दो राष्ट्रीय उद्यान सम्मिलित हैं: कैम्पबॅल बे राष्ट्रीय उद्यान और गैलेथिआ राष्ट्रीय उद्यान।
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नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान
नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान भारत के उत्तराखण्ड राज्य में नन्दा देवी पर्वत के आस-पास का इलाका है जो कि 630.33 वर्ग कि॰मी॰ फैला हुआ है। इसको सन् 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को मिलाकर सन् 1988 में इसे युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया।
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नीलगिरी बायोस्फियर रिज़र्व
नीलगिरी बायोस्फियर रिज़र्व दक्षिण भारत के पश्चिमी घाट और नीलगिरी पर्वत पर स्थित एक अंतर्राष्ट्रीय बायोस्फियर रिज़र्व है। इसे सन् 2012 में यूनेस्को द्वारा वैश्विक धरोहर घोषित कर दिया गया था।
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नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान
नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान भारत के मेघालय राज्य में पश्चिम गारो हिल्स ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसका क्षेत्रफल 47.48 वर्ग कि॰मी॰ है। यहाँ हाथी तथा हू लॉक गिब्बन सहित अनेक प्रकार की वन्य प्रजातियाँ पाई जाती हैं। नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना नोकरेक में तथा इसके आस पास वाले स्थानों में जंगली हाथियों के समूह, पक्षियों की दुर्लभ किस्में तथा दुर्लभ ऑर्किड के संरक्षण के लिए की गई थी
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पंचमढ़ी बायोस्फियर रिज़र्व
पंचमढ़ी बायोस्फियर रिज़र्व एक गैर उपयोग संरक्षण क्षेत्र और मध्य भारत के मध्य प्रदेश राज्य में सतपुड़ा पर्वत पर स्थित बायोस्फियर रिज़र्व है। इसे भारत सरकार द्वारा सन् 1999 में एक संरक्षण क्षेत्र घोषित कर दिया गया था और यूनेस्को ने इसे 2009 में बायोस्फियर रिज़र्व नामित किया।
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सुंदरबन
सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के दक्षिणी भाग में गंगा नदी के सुंदरवन डेल्टा क्षेत्र में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान, बाघ संरक्षित क्षेत्र एवं बायोस्फ़ीयर रिज़र्व क्षेत्र है। यह क्षेत्र मैन्ग्रोव के घने जंगलों से घिरा हुआ है और रॉयल बंगाल टाइगर का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है।
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मानस राष्ट्रीय उद्यान
मानस राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और एक प्रमुख बायोस्फियर रिज़र्व है। यह उद्यान एक सींग का गैंडा (भारतीय गेंडा) और बारहसिंघा के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इसे सन 1985 में वैश्विक धरोहर का दर्जा दिया गया था लेकिन अस्सी के दशक के अंत और नब्बे के दशक के शुरू में बोडो विद्रोही गतिविधियों के कारण इस उद्यान को 1992 में वैश्विक धरोहर स्थल की सूची से हटा लिया गया। बाद में फिर से इसे जून 2011 में पुनः यूनेस्को की वैश्विक धरोहर में शामिल कर लिया गया है।
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डिब्रु-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान
डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान भारत में असम राज्य के पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट में स्थित जैव विविधता वाले क्षेत्रों में से एक है। मुख्यतः नमीदार मिश्रित अर्ध-सदाबहार वन, नमीदार मिश्रित पतझड़ीय वन तथा घास के मैदानों का यह क्षेत्र असम के तिनसुकिया ज़िले में स्थित है।
यह क्षेत्र अपने प्राकृतिक सौन्दर्य और विविध वन्य-जीवन के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। विश्व के अनेक देशों से पर्यटक और विज्ञानी यहाँ घुमने और अध्ययन के लिए आते हैं। जंगली घोड़ा और वुड डक इस पार्क के मुख्य आकर्षण है।
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देहांग-दिबांग बायोस्फियर रिज़र्व
देहांग-देबांग बायोस्फियर रिज़र्व भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य में सन 1998 में गठित किया गया था। इस बायोस्फियर रिज़र्व के अन्तर्गत मॉलिंग राष्ट्रीय उद्यान व दिबांग वन्यजीव अभ्यारण्य आते हैं। यह बायोस्फियर रिज़र्व अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों में फैला हुआ है, दिबांग घाटी, उत्तरी सियांग और पश्चिमी सियांग।
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कंचनजुन्गा बायोस्फियर रिज़र्व
कंचनजुन्गा बायोस्फियर रिज़र्व, भारत के उत्तर पूर्वी राज्य के सिक्किम में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। इसे 17 जुलाई, 2016 में यूनेस्को के वैश्विक धरोहरों की सूचि में शामिल कर लिया गया है और यह भारत की सबसे पहली मिश्रित विरासत स्थल है।
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कच्छ बायोस्फियर रिज़र्व
कच्छ बायोस्फियर रिज़र्व, गुजरात प्रांत में कच्छ जिले के उत्तर तथा पूर्व में फैला हुआ एक नमकीन दलदल का वीरान प्रदेश है। कच्छ बायोस्फियर रिज़र्व मुख्यतः दो प्रमुख पारिस्थितिक तंत्र , बड़ा कच्छ का रण और छोटा कच्छ का रण को मिलाकर बना हुआ है।इस बायोस्फियर रिज़र्व के अन्तर्गत कच्छ मरुस्थलीय अभ्यारण्य और जंगली गधा अभयारण्य सम्मिलित हैं।
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सेशाचलम पर्वत
सेशाचलम पहाड़ियाँ, दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में पूर्वी घाट की पहाड़ी पर्वतमालाओं का एक हिस्सा है। हिन्दू धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल, तिरुपति इन्हीं पहाड़ियों पर स्थित है।
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पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान, पन्ना शहर के पास में स्थित है लेकिन यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का हिस्सा है। यह पार्क, राज्य का पांचवा और देश का बाईसवां, टाइगर रिजर्व पार्क है। इस पार्क को पर्यटन मंत्रालय के द्वारा देश का सबसे अच्छा और कायदे से रखा गया पार्क घोषित किया गया और सम्मान से नवाजा गया। बाघों के अलावा, इस राष्ट्रीय पार्क में अन्य जानवरों व सरीसृपों का भी घर है।
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