देश के कई लोग होते हैं जो अपनी यात्रा को खास बनाना चाहते हैं और यात्रा के दौरान ट्रेकिंग जैसे एडवेंचर का लुत्फ उठाते हैं। ये ट्रेकिंग उन स्थानों पर की जाती है जहां पर यात्री वाहन नहीं ले जा सकते। फिर अपनी जान को जोखिम में डालकर काफी किमी. तक पैदल यात्रा कर मंजिल तक पहुंचते हैं। ऐसे ट्रेक अधिकतर उत्तर में पड़ने वाले हिमालय वाले क्षेत्रों में की जाती है, जहां बर्फीली पहाड़ के साथ-साथ चट्टानी मैदान या जंगल से भरपूर पहाड़ हो।
लेकिन ऐसा नहीं है कि ये ट्रेक सिर्फ उत्तर भारत में ही की जा सकती है। दक्षिण भारत भी इससे अछूता नहीं है। यहां पर भी काफी ऐसे पहाड़ी क्षेत्र है, जहां एडवेंचरस लाइफ को जीया जा सकता है। कुछ ऐसा ही है दक्षिण में स्थित पश्चिमी घाट। केरल और तमिलनाडु के पश्चिमी घाट के सीमाओं पर ट्रेक करने का एक अलग ही मजा है, जो आपकी ट्रिप को रोमांच से भर देता है।
नीलगिरी पर्वत
नीलगिरी पर्वत, तमिलनाडु में स्थित पश्चिमी घाट का एक हिस्सा है, जो कर्नाटक और केरल के साथ अपनी सीमाओं को साझा करता है। इस पर्वत श्रृंखला में ऊटी, कोटागिरी और कुन्नूर भी आता है, जो तमिलनाडु के सबसे खास ट्रेकिंग डेस्टिनेशंस में से एक है। यहां पर ना ही बहुत गर्मी पड़ती है और बहुत अधिक ठंडी। यहां पर ट्रेकिंग का अपना एक अलग ही आनंद है।
अनामुडी पर्वत
अनामुडी पर्वत, केरल में स्थित पश्चिमी घाट का एक हिस्सा है, जो केरल के गौरव के रूप में प्रसिद्ध है। हिमालय के बाद अनामुडी पर्वत देश की सबसे ऊंची चोटी है। चाय के बागानों के बीच से होता हुआ ये ट्रेकिंग आपके इस ट्रिप को अनेक रंगों से भर देता है। यहां वनस्पति और जीव-जंतुओं की काफी प्रजातियां पाई जाती है। यहां पर ट्रेकिंग करने का अपना एक अलग अनुभव है। आपको ट्रेकिंग के दौरान यहां एशियाई हाथी देखने को मिलेंगे, जिनकी सबसे ज्यादा जनसंख्या यहीं निवास करती है। इसके अलावा आपको जीव गॉर, नीलगिरी लंगूर और अफ्रीकी लंगूर भी दिखेंगे, जिससे आपकी ये ट्रेकिंग रोमांच से एकदम भर जाएगी।
चेंब्रा चोटी, केरल
चेंब्रा चोटी, केरल में स्थित पश्चिमी घाट की सबसे ऊंची चोटियों में से एक है। दक्षिण वायनाड वन विकास एजेंसी द्वारा यहां पर ट्रेकिंग करवाई जाती है। यह ट्रेक करीब 3 किमी. का है, जो हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ ताजी हवाओं और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। आधी ट्रेकिंग के बाद यहां पर कुछ चट्टानी रास्ते मिलते हैं, जिन्हें पार करना थोड़ा कठिन होता है और ट्रेकर्स को संभलकर पार करना चाहिए।