अगर आप कोई खूबसूरत, ऐतिहासिक स्थल देखना चाहते हैं जहां आपका फोटोग्राफी की चाह भी पूरी हो सके तो आपको चीनी का राउज़ा जरूर देखना चाहिए। भारतीय इतिहास का जिक्र होने पर आगरा का नाम जरूर आता है। आगरा की अन्य जगहों की तरह चीनी का राउज़ा ज्यादा लोकप्रिय नहीं है। ये इंडो पर्शिया स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है।
सन् 1635 में बनी ये इमारत अल्लामा अफजल खान मुल्लाह का मकबरा है जोकि विद्वान और कवि थे। वह मुगल बादशाह शाहजहां के प्रधानमंत्री भी थे। यमुना नदी के तट पर स्थित ये इमारत भारत की पहली ऐसी संरचना है जिसे चमकीली टाइल्स से बनाया गया है। मुगल काल से ही इसे काशी और चीनी के नाम से पुकारा जाता है।
भूरे, चौकोर आकार की इस संरचना पर कुरान की खूबसूरत नक्काशी और कारीगरी की गई है। आज भी से पर्शियन शैली में बनी इमारत बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करती है।
समय
किसी भी दिन आप चीनी का राउज़ा देख सकते हैं। सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। स्थानीय और राष्ट्रीय अवकाश पर चीनी का राउज़ा बंद रहता है इसलिए इन दिनों पर यहां घूमने ना आएं।
आने का सही समय
सर्दी के मौसम में यहां आना सबसे सही रहता है। नवंबर से मार्च के बीच का समय आगरा आने के लिए सबसे सही है। गर्मी में यहां चिलचिलाती गर्मी पड़ती है इसलिए इस दौरान आगरा ना आएं।
कैसे पहुंचे
वायु मार्ग द्वारा : आगरा से नई दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट और कानपुर एयरपोर्ट निकटतम हवाई अड्डा है। इन हवाई अड्डों से आपको आगरा के लिए प्राइवेट कैब या बस मिल जाएगी।
रेल मार्ग द्वारा : आगरा में तीन रेलवे स्टेशन हैं - आगरा कैंटोनमेंट, आगरा फोर्ट और राजा की मंडी।
सड़क मार्ग द्वारा : आगरा शहर राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा हुआ है। एनएच 2, एनएच 11 और एनएच 3 द्वारा दिल्ली, जयपुर, मुंबई, मथुरा और अन्य मुख्य शहरों से आगरा जुड़ा हुआ है। आगरा के रास्ते में फतेहपुर सीकरी और भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य देखना ना भूलें।
आगरा के अन्य दर्शनीय स्थल
आगरा सबसे ज्यादा ताज महल के लिए प्रसिद्ध है। आगरा आए और ताज महल ना देखा, ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। इतिहास प्रेमियों को इस शहर में बहुत कुछ मिलेगा। जामा मस्जिद, पंच महल, आगरा का किला और अकबर का मकबरा आदि देख सकते हैं जो मुगल कला और भारतीय संस्कृति का मेल है। यहां पर मंदिर और गुरुद्वारे भी देख सकते हैं।