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उत्तराखंड की अछूती खूबसूरती चंपावत

प्राकृतिक सुन्दरता, बर्फ से ढके पहाड़, दूर तक फैली हरियाली और हर दो कदम पर मंदिर, जी हां दोस्तों कुछ ऐसा ही उत्तराखंड, जिसकी सुंदरता निहारने दुनिया भर से पर्यटक साल भर आते हैं।

प्राकृतिक सुन्दरता, बर्फ से ढके पहाड़, दूर तक फैली हरियाली और हर दो कदम पर मंदिर, जी हां दोस्तों कुछ ऐसा ही उत्तराखंड, जिसकी सुंदरता निहारने दुनिया भर से पर्यटक साल भर आते हैं। शीतल आबो-हवा, हरे-भरे मैदान और खूबसूरत पहाडि़यां ऐसा लगता है जैसे प्रकृति ने यहां अपने अनुपम सौंदर्य की छटा दिल खोल कर बिखेरी हो।

पर्यटकों के बीच खासा प्रसिद्ध होने के चलते उत्तराखंड की अधिकतर जगहें हमेशा ही पर्यटकों से पटी रहती हैं, लेकिन इसके बावजूद आज भी उत्तराखंड में ऐसी भी कुछ जगहें हैं, जो आज भी अछूती सुन्दरता के लिए जानी जाती है, और खास बात यह कि, उत्तराखंड की अन्य जगहों के मुकाबले इन जगहों पर पर्यटकों की भीड़ नहीं है।

यूं तो उत्तराखंड में कई अनसुनी जगहें हैं, जिनकी लोकप्रियता गूगल पर धीरे धीरे बढ़ रही है, जिसके चलते ये जगहें भी पर्यटकों से लबालब हैं, ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, चंपावत के बारे में। अगर आप इसके बारे में गूगल करेंगे तो यकीनन आपको जानकरी मिलेगी, लेकिन जब आप खुद इस जगह का दीदार करेंगे, तो नजारा काफी उलट होगा, यह जगह बेहद खूबसूरत है, दूर दूर तक फैले चाय के बगान इस जगह को और भी खूबसूरत बनाते हैं। सिर्फ प्राकृतिक सुदंरता ही नहीं चंपावत जिला अपने आकर्षक मंदिरों और खूबसूरत वास्तुशिल्प के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

कैसे पहुंचे चंपावत

कैसे पहुंचे चंपावत

पर्यटक पिथौरागढ़ के नौनी सैनी एयरपोर्ट और पंतनगर एयरपोर्ट से टैक्सी बुक करके चंपावत पहुंच सकते हैं। यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है। इतना ही नहीं, आसपास के कई शहरों से चंपावत के लिए बसें भी मिलती हैं।Pc:Ashish Gupta

चंपावत जाने का सबसे अच्छा समय

चंपावत जाने का सबसे अच्छा समय

चंपावत घूमने के लिए गर्मी और ठंड का समय आदर्श माना जाता है।Pc:Yogesh Rawat

कहां है चंपावत?

कहां है चंपावत?

चंपावत उत्तराखंड के दिल में कुमाऊनी क्षेत्र में स्थित है। यह एक प्राचीन शहर है जिसे 10वीं सदी में कुमाऊं के चंद वंश के राजाओं द्वारा बनवाया गया था।चंपावत आने वाले पर्यटक यहां के खूबसूरत नजारों के साथ साथ वन्यजीवों से लेकर हरे-भरे मैदानों तक और ट्रैकिंग का लुत्फ उठा सकते हैं।Pc:Ashish Gupta

महाभारत काल से है सम्बन्ध

महाभारत काल से है सम्बन्ध

द्वापर युगद्वापर युग

क्रांतेश्वर महादेव मंदिर

क्रांतेश्वर महादेव मंदिर

चंपावत से 6 किमी की दूरी पर स्थित क्रांतेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जोकि समुद्र तल से 6000 मीटर की ऊंचाई पर बना है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर अपनी अनोखी वास्तुशिल्प के लिए जाना जाता है। मंदिर के आसपास बर्फ से ढके पहाड़ों को देखा जा सकता है। अपनी इच्छायों को पूरा करने के लिए भक्त भगवान भोलेनाथ को भक्त आशीर्वाद लेने के लिए भगवान कणदेव को दूध , दही और देशी घी का भोग लगाते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण होने की मन्नत मांगते हैं।

बालेश्वर महादेव मंदिर

बालेश्वर महादेव मंदिर

भगवान शिवभगवान शिव

मीठा-रीठा साहिब

मीठा-रीठा साहिब

चम्पावत से करीबन 72 किमी की दूरी पर स्थित मीठा रीठा साहिब सिक्खों का धार्मिक स्थल है। माना जाता है कि, इस जहह एकबार सिक्खों के गुरु गुरु नानक देव जी आय थे, गुरु द्वारे के पास ही लोदिया और रतिया नदियों का संगम होता है। इस गुरूद्वारे के नामकरण के पीछे भी अद्भुत कहानी है, इस गुरूद्वारे में कई रीठे के पेड़ लगे हैं, । ऐसा माना जाता है कि गुरू के स्पर्श से रीठा मीठा हो जाता है। PC:Youtube

लोहाघाट

लोहाघाट

कश्मीरकश्मीर

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अब्बोट माउंट

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