अगर आप दिल्ली की व्यस्त लाइफ के बीच थोड़ा सुकून के पल बिताना चाहते हैं, तो यहां बताए जा रहे नजदीकी हिल स्टेशन आपकी इच्छा जरूर पूरा करेंगे। खूबसूरत हसीन वादियों के बीच बसे ये पहाड़ी स्थल अपने मनोरम दृश्यों के लिए जाने जाते हैं। और सबसे खास बात, आप साल के किसी भी महीने यहां आ सकते हैं। यहां वर्ष भर मौसम सुहावना व काफी खुशनुमा रहता है। तो आइए जानते हैं, उन खूबसूरत हिल स्टेशन के बारे में, जो आपकी थकान को पल भर में छूमंतर कर सकते हैं।
बिनसर की सैर का आनंद
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बिनसर उत्तराखंड के अल्मोड़ा से लगभग 35 किमी की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। 2412 मीटर की ऊंचाई पर झांडी ढार नाम की पहाड़ी पर बसा बिनसर, उत्तराखंड घूमने आए सैलानियों के मध्य काफी लोकप्रिय है। चारों तरफ घने जंगलों से घिरे होने व कई पहाड़ी वन्य जीवों का निवास स्थल होने के चलते अब इसे एक अभयारण्य का रूप दे दिया गया है।
बता दें कि यह स्थल कभी भारत के 'चंद' राजाओं की राजधानी हुआ करता था।
क्यों आएं बिनसर
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अगर आप दिल्ली से निकल थोड़ा समय प्रकृति की गोद में समय बिताना चाहते हैं, तो बिनसर आपके लिए एक परफेस्ट प्लेस हैं। यहां का पहाड़ी नजारा देखने लायक होता है, साथ ही आप यहां से हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों को भी देख सकते हैं। यहां से नंदादेवी, चौखंबा, पंचोली चोटियों को आसानी से देखा जा सकता है। वन्य अभयारण्य होने के चलते यहां जंगली जीवों को घूमते हुए देखा जा सकता है। यहां आप तेंदुआ, हिरण, चीतल को आसानी से देख सकते हैं। जानवरों के अलावा यहां पक्षियों की 200 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं।
अंग्रेजों का बसाया लैंसडाउन
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उत्तराखंड के तमाम खूबसूरत पर्यटन स्थलों में पौड़ी गढ़वाल स्थित लैंसडाउन का भी नाम आता है। यह जिले के एक छावनी शहर के नाम से जाना जाता है, जो समुद्र तल से 1706 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह शहर अपने प्राकृतिक रमणीय दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आपको साल के हर माह सुहावना मौसम देखने को मिलेगा, जो इस स्थल को खास बनाता है। यहां चारो तरफ फैली हरियाली के बीच ठंडी-ठंडी हवाओं के स्पर्श का कोई मोल नहीं।
क्यों आएं लैंसडाउन
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यह शहर अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के साथ-साथ अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए भी जाना जाता है। दरअसल इस शहर के निर्माण का श्रेय अंग्रेजों को जाता है, जिन्होंने अपने समय में इसे पहाडों को काटकर बनाया था। दिल्ली से नजदीक होने के कारण यहां सैलानियों को आवागमन लगा रहता है। आप यहां देश-विदेश से आए पर्यटकों को आराम फरमाते देख सकते हैं। दिल्ली से यहां तक पहुंचने के लिए लगभग 6 घंटों का समय लगता है। आप दिल्ली के आनंद विहार के रास्ते कोटद्वार होते हुए लैंसडाउन पहुंच सकते हैं।
पिथौरागढ़ में करें खरीदारी
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पिथौरागढ़, उत्तराखंड के प्रमुख शहरों में एक है। जिसे मुख्य पर्यटन स्थलों के रूप में भी जाना जाता है। यहां आसपास घूमने के लिहाज से कई खूबसूरत स्थल मौजूद हैं। इस शहर के नाम के पीछे भी अपना एक अलग इतिहास है, कहा जाता है यहां कभी 7 सरोवर थे, जो बाद में एक पठारी भूमि में तब्दील हो गए। इसलिए इस शहर का नाम पिथौरागड़ पड़ा। इतिहास के और धूल भरे पन्ने साफ करें तो पता चलता है, यह स्थल कभी राजा पृथ्वीराज चौहान की राजधानी हुआ करता था, कुछ लोगों का मानना है, कि राजा के नाम पर ही इस शहर का नाम पिथौरागढ़ पड़ा।
क्यों आएं पिथौरागढ़
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इस शहर में पर्यटन के लिहाज से काफी अच्छी व्यवस्था की गई है। यहां ठहरने व खाने-पीने के लिए कई शानदार होटल्स मौजूद हैं, जहां आप लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठा सकते हैं। यहां कई चीजों का निर्माण किया जाता है, जैसे खूबसूरत रंगों से बने ऊनी वस्त्र, जूते व साज-सज्जा की कई चीजें, जिन्हें आप यहां से खरीद कर अपने घर ले जा सकते हैं। यहां मनोरंजन के कई साधन उपलब्ध हैं, जहां आप अच्छा समय बिता सकते हैं। यह स्थल धार्मिक लिहाज से भी बहुत मायने रखता है। यहां हनुमानगढ़ी व उल्का देवी के दर्शन करने के लिए भक्तों की कतार लगी रहती है। यहां से आप कई और पहाड़ी स्थलों की सैर का आनंद उठा सकते हैं।
मुनस्यारी में करें सैर-सपाटा
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मुनस्यारी, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ स्थित बेहद खूबसूरत पर्वतीय स्थल है। जो तिब्बत व नेपाल से लगा एक सीमांत क्षेत्र है। यहां का पहाड़ी नजारा बेहद आकर्षक है। यहां से आप हिमालय की पर्वतीय श्रृंखलाओं का दीदार कर सकते हैं। यहां से आप पंचचूली पर्वत के भी दर्शन कर सकते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार इन पंच चोटियों को पांडवों के स्वर्गारोहण का प्रतीक कहा गया है।
क्यों आएं मुनस्यारी
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अगर आप छुट्टियां बिताने के लिहाज से किसी शांत स्थल की खोज में हैं, तो आप मुनस्यारी आ सकते हैं। यहां साल भर मौसम सुहावना रहता है, आप यहां किसी भी समय आ सकते हैं। यहां बसंत ऋतु में मौसम सबसे ज्यादा खुशनुमा रहता है। चूंकि यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, तो आपको यहां ठहरने के लिए किफायती होटल्स व लॉज आसानी से मिल जाएंगे। अच्छा होगा आप ठहरने की बुकिंग आने से पहले करवा लें, ताकि घूमने-फिरने में कोई दिक्कत न आए।