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भारत की ये सात बहनें वाकई कमाल की है!

भारत का उत्तर-पूर्वी राज्य अपने मिश्रित अनूठी संस्‍कृति, सामाजिक मूल्‍य और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है।

By Namrata Shatsri

भारत का उत्तर-पूर्वी राज्य अपने मिश्रित अनूठी संस्‍कृति, सामाजिक मूल्‍य और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां के सात राज्‍यों को एकसाथ सात बहनों यानि द सेवन सिस्‍टर्स स्‍टेट्स का दर्जा दिया गया है। ये सातों राज्‍य एक-दूसरे से काफी करीब से जुड़े हुए हैं और इसके हर एक राज्‍य की अपनी एक अलग खासियत है।

कश्मीर का मनमोहक, मानसबल झील!कश्मीर का मनमोहक, मानसबल झील!

इन सात राज्‍यों के प्रत्‍येक राज्‍य की अपनी एक खासियत है और सबसे अहम बात तो ये है कि इन सभी की प्राकृतिक सुंदरता और बहुआयामी संस्‍कृति सभी को आकर्षित करती है। उत्तर-पूर्वी राज्‍यों के कुछ रहस्‍यों के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन इनके कुछ रहस्‍य ऐसे हैं जिनके बारे में लोगों को अब तक पता नहीं चल पाया है। आज हम आपको उत्तर-पूर्वी राज्‍यों के इन्‍हीं रहस्‍यों के बारे में बताने जा रहे हैं ...

असम में दुनिया का सबसे बड़ा बनुकर गांव है

असम में दुनिया का सबसे बड़ा बनुकर गांव है

जी हां, चाय बागानों के लिए प्रसिद्ध असम में और भी बहुत कुछ है। सुआलकुची नामक गांख्‍ को दुनिया का सबसे बड़ा बुनकर गांव कहा जाता है। इस गांव के हर घर में लोग सिल्‍क के कपड़े की बुनाई का काम करते हैं और इसे मुगा कहते हैं जोकि असम के गोल्‍डन सिल्‍क के नाम से मशहूर है।

वर्तमान समयम में सुआलकुची नामक यह गांच सिल्‍क उत्‍पादन का प्रमुख केंद्र है और मार्केट में इसका बहुत महत्‍व है।pc:official site

यहां पर एक प्रजाति को मिली है दो देशों की नागरिकता

यहां पर एक प्रजाति को मिली है दो देशों की नागरिकता

नागालैंड के लोंग्‍वा गांव में एक बहुत ही अनोखा क्षेत्र है। यहां की अंतर्राष्‍ट्रीय सीमा भारत और म्‍यांमार के बीच है और ये सीमा गांव के मुखिया के घर से होकर गुज़रती है। इस गांव के आधे घर भारत में और आधे घर म्‍यांमार में स्थित हैं। इस तरह से गांव दो देशों के बीच बंटा हुआ है। हालांकि, यहां रहने वाले लोगों को आसपास घूमने के लिए वीज़ा की जरूरत नहीं पड़ती है क्‍योंकि इन लोगों के पास दोनों देशा की नागरिकता है।PC:Abhishekupadhyay609

 एक राज्‍य में 17 जनजातियों द्वारा 36 भाषाएं बोली जाती हैं

एक राज्‍य में 17 जनजातियों द्वारा 36 भाषाएं बोली जाती हैं

नागालैंड में आपको एक नहीं बल्कि 17 जनजातियां देखने को मिल जाएंगीं। इस जगह की संस्‍कृति, त्‍योहार और जीवनशैली एक-दूसरे से काफी अलग है एवं इतनी जनजातियों के कारण यहां पर हर साल ढेरा त्‍योहार मनाए जाते हैं। नागालैंड में सबसे ज्‍यादा प्रसिद्ध हॉर्नबिल फेस्टिवल है जोकि दिसंबर के महीने में मनाया जाता है और यहां पर इसे त्‍योहारों का त्‍योहार कहा जाता है।PC: Loyalu

एशिया का सबसे स्‍वच्‍छ गांव

एशिया का सबसे स्‍वच्‍छ गांव

एशिया का सबसे स्‍वच्‍छ गांव मावलीनोंग भी यहीं स्थित है। एशिया का सबसे साफ गांच मावलीनोंग शिलॉन्‍ग से लगभग 100 किमी की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा इस जगह की सबसे खास बात ये है कि यहां पर 95 परिवार रहते हैं और यहां की जनसंख्‍या में 100 प्रतिशत साक्षरता की दर है। इस वजह से भी ये गांव भारत के इतिहास और गौरव में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है।PC:Sai Avinash

महिला प्रधान है राज्‍य

महिला प्रधान है राज्‍य

मेघालय जैसा खूबसूरत राज्‍य न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य बल्कि महिला प्रधान समाज के लिए भी मशहूर है। इस बात का श्रेय खासी समुदाय हो जाता है। यहां पर परिवार का मुखिया महिलाओं को माना जाता है और महिलाओं को ही अपने माता-पिता की जमीन-जायदाद मिलने का कानूनी अधिकार प्राप्‍त है। इसके अलावा महिलाएं अपनी इच्‍छा से शादी के बाद अपने पति को तलाक देने का अधिकार भी रखती हैं। ये छोटा-सा पर्वतीय राज्‍य अपनी सामाजिक संरचना के लिए मशहूर है।

इंफाल की मदर मार्केट

इंफाल की मदर मार्केट

इंफाल की मदर मार्केट इंफाल की मदर मार्केट और ईमा केइथल को सफलतापर्वूक 3500 महिलाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस मार्केट में महिलाएं कई तरह की चीज़ें जैसे खाद्य उत्‍पाद, बर्तन और कपड़े आदि बेचती हैं। 100 सालों से भी ज्‍यादा समय से इस मार्केट का अस्तित्‍व है और आगे भी ये अपनी परंपरा को बनाए रखेगा।

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