रंगीलों राजस्थान....जब भी राजस्थान की कल्पना करो तो मन में उंचे उंचे रेतीले टीले, रंग-बिरंगे पारम्परिक परिधान और खूबसूरत हवेली महल आदि ही आते..जिन्हें देखने के लिए हर साल लाखों की तादाद में देसी समेत विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं।
जहाज़ महल की छत पर बना उस समय का स्विमिंग पुल!
अक्सर मै आपको अपने आर्टिकल के जरिये राजस्थान की खूबसूरत जगहों से दीदार कराती हूं, लेकिन आज मै आपको बताने जा रही हूं राजस्थान की कुछ भुतहा जगहों के बारे में, जिनके बारे में पढ़कर ही आपके चेहरे का रंग उड़ जाएगा। तो बिना देरी किये मै आपको ले चलती हूं राजस्थान की भुतहा जगहों के बारे में...
भानगढ़ किला
ये किला है राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ का किला । अगर यहां के स्थानीय लोगों की माने तो यहां आने के बाद पर्यटक आज भी एक अलग तरह के डर और बेचैनी का अनुभव करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि पुराने ज़माने में एक तांत्रिक ने इस महल पर काला जादू कर दिया था और तब से भानगढ़ किला, भूतिया किला हो गया। सूर्यास्त के बाद इस किले में लोगों का प्रवेश वर्जित है। इस किले के आसपास बने घरों की छतें नहीं रहती हैं। अगर उन छतों को बनवा दिया जाएं, तो अपने आप चटक कर टूट जाती हैं।PC: Navjot Singh
कुलधरा गांव
कुलधरा राजस्थान के जैसलमेर शहर से पश्चिम की ओर 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, एक उजड़ा हुआ गाँव,कुलधरा। किसी ज़माने में यह राजस्थान के किसी सुनियोजित संपन्न गाँव की तरह हुआ करता था। बताया जाता है कि,यहाँ के मुखिया की एक बेटी थी जो बहुत सुन्दर सभ्य और सुशील थी। मुखिया की बेटी की खूबसूरती देखकर जैसलमेर का ये दीवान सालिम सिंह भी मोहित हो उठा और वो किसी भी हाल में इस लड़की को अपने हरम में रखना चाहता था।जिसके चलते सालिम सिंह ने पहले मुखिया फिर सारे गाँव वालों पर दबाव बनाना शुरू किया। उस समय गांव पर सालिम सिंह के अत्याचार इस कद्र बढ़ गए थे कि लोगों का जीना मुश्किल हो गया। फिर एक दिन सारे ब्राह्मणों ने मिलकर पंचायत की और रातों रात इस गांव को छोड़ दिया। जाते समय ब्राह्मणों ने ईश्वर से प्रार्थना करते हुए इस गाँव को श्राप दिया की ये गांव हमेशा वीरान रहेगा और फिर कभी बसेगा नहीं। यहां आने वालों के मुताबिक जैसे जैसे आप इस गांव के खँडहर में चलते जाएंगे आपको एक अजीब सी ठंड और बेचैनी का एहसास होगा।PC:Suman Wadhwa
बृजराज भवन,कोटा
राजस्थान के कोटा में एक ऐसा भूतहा महल है जहां आज भी एक अंग्रेज अफसर का भूत घूमता है। ब्रिज राज भवन होटल 178 साल पुराना है। यहां 40वें बंगाल नेटिव इंफैंट्री के मेजर चार्ल्स बर्टन रहा करते थे। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय लोगों ने उनकी यहीं हत्या कर दी थी। 1980 में इसे धरोहर में बदल दिया गया। कोटा की पूर्व महारानी ने एक पत्रकार को बताया भी था कि उन्होंने कई बार यहां मेजर का भूत देखा है। कहते हैं मेजर इतने अनुशासन प्रिय थे कि आज उनका भूत भी जब गार्ड को ड्यूटी के वक्त सोता देखता है,तो यह भूत उसे तमाचे रसीद कर ड्यूटी याद करा देता है।
जगतपुरा, जयपुर
जगतपुरा जयपुर के रिहायशी इलाको में से एक है...यहां के लोगो की माने तो यहां रात में भूतों के भटकने के दावे किए हैं। यहां अकसर एक सफेद साया रात के अंधेरों में घूमते हुए देखा गया है।