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दिल्ली के दिगम्बर जैन मंदिर का इतिहास व महत्वपूर्ण तथ्य

दिल्ली में स्थित दिगम्बर जैन मंदिर को लाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। जैन धर्म के इस पवित्र तीर्थस्थल का इतिहास करीब 500 साल पुराना है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चांदनी चौक के पास में स्थित जैन धर्म का एक बेहद प्राचीन मंदिर है, जिसे दिगम्बर जैन मंदिर कहा जाता है। आसपास के लोग इस मंदिर को लाल मंदिर के नाम से भी जानते हैं। करीब 500 साल पुराने इस मंदिर की वास्तुकला, कलाकृति व प्रतिमाएं किसी का भी मन मोह सकती हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण मुगल शासनकाल के दौरान करवाया गया था, उस दौरान इस मंदिर को खेती के कूचे का मंदिर या लश्करी का मंदिर भी कहा जाता था।

मुगलों की छावनी हुआ करती थी लाल मंदिर

मुगल काल में ये इलाका उर्दू बाजार में आता था, जिसके चलते लोग इसे उर्दू मंदिर भी कहा करते थे। इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि तत्कालीन समय में ये मुगलों की छावनी हुआ करती थी और उसी दौरान एक जैन अधिकारी ने यहां पार्श्वनाथ की मूर्ति स्थापित की और फिर धीरे-धीरे यहां जैन धर्म के लोग आते चले गए और देखते-देखते ये मंदिर बेहद प्रसिद्ध हो गया। कहा जाता है कि इस मंदिर का अंतिम बार जीर्णोद्धार साल 1935 ईस्वी में कराया गया था और इस मंदिर का वर्तमान आकार दिया गया।

Digambar Jain Temple

परिसर में जैन धर्म से संबंधित पुस्तक केंद्र भी मौजूद

इस भव्य मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है, जिसके चलते इस मंदिर को लाल मंदिर या रेड टेम्पल के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में चार मूर्ति स्थापित है, जो चारों दिशाओं की ओर मुंह किए हुए हैं। इस मंदिर में कोई पुजारी नहीं है और मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के प्रसाद की देखरेख व्यास के द्वारा किया जाता है, जो पुजारी के स्थान पर मंदिर में उपस्थित रहता है। अगर आप जैन धर्म के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो मंदिर में जैन धर्म से संबंधित पुस्तक भी आपको मिल जाएगी। इसके अलावा मंदिर में जैन धर्म से जुड़े हुए स्मृति चिन्ह भी बेची जाती है।

भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है लाल मंदिर

इस मंदिर के प्रमुख देवता जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ है, इसके अलावा मंदिर में आपको जैन धर्म के प्रथम देवता भगवान आदिनाथ की प्रतिमा भी स्थापित है। इस मंदिर में दिखने वाला शिखर आजादी के बाद बनाया गया है, क्योंकि जिस काल में इस मंदिर का निर्माण कराया गया था, उस काल में मंदिरों में शिखर का निर्माण कराना जायज नहीं था। अगर आप इस परिसर की सैर पर निकल रहे हैं तो यहां आपको एक बर्ड्स चैरिटी अस्पताल भी देखने को मिल जाएगा, जहां हर साल लगभग 15000 पक्षियों का इलाज किया जाता है।

लाल मंदिर या दिगम्बर जैन मंदिर कैसे पहुंचें?

लाल मंदिर, लाल किला के पास में ही स्थित है। यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन पुरानी दिल्ली व नजदीकी मेट्रो स्टेशन चांदनी चौक है। वहीं, यहां का नजदीकी हवाई अड्डा इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है और इसके अलावा सड़क मार्ग से भी यहां पहुंचा जा सकता है।

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